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How to switch Income Tax Regime : अगर आप ओल्ड या न्यू इनकम टैक्स रिजीम के अपने पहले किए गए सेलेक्शन को बदलना चाहते हैं, तो इसकी प्रक्रिया को ठीक से समझना जरूरी है. (Image : Financial Express)
How to switch your Income Tax Regime : 1 अप्रैल 2023 यानी वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत से ही सरकार न्यू टैक्स रिजीम (New Income Tax Regime) को डिफॉल्ट बना चुकी है. इसका मतलब ये कि अगर आपने अपने एंप्लॉयर को पुरानी टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) चुनने के लिए औपचारिक रूप से सूचित नहीं किया है, तो आपको अपने आप ही न्यू इनकम टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में डाल दिया जाएगा. ऐसे में आपका एंप्लॉयर वेतन से न्यू टैक्स रिजीम के आधार पर टीडीएस (TDS) काट लेगा. अगर आप भी उन लोगों में हैं, जिन्हें इस जरूरत पर ध्यान नहीं देने की वजह से न्यू टैक्स रिजीम में डाल दिया गया है या फिर आप साल की शुरुआत में चुने गए अपने विकल्प को बदलकर अब ओल्ड टैक्स रिजीम को चुनना चाहते हैं, तो यहां दी जा रही जानकारी आपके काम की है.
आपके एंप्लॉयर की पॉलिसी क्या है?
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने इस बारे में अप्रैल 2023 में जो सर्कुलर जारी किया था, उसमें यह साफ नहीं है कि कोई सैलरी पाने वाला कर्मचारी वित्त वर्ष की शुरुआत में चुनी गई टैक्स रिजीम को उसी वित्त वर्ष के दौरान बदल सकता है या नहीं. यानी अगर किसी कर्मचारी ने अप्रैल 2023 में न्यू टैक्स रिजीम को चुन लिया हो, तो वह फरवरी 2024 में उसे बदल कर ओल्ड टैक्स रिजीम में जा सकता है या नहीं, इस बारे में सर्कुलर खामोश है. लेकिन टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि कर्मचारी अपनी कंपनी या एंप्लॉयर की पॉलिसी के आधार पर वित्त वर्ष के दौरान भी अपनी टैक्स रिजीम बदल सकते हैं. लेकिन अगर कोई एंप्लॉयर अपने कर्मचारियों को वित्त वर्ष के दौरान टैक्स रिजीम बदलने की छूट नहीं देता तो क्या करें?
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ITR दाखिल करते समय भी चुन सकते हैं टैक्स रिजीम
मौजूदा आयकर कानून किसी व्यक्ति को आयकर रिटर्न (Income Tax Returns) दाखिल करते समय भी पुरानी या न्यू टैक्स रिजीम में से किसी एक का चुनाव करने की छूट देता है. यानी करदाता ने वित्त वर्ष की शुरुआत में टीडीएस की कटौती के लिए चाहे जो भी टैक्स रिजीम चुनी हो, रिटर्न भरते समय वे नए सिरे से टैक्स रिजीम का चुनाव कर सकते हैं. सीबीडीटी की तरफ से साफ किया जा चुका है कि एंप्लॉयर अपने कर्मचारी से उसके पसंदीदा टैक्स रिजीम के बारे में जो भी विकल्प चुनने को कहता है, उसका मकसद टीडीएस की कटौती है. लेकिन आयकर रिटर्न दाखिल करते समय चुनी गई टैक्स रिजीम उससे अलग भी हो सकती है. यानी अगर किसी कर्मचारी ने अपने एंप्लॉयर को डिफ़ॉल्ट टैक्स रिजीम (New Tax Regime) चुनने के लिए कहा था, तो भी वह आयकर रिटर्न दाखिल करते समय ओल्ड टैक्स रिजीम को चुन सकता है.
ITR दाखिल करते समय कैसे स्विच करें टैक्स रिजीम?
