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High Return During Market Crash : गोल्ड फंड, गोल्ड ETF और गोल्ड FOF ने बाजार में गिरावट के बावजूद 6 महीने या 1 साल में शानदार रिटर्न दिए हैं. (Image : Freepik)
High Return During Market Crash : म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने वाले देश के अधिकांश रिटेल इनवेस्टर शेयर बाजार में गिरावट से परेशान हैं. शेयर मार्केट में गिरावट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 6 महीने में सेंसेक्स (BSE Sensex) 10% से ज्यादा गिर चुका है, जबकि निफ्टी (NSE Nifty 50) में इसी दौरान 11% से ज्यादा गिरावट देखने को मिल चुकी है. लेकिन म्यूचुअल फंड की एक कैटेगरी ऐसी है, जिसने उथल-पुथल भरे इन्हीं 6 महीनों के दौरान 20% से ज्यादा रिटर्न दिया है. जबकि पिछले 1 साल में तो इनका रिटर्न 34% तक रहा है. ये कैटेगरी है गोल्ड में निवेश करने वाले गोल्ड फंड्स और गोल्ड ईटीएफ की. इस कैटेगरी की टॉप स्कीम्स के पिछले 6 महीने और 1 साल के रिटर्न के आंकड़े आप यहां देख सकते हैं.
म्यूचुअल फंड / 6 महीने का रिटर्न / 1 साल का रिटर्न
- UTI Gold ETF : 21.68% / 34.92%
- HDFC Gold ETF : 21.37% / 34.70%
- Invesco India Gold ETF FoF (Regular Plan) : 21.10% / 33.90 %
- DSP Gold ETF FoF (Regular Plan) : 21.08 % / 33.44 %
- LIC MF Gold ETF : 21.08 % / 34.27 %
- Quantum Gold Savings (Regular Plan) : 20.99 % / 34.59 %
- UTI Gold ETF FoF (Regular Plan) : 20.90 % / 34.70 %
- Nippon India Gold Savings (Regular Plan) : 20.82 % / 33.89 %
- SBI Gold (Regular Plan) : 20.80 % / 34.41 %
- LIC MF Gold ETF FoF (Regular Plan) : 20.77 % / 34.47 %
- HDFC Gold ETF Fund of Fund (Regular Plan) : 20.68 % / 34.09 %
- Invesco India Gold ETF : 20.66 % / 34.41 %
- ABSL Gold (Regular Plan) : 20.58 % / 33.81 %
- ICICI Pru Gold ETF (Regular Plan) : 20.47 % / 34.53 %
फिजिकल गोल्ड से जुड़ा है रिटर्न
गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Funds), गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) और गोल्ड फंड ऑफ फंड्स (Gold FoFs), तीनों ही अपने निवेशकों की तरफ से गोल्ड में पैसे लगाते हैं. यही वजह है कि इन सभी में किए गए निवेश पर सोने की तेजी के चलते शानदार रिटर्न मिले हैं. इन सभी का रिटर्न, फिजिकल गोल्ड की कीमतों के साथ बढ़ता-घटता है, लेकिन मैनेजमेंट स्टाइल, ट्रेडिंग मेथड और निवेश की लागत में अंतर होता है.
गोल्ड ETF
गोल्ड ETF पैसिव फंड्स होते हैं, जिन्हें स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट किया जाता है और निवेशक अपने ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए इन्हें खरीदते-बेचते हैं. एक्सचेंज पर स्टॉक्स की तरह ट्रेड किए जाने के कारण ही इन्हें एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Fund) कहते हैं. ये फंड सोने और उससे जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. आमतौर पर इनका एक्सपेंस रेशियो काफी कम होता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स (Gold Mutual Funds) को एक्टिव फंड्स की कैटेगरी में रखा जाता है. इसमें निवेश के फैसले फंड मैनेजर करते हैं. इनका निवेश गोल्ड ETF के अलावा, गोल्ड माइनिंग स्टॉक्स और गोल्ड डेरिवेटिव्स में भी हो सकता है. इनका एक्सपेंस रेशियो गोल्ड ईटीएफ से अधिक होता है.
गोल्ड FoF
गोल्ड फंड ऑफ फंड्स (Gold FoFs) मुख्य तौर पर दूसरे गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते हैं. इनमें दूसरे म्यूचुअल फंड्स की तरह लंपसम इनवेस्टमेंट या सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये निवेश की सुविधा भी मिलती है. इनका एक्सपेंस रेशियो भी आमतौर पर गोल्ड ईटीएफ से अधिक होता है, क्योंकि इनकी कुल लागत में फंड मैनेजमेंट की कॉस्ट के अलावा ईटीएफ की लागत भी जुड़ जाती है. गोल्ड में एक्सपोजर के लिए इनमें से कौन सा तरीका किस निवेशक के लिए बेहतर है, यह उनकी इनवेस्टमेंट स्टाइल और आर्थिक लक्ष्यों पर निर्भर है.
समझदारी से करें निवेश का फैसला
सोने को आम तौर पर सेफ हेवन इनवेस्टमेंट माना जाता है, लेकिन गोल्ड फंड्स या ईटीएफ का रिटर्न फिजिकल गोल्ड की मार्केट प्राइस से जुड़ा होता है, इसलिए इसमें रिटर्न की गारंटी नहीं होती. यही वजह है कि इन्हें आम तौर पर हाई रिस्क की रेटिंग दी जाती है. इसलिए इनमें निवेश का फैसला अपनी रिस्क लेने की क्षमता को ध्यान में रखकर ही लेना चाहिए.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी फंड या स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं. म्यूचुअल फंड के पिछले रिटर्न के भविष्य में भी जारी रहने की कोई गारंटी नहीं होती. निवेश से जुड़े फैसले पूरी जानकारी हासिल करने और निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)