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IPO Return : प्राइमरी मार्केट ऐसी जगह है, जहां इश्यू की पहचान हो तो बेहद कम समय में आपको अपने निवेश पर हाई रिटर्न मिल सकता है. (Image: Shutterstock)
How to select strong IPO : आईपीओ (IPO) मार्केट में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है. फरवरी के बाद प्राइमरी मार्केट में जो सन्नाटा छाया हुआ था, अब दूर हो रहा है. बीते दिनों कई आईपीओ लॉन्च हुए तो आगे भी आने वाले आईपीओ की लंबी चौड़ी लिस्ट दिख रही है. कई कंपनियां एक बार फिर अपना आईपीओ लाने के लिए तैयार हैं. प्राइमरी मार्केट ऐसी जगह है, जहां इश्यू की पहचान हो तो बेहद कम समय में आपको अपने निवेश पर हाई रिटर्न मिल सकता है.
पिछले कुछ सालों में ऐसे कई आईपीओ रहे हैं, जिनकी लिस्टिंग इश्यू प्राइस से 100 फीसदी ज्यादा प्रीमियम पर हुई है. या लिस्ट होने के बाद वे बहुत कम समय में इश्यू प्राइस से डबल या ट्रिपल (Multibagger Stocks) हो गए. आप भी इसी तरह का रिटर्न चाहते हैं तो सही आईपीओ की पहचान रूरी है.
सही IPO चुनने के पीछे 10 सीक्रेट
1. अगर कंपनी की प्रोफाइल मजबूत है लेकिन आपको शेयरों का अवंटन नहीं मिला. ऐसे में लिस्टिंग डे पर शेयर न खरीदें. शेयर में तेजी आने की पूरी उम्मीद है तो उसमें गिरावट आने का इंतजार करें. फिर उसे पोर्टफोलियो में शामिल करें.
2. कई बार आकर्षक दिखने वाला आईपीओ भी नुकसान करा देता है. इसलिए शेयर चुनते समय यह देख लें कि कंपनी मुनाफे में है या नहीं. अगर नहीं है तो उसके मुनाफे में आने का इंतजार करें.
3. कंपनी मैनेजमेंट का रिकॉर्ड जरूर चेक करें. कंपनी के मैनेजमेंट टीम और प्रमोटर्स की विश्वसनीयता और योग्यता के बारे में जानकारी लें. इसलिए DRHP को सही से पढ़ें.
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4. कंपनी का फाइनेंशियल जरूर चेक करें. बेहतर फाइनेंशियल प्रदर्शन करने के आधार पर आप एक अच्छा आईपीओ चुन सकते हैं.
6. इश्यू प्राइस का वैल्युओएशन जरूर देखें कि कहीं ये समान बिजनसे करने वाली दूसरी लिस्टेाड कंपनियों से महंगा तो नहीं है. ज्याटदा वैल्युएशन से आगे शेयर पर दबाव रह सकता है.
6. अर्निंग प्रति शेयर (EPS) पर फोकस करें. EPS से भी किसी कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति का पता लगाया जा सकता है. कंपनी को होने वाले शुद्ध मुनाफे से हर शेयर के हिस्से में कितनी रकम आएगी उसे ही EPS कहते हैं.
7. अगर आप किसी आईपीओ में निवेश करने जा रहे हैं तो सबसे पहले उसके अपर प्राइस बैंड पर फोकस करें. इससे इसके सही वैल्युएशन का आंकलन किया जा सकता है.
8. P/E रेश्यो की दूसरी उन कंपनियों से तुलना करें, जो एक ही इंडस्ट्री और करीब एक ही साइज की हों.
9. ऐसी कंपनियों की पहचान करें, जिनका बिजनेस मॉडल आगे भी सस्टेमन करने वाला हो.
10. डाइवर्सिफाइड बिजनेस वाली कंपनियां बेहतर विकल्पि साबित हो सकती हैं.
(नोट: इनमें से कुछ टिप्स अलग अलग ब्रोकरेज हाउस की वेबसाइट से या एक्सपर्ट से बातचीत के आधार पर लिए गए हैं.)
कंपनियां क्यों लाती हैं IPO
कंपनियों को अपने कारोबार का विस्तार करने करने के लिए पैसे की जरूरत होती है. ऐसे में आईपीओ के जरिए कंपनियां पूंजी जुटाती हैं और जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल कारोबार को बढ़ाने में करती हैं. इसी वजह से समय समय पर कंपनियां आईपीओ लाती रहती हैं.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. इसमें किसी भी रूप में निवेश करने से पहले पूरी पड़ताल कर लें. अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह कर लें.)