केंद्र सरकार ने 2020 के बजट में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 115BAC के तहत न्यू टैक्स रिजीम को पेश किया है. यह सेक्शन उन सभी टैक्सपेयर्स को आयकर रिटर्न दाखिल करते समय हर वित्त वर्ष के लिए टैक्स रिजीम चुनने की छूट देता है, जिनकी कोई बिजनेस इनकम नहीं है. वेतनभोगी कर्मचारी हर साल यह चुनाव कर सकते हैं, लेकिन बिजनेस इनकम वालों को एक बार न्यू टैक्स रिजीम से बाहर जाने के बाद दोबारा उसे चुनने की छूट नहीं है.
नए ITR फॉर्म में क्या दिया है
सीबीडीटी ने वित्त वर्ष 2023-24 (AY 2024-25) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फॉर्म जारी कर दिए हैं. इस फॉर्म में रिटर्न फाइल करने से पूछा गया है, “क्या आप सेक्शन 115BAC(6) के तहत दिए गए विकल्प का चुनाव करके न्यू टैक्स रिजीम से बाहर आना चाहते हैं?” इसका डिफॉल्ट जवाब है "No" या ‘नहीं’. यानी अगर आप डिफॉल्ट जवाब को बदलते नहीं हैं, तो आप न्यू टैक्स रिजीम में ही रहेंगे. लेकिन अगर आप पुरानी टैक्स रिजीम को चुनना चाहते हैं, तो आपको ऊपर पूछे गए प्रश्न के जवाब में "Yes" यानी “हां” को सेलेक्ट करना होगा, जिससे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट समझ जाएगा कि आप पुरानी टैक्स रिजीम को सेलेक्ट करना चाहते हैं. इसके बाद आपकी इनकम टैक्स देनदारी पुरानी टैक्स रिजीम के टैक्स-स्लैब के हिसाब से कैलकुलेट की जाएगी.
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बिजनेस इनकम वाले क्या करें?
अगर आप सैलरीड क्लास से नहीं हैं या नौकरी के अलावा आपकी बिजनेस इनकम भी है, तो भी आप न्यू टैक्स रिजीम से बाहर निकलकर ओल्ड टैक्स रिजीम में स्विच कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख से पहले सेक्शन 139(1) के तहत फॉर्म नंबर 10-IEA में दिए विकल्प का इस्तेमाल करना होगा. लेकिन ऐसे लोगों को सैलरीड क्लास की तरह हर साल टैक्स रिजीम चुनने की छूट नहीं है.
टैक्स रिजीम बदलते समय इन बातों का रखें ध्यान
अगर आप आयकर रिटर्न दाखिल करते समय न्यू टैक्स रिजीम से ओल्ड टैक्स रिजीम में स्विच करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको 31 मार्च, 2024 तक अपने सभी टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट्स और खर्चों को पूरा कर लेना होगा. तभी आप वित्त वर्ष 2023-24 (AY 2024-25) के लिए ओल्ड टैक्स रिजीम में हासिल तमाम टैक्स छूट का पूरा लाभ ले पाएंगे. इसके अलावा आपको इन सबके प्रूफ भी अपने पास सुरक्षित रखने होंगे, क्योंकि आपके एंप्लॉयर की तरफ से दिए गए फॉर्म 16 और टीडीएस सर्टिफिकेट उनका जिक्र नहीं होगा. इसलिए आपको आईटीआर फॉर्म में ये सभी विवरण अलग से भरने होंगे और आयकर विभाग की तरफ से मांगे जाने पर सारे प्रूफ मुहैया कराने होंगे. वहीं अगर यह बदलाव ओल्ड से न्यू टैक्स रिजीम में किया जाता है, तो आप ओल्ड रिजीम में मौजूद तमाम छूटों की तुलना में सिर्फ दो डिडक्शन हासिल कर सकते हैं - पहला, वेतन या पेंशन से स्टैंडर्ड डिडक्शन और दूसरा NPS रे टियर- 1 अकाउंट में एंप्लॉयर का कंट्रीब्यूशन. ये दोनों छूट ओल्ड टैक्स रिजीम में भी मौजूद हैं, इसलिए अगर आपने पहले ओल्ड रिजीम चुनी थी, तो भी इनका जिक्र आपके फॉर्म 16 में होना चाहिए.