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Home Loan EMI : बैंक भी लोन की ब्याज दरों में कटौती करते हैं, तो आपको EMI कम करने या लोन के टेन्योर को कम करने का ऑप्शन मिल सकता है. (AI Generated)
Home Loan EMI Calculation, RBI Rate Cut : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 6 जून 2025 को नीतिगत ब्याज दरों यानी रेपो रेट में 50 बेसिस अंकों की कटौती का एलान कर लोन लेने वालों को भारी राहत दी है. आरबीआई का नया रेपो 5.50% घोषित किया गया है. इस फैसले के बाद होम लोन लेने वालों की हर महीने दी जाने वाली किस्त यानी मंथली EMI में कमी आने की उम्मीद की जा रही है. आइए समझते हैं कि आरबीआई के इस फैसले से आपके होम लोन की EMI कितनी कम होने की उम्मीद की जा सकती है. समझने में आसानी के लिए हम 30 लाख रुपये के होम लोन पर होने वाली संभावित बचत का कैलकुलेशन भी करके देखेंगे.
EMI और ब्याज के बोझ में कितनी आएगी कमी
आपके होम लोन की ईएमआई (EMI) वास्तव में कितनी कम होगी, यह तो आपके बैंक की तरफ से ब्याज दरों में कटौती (Home Loan Interest) का एलान किए जाने के बाद ही तय होगा. लेकिन आरबीआई के फैसले के बाद बैंकों की तरफ से इसी अनुपात में ब्याज दरें घटाए जाने की उम्मीद की जा सकती है.
अगर आपने 30 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए के लिए लिया है, तो आपको कुल 240 मंथली EMI देनी होगी.
अगर आपके होम लोन की सालाना ब्याज दर 8.75 है, तो आपकी मंथली EMI करीब 26,511 रुपये होगी.
20 साल में आपको इंटरेस्ट पेमेंट यानी ब्याज भुगतान के तौर पर कुल करीब 33,62,717 रुपये देने होंगे.
लोन अमाउंट और ब्याज मिलकर आपको बैंक को 63,62,717 रुपये देने होंगे.
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रेट कट के बाद EMI कैलकुलेशन
रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट्स की कटौती के बाद, अगर आपका बैंक ब्याज दर में इतनी ही कटौती करता है, तो आपके होम लोन की सालाना ब्याज दर 8.75% से घटकर 8.25% हो जाएगी.
ऐसे में आपकी EMI घटकर करीब 25,562 रुपये हो जाएगी. यानी आपको हर महीने ईएमआई के तौर पर 949 रुपये कम देने होंगे.
20 साल में आपका कुल इंटरेस्ट पेमेंट भी घटकर करीब 31,34,873 रुपये रह जाएगा.
लोन अमाउंट और ब्याज मिलकर आपको बैंक को 61,34,873 रुपये देने होंगे.
20 साल में आपकी कुल बचत करीब 2,27,844 रुपये होगी.
लोन की EMI घटाएं या टेन्योर?
जब ब्याज दरों में कटौती होती है, तो बैंक आपको EMI कम करने या लोन के टेन्योर को कम करने का ऑप्शन देते हैं. अगर आप EMI को कम करने की जगह लोन के टेन्योर को घटाने का फैसला करते हैं, तो आप कुल इंटरेस्ट पेमेंट में ज्यादा पैसे बचा सकते हैं और अपना लोन जल्दी खत्म कर सकते हैं.
मान लीजिए आप ब्याज दर 8.75 फीसदी से घटकर 8.25 फीसदी होने के बाद भी अपनी मंथली EMI को 26,511 रुपये पर ही बनाए रखते हैं.
ऐसे में आपके लोन की कुल EMI की संख्या 240 से घटकर 230 हो जाएगी.
यानी आपको उतना ही लोन चुकाने के लिए 10 EMI कम देनी होगी.
इसका मतलब यह हुआ कि आपका लोन 10 महीने पहले खत्म हो जाएगा.
बैंकों पर कैसे पड़ता है रेपो रेट का असर?
आरबीआई के रेपो रेट घटाने के एलान मतलब यह नहीं है कि कॉमर्शियल बैंकों की ब्याज दरें अपने आप घट जाएंगी. लेकिन अक्टूबर 2019 के बाद से, सभी फ्लोटिंग रेट होम लोन को बाहरी बेंचमार्क से जोड़ा गया है, जिसमें रेपो रेट भी शामिल है. इसलिए रेपो रेट में कटौती का असर होम लोन की ब्याज दरों पर पड़ता है.
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर RBI कॉमर्शियल बैंकों को शॉर्ट टर्म के लिए फंड उधार देता है. यानी जब RBI रेपो रेट में कटौती करता है, तो बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता हो जाता है, जिससे उनकी फंड की लागत कम होती है. लिहाजा, वे अपने ग्राहकों को कम ब्याज दर पर लोन दे सकते हैं.