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Income Tax Refund : इनकम टैक्स रिफंड तभी मिलता है, जब आपने सरकार को जो टैक्स चुकाया है वह आपकी वास्तविक टैक्स लायबिलिटी से अधिक होता है. (AI Image)
Income Tax Return perfect Filing 2025 : पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाले 26 साल के अनुज (आईटी प्रोफेशनल) को उस समय यकीन नहीं हुआ, जब उन्होंने देखा कि अनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद महज 5 से 6 घंटों के अंदर उनका रिफंड उनके बैंक अकाउंट में आ चुका था. उन्होंने रिटर्न भी खुद भरा था और डर रहे थे कि कोई गलती न हो, जिसके चलते उनका रिफंड लटक जाए.
लेकिन उन्होंने बेहद सावधानी से रिटर्न फाइल किया और उसी दिन रिफंड भी मिल गया. अनुज की तरह और भी बहुत से युवा हैं, जो फर्स्ट टाइम रिटर्न भर रहे होंगे, लेकिन खुद से प्रॉसेस करने में डर लग रहा होगा. लेकिन यह काम मुश्किल नहीं है और बहुत आसानी से किया जा सकता है. हमने यहां इसके लिए पूरी गाइडलाइंस दी है.
कब मिलता है इनकम टैक्स रिफंड
बता दें कि इनकम टैक्स रिफंड तभी मिलता है, जब आपने सरकार को जो टैक्स चुकाया है वह आपकी वास्तविक टैक्स लायबिलिटी से अधिक होता है. यह अतिरिक्त टैक्स फाइनेंशियल ईयर के दौरान अधिक TDS कटौती या एडवांस टैक्स पेमेंट के कारण हो सकता है. इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करते समय रिफंड का दावा किया जाता है. फिलहाल अगर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR 2025) करने की डेडलाइन नहीं बढ़ती है तो 15 सितंबर तक बिना पेनल्टी के आप अपना आईटीआर फाइल कर सकते हैं. पेनल्टी के साथ यह डेडलाइन 31 दिसंबर 2025 है.
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ITR : पहले से भरे डेटा से आईटीआर फाइलिंग आसान
कई सालों तक ITR भरना टैक्सपेयर के लिए मुश्किल काम माना जाता था. लोगों को लगता था कि सिर्फ चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) ही जटिल डिडक्शन और रिटर्न फाइलिंग समझ सकते हैं. इसी डर से ज्यादातर लोग आज भी CA की मदद लेते हैं और प्रोफेशनल फीस चुकाते हैं, ताकि गलती न हो जाए या जटिल फॉर्म में न उलझें. लेकिन अब प्री-फिल्ड ITR फॉर्म की सुविधा से यह प्रक्रिया काफी आसान और कम झंझट वाली हो गई है.
आसान ITR फॉर्म और यूटिलिटी की वजह से अब ज्यादातर जानकारी अपने-आप भर जाती है. टैक्सपेयर को बस रिव्यू करना, ज़रूरी बदलाव करना, कन्फर्म करना और सबमिट करना होता है. इसका मतलब है कि आप खुद ही ITR फाइल कर सकते हैं, पैसे बचा सकते हैं और घर बैठे यह काम पूरा कर सकते हैं. हां, जहां लेन-देन ज्यादा जटिल हों, वहां अब भी प्रोफेशनल की मदद जरूरी रहती है.
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पहली बार ITR फाइल कर रहे हैं? इन बातों का रखें ध्यान
स्टेप 1 : अगर आप पहली बार ITR भर रहे हैं और सैलरीड हैं, तो आपको बस अपने Form 16 (नियोक्ता द्वारा दिया गया) से सारी प्री-फिल्ड डिटेल्स मिलाकर देखनी हैं और अपनी पर्सनल डिटेल्स कन्फर्म करनी हैं. इससे प्रक्रिया और आसान हो जाती है.
स्टेप 2 : AIS और Form 26AS पहले डाउनलोड करें, इन्हें ई-फाइलिंग पोर्टल से डाउनलोड करें और ध्यान से देखें कि सारे ट्रांजेक्शन सही हैं या नहीं. ITR भरते समय इन्हें पास रखें.
स्टेप 3 : सही ITR फॉर्म चुनें. अगर आपकी इनकम सिर्फ सैलरी से है और आपने शेयर या इक्विटी ट्रेडिंग नहीं की है, तो ITR-1 चुनें. अगर आपकी आय में FD या सेविंग अकाउंट का ब्याज भी है, तब भी ITR-1 मान्य है.
अगर आपने म्यूचुअल फंड या शेयर में निवेश किया है और उन्हें FY 2024-25 में बेचा है, तो ITR-2 चुनें.
स्टेप 4 : ITR पोर्टल में लॉग-इन करने पर आपको बैंक अकाउंट रजिस्टर करना होगा. बिना रजिस्ट्रेशन के आप नेट बैंकिंग से ITR फाइल नहीं कर पाएंगे. साथ ही, समय पर रिफंड पाने के लिए भी बैंक अकाउंट रजिस्ट्रेशन जरूरी है.
स्टेप 5 : प्री-सेलेक्टेड विकल्पों को चेक करें, जैसे न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) और कैटेगरी में ‘General’.
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स्टेप 6 : सारी जानकारी वेरिफाई करें. शेड्यूल में अपनी डिटेल्स को AIS, Form 26AS और Form 16 से मिलाएं. आमतौर पर प्री-फिल्ड जानकारी सही होती है. अगर बदलाव करना पड़े तो पूरी सावधानी से सही जानकारी भरें.
स्टेप 7 : प्री-फिल्ड डेटा चेक करें. पोर्टल पर आपकी डिटेल्स (जैसे सैलरी, TDS, बैंक ब्याज आदि) पहले से भरी होती हैं. इन्हें ध्यान से जाँचें और अगर कोई गलती हो तो सही जानकारी भरें.
स्टेप 8 : ओल्ड रिजीम में डिडक्शन और एक्जेम्पशन का फायदा उठाए. धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती (LIC, PPF, ELSS आदि पर) मिल सकती है. धारा 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर कटौती मिलती है. होम लोन ब्याज और एजुकेशन लोन पर भी टैक्स बेनिफिट मिलता है.
स्टेप 9 : रिटर्न सबमिट करें और ई-वेरिफाई करें. सभी जानकारी भरने के बाद ‘Preview and Submit’ पर क्लिक करें. रिटर्न सबमिट करने के बाद ई-वेरिफिकेशन अनिवार्य है, जो आप आधार OTP, नेट बैंकिंग, डिमैट अकाउंट या बैंक अकाउंट के जरिए आसानी से कर सकते हैं.
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