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म्यूचुअल फंड की 5 डिविडेंड स्कीम ने 5 साल में पैसा किया 3 से 4 गुना, सभी में 25% से ज्यादा की दर से मिल रहा रिटर्न

Dividend Yield Funds : जिस तरह से बहुत सी कंपनियां अपने स्टॉक खरीदने वालों को समय समय पर डिविडेंड देती रहती हैं, उसी तरह से कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम के जरिए भी डिविडेंड का फायदा मिलता है.

Dividend Yield Funds : जिस तरह से बहुत सी कंपनियां अपने स्टॉक खरीदने वालों को समय समय पर डिविडेंड देती रहती हैं, उसी तरह से कुछ म्यूचुअल फंड स्कीम के जरिए भी डिविडेंड का फायदा मिलता है.

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Sushil Tripathi
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Dividend Fund : डिविडेंड देने वाले कुछ म्‍यूचुअल फंड 5 साल में 25 से 33 फीसदी सालाना की दर से रिटर्न दे रहे हैं. (Freepik)

Mutual Funds Dividend Plan : जिस तरह से बहुत सी कंपनियां अपने स्टॉक खरीदने वालों को समय समय पर डिविडेंड देती रहती हैं, उसी तरह से म्यूचुअल फंड्स के जरिए भी डिविडेंड का फायदा मिलता है. म्यूचुअल फंड अपने निवेश से होने वाली इनकम का एक हिस्सा निवेशकों को डिविडेंड के रूप में देते हैं. डिविडेंड का डिस्ट्रिब्यूशन कैश या एक्स्ट्रा यूनिट के रूप में हो सकता है. एक बात नोट करने वाली है कि डिविडेंड देने वाले म्‍यूचुअल फंड का रिटर्न भी हाई है. 5 साल के रिटर्न चार्ट पर करीब 50 फीसदी स्कीम ऐसी हैं, जिनमें 25 फीसदी सालाना से अधिक रिटर्न मिला है. यानी उन्‍होंने निवेशकों का पैसा कम से कम 3 गुना कर दिया. 

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म्यूचुअल फंड कैसे देते हैं डिविडेंड? 

म्यूचुअल फंड निवेशकों से जुटाई गई रकम को स्टॉक, बॉन्ड या रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) में निवेश करते हैं. इन निवेश से होने वाली आय, जैसे स्टॉक डिविडेंड, बॉन्ड यील्ड और एसेट्स का किराया, फंड की कुल आय में योगदान देता है. अगर कोई एसेट प्रॉफिट पर बेची जाती है, तो उसे कैपिटल प्रॉफिट कहा जाता है.

फंड मैनेजर तय करते हैं कि इस इनकम का कितना हिस्सा डिविडेंड के रूप में और कब बांटा जाना चाहिए. ग्रोथ फंड ज्यादा प्रॉफिट के लिए इनकम को फिर से निवेश करते हैं, जबकि इनकम फंड मंथली या तिमाही डिस्ट्रिब्युशन जैसे रेगुलर पेमेंट ऑफर करते हैं. निवेशकों तक डिविडेंड की पहुंच म्यूचुअल फंड हाउस निवेशकों के बीच उनकी यूनिट होल्डिंग के आधार पर डिविडेंड बांटते हैं. यह पेमेंट सीधे निवेशकों के अकाउंट में कैश के रूप में या अगर निवेशक री-इनवेस्मेंट ऑप्शन चुनता है तो नई यूनिट के तौर पर मिलता है. 

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5 साल में पैसा 3 से 4 गुना करने वाले 5 फंड

ICICI Pru Dividend Yield Equity : 33.34%
1 लाख रुपये निवेश की 5 साल में वैल्‍यू : 4,21,505 रुपये (4.22 लाख)
 
Templeton India Equity Income : 29.20%
1 लाख रुपये निवेश की 5 साल में वैल्‍यू : 3,60,008 रुपये (3.60 लाख)

ABSL Dividend Yield : 26.53%
1 लाख रुपये निवेश की 5 साल में वैल्‍यू : 3,24,315 रुपये (3.24 लाख)

LIC MF Dividend Yield : 26.42%
1 लाख रुपये निवेश की 5 साल में वैल्‍यू : 3,22,908 रुपये (3.22 लाख)

UTI Dividend Yield : 25.08%
1 लाख रुपये निवेश की 5 साल में वैल्‍यू : 3,06,154 रुपये (3.06 लाख)

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डिविडेंड स्टॉक्स में होता है निवेश

डिविडेंड यील्‍ड फंड की खास बात है कि इनके पोर्टफोलियो का ज्यादातर निवेश उन कंपनियों के शेयरों में किया जाता है, जो लगातार डिविडेंड (Dividend Stocks) देते हैं. इस तरह से ये फंड ज्यादातर मुनाफा कमाने वाली कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं. सेबी के नियमों के मुताबिक किसी भी डिविडेंड यील्ड इक्विटी फंड का कम से कम 65% निवेश डिविडेंड देने वाले शेयरों में होना जरूरी है. इन फंड्स को लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए बेहतर माना जाता है.

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हालांकि ध्‍यान रहे कि जब कोई फंड डिविडेंड का पेमेंट करता है, तो उसका नेट एसेट वैल्यू (एनएवी) उस रेश्यो में घटता है. मान लिया कि आपके फंड का एनएवी 52 रुपए है और यह 5 रुपए का डिविडेंड देता है, तो एनएवी घटकर 47 रुपए हो जाएगा. री-इनवेस्टमेंट किए बिना बार-बार डिविडेंड हासिल करने से ग्रोथ धीमा हो सकता है और ग्रॉस रिटर्न पर असर पड़ सकता है.

(नोट : किसी भी इक्विटी फंड में पुराना रिटर्न आगे भी जारी रहेगा या नहीं, इसकी गारंटी नहीं है. यह भविष्य में कायम भी रह सकता है और नहीं भी. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)

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