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Best Index Fund : बेस्ट इंडेक्स फंड चुनने का है इरादा? स्मार्ट इनवेस्टर हैं तो इन बातों को अनदेखा न करें

Mutual Fund Investing: स्मार्ट निवेशक वही होता है जो निवेश के लिए बेस्ट इंडेक्स फंड का चुनाव करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखता है. आइए जानते हैं कि क्या हैं ये जरूरी बातें.

Mutual Fund Investing: स्मार्ट निवेशक वही होता है जो निवेश के लिए बेस्ट इंडेक्स फंड का चुनाव करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखता है. आइए जानते हैं कि क्या हैं ये जरूरी बातें.

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Viplav Rahi
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How to Choose Best Index Fund: निवेश के लिए बेस्ट इंडेक्स फंड का चुनाव करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (Image : Pixabay)

How to Choose Best Index Fund: इंडेक्स फंड को इक्विटी यानी स्टॉक्स में निवेश करने का आसान और तुलनात्मक रूप से कम रिस्क वाला ऑप्शन माना जाता है. अलग-अलग इंडेक्स फंड शेयर बाजार के अलग-अलग इंडेक्स के प्रदर्शन को ट्रैक करते है. लेकिन कई बार निवेशकों के लिए सही इंडेक्स फंड का चुनाव करना भी आसान नहीं होता. खासकर उन हालात में, जब बाजार में एक तरह के इंडेक्स को ट्रैक करने वाले कई ऑप्शन मौजूद हों. ऐसे में किसी स्मार्ट इनवेस्टर को निवेश के लिए बेस्ट इंडेक्स फंड का चुनाव करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

इन दो पैमानों पर जरूर करें गौर 

दरअसल, निवेश के लिए सही इंडेक्स फंड का सेलेक्शन करते समय जिन दो बातों या पैमानों (Key Parameters) पर ध्यान देना सबसे ज्यादा जरूरी है, वो हैं : 1. एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio) और 2. ट्रैकिंग एरर (Tracking Error). इन दोनों पैरामीटर्स को सही ढंग से समझने के बाद आप इंडेक्स फंड का चुनाव करते समय बेहतर फैसला कर पाएंगे.

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क्यों अहम है एक्सपेंस रेशियो पर ध्यान देना?

इंडेक्स फंड में निवेश करते समय सबसे पहले आपको उस फंड के एक्सपेंस रेशियो पर ध्यान देना चाहिए. एक्सपेंस रेशियो वह फीस है, जो म्यूचुअल फंड हाउस निवेशकों से चार्ज करता है. 

कम एक्सपेंस रेशियो यानी ज्यादा मुनाफा : कम एक्सपेंस रेशियो वाले फंड लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न देते हैं, क्योंकि उनकी फीस कम होती है. उदाहरण के लिए, अगर एक फंड 0.10% फीस लेता है और दूसरा फंड 0.25%, तो पहले वाले फंड का रिटर्न बेहतर होगा, बशर्ते दोनों फंड अन्य सभी मामलों में समान हों.

लागत बचाएं, रिटर्न बढ़ाएं: जब आप लंबे समय तक निवेश करते हैं, तो छोटे-छोटे खर्च भी आपके रिटर्न को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए, हमेशा कम खर्च वाले फंड का चयन करें.

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ट्रैकिंग एरर को समझना भी है जरूरी  

ट्रैकिंग एरर का मतलब है वह अंतर, जो किसी इंडेक्स फंड के प्रदर्शन और उसके बेंचमार्क इंडेक्स के प्रदर्शन के बीच होता है. सही इंडेक्स फंड का चुनाव करते सम. इस अंतर पर दौर करना भी जरूरी है. 

कम ट्रैकिंग एरर यानी ज्यादा सटीक नतीजे : अगर किसी फंड का ट्रैकिंग एरर कम है, तो इसका मतलब है कि वह फंड अपने बेंचमार्क इंडेक्स को सही ढंग से ट्रैक कर रहा है. इससे निवेशक को इंडेक्स के बराबर या उससे बहुत नजदीकी रिटर्न मिलते हैं.

सटीक होने का महत्व  : एक इंडेक्स फंड का मुख्य उद्देश्य अपने बेंचमार्क इंडेक्स को सही तरीके से ट्रैक करना है. इसलिए, आपको ऐसे फंड का चुनाव करना चाहिए, जिसका ट्रैकिंग एरर कम हो, ताकि बाजार के उतार-चढ़ाव का पूरा लाभ उठाया जा सके.

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इंडेक्स फंड में निवेश से पहले इन बातों पर गौर करें

  • जटिलता से बचाव : इंडेक्स फंड ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर हैं, जो शेयर बाजार में निवेश करने से जुड़ी जटिल बातों से बचना चाहते हैं. 

  • सरल और स्थिर रिटर्न : इंडेक्स फंड सीधे किसी खास इंडेक्स को फॉलो करते हैं, जिससे निवेशकों को स्टॉक मार्केट के उतार-चढ़ाव की चिंता कम होती है. यह फंड लंबी अवधि में बाजार के औसत प्रदर्शन के बराबर या उससे थोड़ा अधिक रिटर्न देते हैं.

  • जोखिम कम, लाभ ज्यादा : इंडेक्स फंड में जोखिम कम होता है, क्योंकि ये पूरे इंडेक्स को ट्रैक करने के कारण काफी डायवर्सिफाइड होते हैं. 

  • कम खर्च का फायदा : पैसिव फंड होने के कारण इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेशियो आमतौर पर एक्टिव फंड्स की तुलना में कम होता है, जिससे कुल रिटर्न पर अच्छा असर पड़ता है.

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सावधानी से करें निवेश का फैसला 

अगर आप इंडेक्स फंड में निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो यह बात ध्यान में रखें कि ज्यादातर इक्विटी फंड्स की तरह ही इंडेक्स फंड भी उन निवेशकों के लिए सही होते हैं, जो लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं. साथ ही ये भी न भूलें कि पूरी तरह इक्विटी में निवेश करने की वजह से इनमें मार्केट रिस्क काफी रहता है. भले ही सीधे स्टॉक्स में निवेश करने की तुलना में यह रिस्क कम हो, लेकिन बाजार के उतार-चढ़ाव का इन पर सीधा असर पड़ता है. लिहाजा, इंडेक्स फंड में उन्हीं निवेशकों को पैसे लगाने चाहिए, जो रिस्क उठाने की क्षमता रखते हों.

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