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Income Tax Rate Cut Likely in Union Budget 2025: केंद्र सरकार आने वाले बजट में इनकम टैक्स घटाने पर विचार कर रही है. (Image : Financial Express)
Income Tax Rate Cut Likely in Union Budget 2025: केंद्र सरकार आने वाले बजट में इनकम टैक्स घटाने पर विचार कर रही है. एक ताजा रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि आयकर में इस संभावित कटौती का लाभ उन लोगों को मिल सकता है, जिनकी सालाना आमदनी 15 लाख रुपये तक है. रॉयटर्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार फरवरी 2025 में पेश होने वाले बजट में इनकम टैक्स घटाने पर विचार कर रही है. यह कदम मुख्य रूप से मध्यम वर्ग और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को राहत देने के लिए उठाया जा सकता है.
मध्यम वर्ग को मिलेगी राहत
रिपोर्ट के मुताबिक शहरी इलाकों में रहने वाले लोग अक्सर हाई कॉस्ट ऑफ लिविंग और वेतन में मामूली बढ़ोतरी के कारण आर्थिक दबाव का सामना कर रहे हैं. सरकार का मानना है कि इनकम टैक्स घटाने से उनके हाथों में अधिक पैसे आएंगे, जिससे उनकी खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी. इससे न केवल पर्सनल एक्सपेंडीचर में सुधार होगा बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. उम्मीद है कि इस बदलाव का सबसे ज्यादा फायदा उन लोगों को होगा, जिनकी सालाना आमदनी 15 लाख रुपये तक है.
न्यू टैक्स रिजीम को मिलेगा बढ़ावा
2020 में शुरू की गई न्यू टैक्स रिजीम के तहत 3 लाख रुपये से 15 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर 5% से 20% तक टैक्स लगाया जाता है. हालांकि, इसमें हाउसिंग रेंटल और बीमा जैसी छूटों का लाभ नहीं मिलता है. सरकार का मानना है कि टैक्स रेट घटाने से अधिक लोग इस नए सिस्टम को अपनाएंगे, जो सरल और कम जटिल है.
कितना हो सकता है टैक्स कटौती का असर?
रिपोर्ट में इस संभावित टैक्स कटौती की कोई दर नहीं बताई गई है. फिर भी इस कदम से सरकार की रेवेन्यू में कुछ कमी हो सकती. लेकिन लंबी अवधि में यह फैसला टैक्स कंप्लायंस और टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ाने में कारगर साबित हो सकता है और टैक्स कलेक्शन में स्थिरता ला सकता है.
सरकार की लोकप्रिता बढ़ेगी
मिडिल क्लास यानी मध्यम वर्ग लंबे अरसे से टैक्स रेट कम करने की मांग करता आ रहा है. बढ़ती महंगाई और वेतन में बेहद मामूली बढ़ोतरी के चलते लोग अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित हैं. इनकम टैक्स में कटौती से न केवल उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी बल्कि यह कदम मध्य वर्ग में सरकार की लोकप्रियता बढ़ाने में भी मददगार साबित हो सकता है.
कंज्यूमर डिमांड बढ़ने से होगा लाभ
अगर यह प्रस्ताव बजट 2025 में लागू होता है, तो यह मध्यम वर्ग के लिए एक बड़ी राहत होगी. भारत में हाल के महीनों में आर्थिक विकास दर धीमी हुई है. जुलाई से सितंबर तिमाही में विकास दर सात तिमाहियों में सबसे कम रही. इसके साथ ही, फूड इंफ्लेशन और अन्य जरूरी चीजों की कीमतों में तेजी ने भी लोगों की खर्च करने की क्षमता पर असर डाला है. ऐसे में टैक्स कटौती का यह कदम डिमांड को रिवाइव करने में मदद कर सकता है. मध्यम वर्ग की खर्च करने की क्षमता बढ़ने से बाजार में कंज्यूमर डिमांड बढ़ सकती है. इसका सकारात्मक प्रभाव ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी, और रियल एस्टेट जैसे सेक्टर्स पर भी पड़ सकता है. कुल मिलाकर यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने वाला साबित हो सकता है.