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ITR फाइल करने से पहले ऐसे करें LTCG का कैलकुलेशन, सही जानकारी से घट सकती है आपकी टैक्स देनदारी

LTCG Calculation Before ITR Filing : इनकम टैक्स रिटर्न भरने का सीजन जारी है. अगर आप भी जल्द ही अपना आईटीआर फाइल करने की सोच रहे हैं, तो यहां दी गई जानकारी आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है.

LTCG Calculation Before ITR Filing : इनकम टैक्स रिटर्न भरने का सीजन जारी है. अगर आप भी जल्द ही अपना आईटीआर फाइल करने की सोच रहे हैं, तो यहां दी गई जानकारी आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है.

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Viplav Rahi
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LTCG tax calculation : इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन का कैलकुलेशन कर लेना चाहिए. (AI Generated Image)

LTCG Tax Calculation Before ITR Filing : इनकम टैक्स रिटर्न भरने का सीजन जारी है. अगर आप भी जल्द ही अपना आईटीआर फाइल करने की सोच रहे हैं, तो यहां दी गई जानकारी आपके लिए काफी फायदेमंद हो सकती है. खासतौर अगर आपने पिछले वित्त वर्ष के दौरान अपनी किसी संपत्ति, मसलन, घर, प्लॉट, गोल्ड या कोई और एसेट को बेचा है. अगर इस बिक्री पर आपने मुनाफा कमाया है, तो उस पर आपको लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स देना पड़ सकता है. अगर आपकी संपत्ति का बिक्री मूल्य उसकी खरीद की लागत से काफी अधिक रहा है, तो आपका मुनाफा बहुत अधिक हो सकता है. लेकिन इस मुनाफे पर टैक्स का कैलकुलेशन सही ढंग से किया जाए, तो आपकी इनकम टैक्स देनदारी कम भी हो सकती है. कैसे ये हम आगे समझेंगे.

टैक्स घटा सकता है कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स

अगर आपकी संपत्ति काफी पुरानी है, तो उसे बेचने पर हुआ मुनाफा पहली नजर में काफी अधिक लग सकता है. लेकिन जरूरी नहीं कि आपको उस पूरे मुनाफे पर भारी टैक्स भी चुकाना पड़े. कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (CII) टैक्स के भारी बोझ में कमी ला सकता है. 

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क्या होता है कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स

कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (CII) एक सरकारी आंकड़ा है, जो इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) हर साल जारी करता है. इसका इस्तेमाल यह कैलकुलेट करने के लिए किया जाता है कि बरसों पहले खरीदी गई किसी संपत्ति को बेचते समय उसकी मौजूदा लागत क्या थी. दरअसल, इससे पता चलता है कि उस एसेट को बेचने से मिली रकम का कितना हिस्सा महंगाई के पेट में चला गया और असल में आपको कितना मुनाफा हुआ. इस कैलकुलेशन (Inflation Calculation) के बाद पर आपको सिर्फ असली मुनाफे पर ही LTCG टैक्स देना पड़ेगा.

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मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कितना है CII 

इनकम टैक्स विभाग ने मौजूदा वित्त वर्ष (2025-26) के लिए CII का आंकड़ा "376" तय किया है. यानी अगर आप इस वित्त वर्ष के दौराम कोई पुरानी संपत्ति बेचते हैं, तो आपकी महंगाई के हिसाब से एडजस्ट की गई खरीद लागत निकालने के लिए इस आंकड़े का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे आपका टैक्सेबल प्रॉफिट (Long Term Capital Gains) कम हो जाएगा और आपको कम टैक्स भरना पड़ेगा. वित्त वर्ष 2001-02 से लेकर अब तक सरकार ने हर साल CII के जो आंकड़े घोषित किए हैं, उनकी जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

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उदाहरण से समझें कैलकुलेशन

कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स के कैलकुलेशन का तरीका एक उदाहरण की मदद से समझते हैं. 

कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स के आधार पर एडजस्टेड लागत निकालने का फॉर्मूला है : 

Indexed Cost = (CII of sale year / CII of purchase year) × Actual purchase price

यानी

इंडेक्सेशन के बाद लागत = ( बिक्री वाले साल का CII / खरीद वाले साल का CII) × खरीद की मूल कीमत

अब मान लीजिए आपने वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान 60 लाख रुपये में एक घर खरीदा था. उस साल के लिए घोषित CII था 220. अब आप वही घर वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान बेच रहे हैं, जब CII है 376. तो आपकी खरीदी गई कीमत को महंगाई के अनुसार एडजस्ट करने के लिए कैलकुलेशन ऐसे करना होगा:

(376 / 220) × 60 लाख रुपये = 1,02,54,545 रुपये (करीब 1.03 करोड़ रुपये)

अब अगर आपने उस घर को 1.5 करोड़ रुपये में बेचा, तो आपका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन होगा:

1.5 करोड़ - 1.03 करोड़ = करीब 47 लाख रुपये.

अब आपको इस 47 लाख रुपये के मुनाफे पर 20% की पुरानी दर से LTCG टैक्स देना होगा, जो करीब 9.4 लाख रुपये होगा. नियमों के तहत अगर आप इस मुनाफे को दो साल के भीतर एक नई हाउस प्रॉपर्टी खरीदने में लगा देते हैं, तो इतना टैक्स देने से भी बच सकते हैं. अगर आपको CII का ये बेनिफिट नहीं मिलता तो 60 लाख रुपये में खरीदा गया घर 1.5 करोड़ रुपये में बेचने पर आपका मुनाफा 90 लाख रुपये माना जाता और उस पर आपको 12.5% के हिसाब से करीब 11.25 लाख रुपये टैक्स देना पड़ता.

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किन संपत्तियों पर मिलेगा CII का फायदा

जुलाई 2024 के बाद बदले नए नियमों के तहत अब कई संपत्तियों पर इस इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलेगा. लेकिन रिहायशी घर (residential house property) पर ये बेनिफिट अब भी जारी है. बशर्ते प्रॉपर्टी 22 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई हो और 23 जुलाई 2024 या उसके बाद बेची जा रही हो. ऐसे मामलों में आप पुराने और नए टैक्स नियमों में से किसी एक को चुन सकते हैं.

पुराने नियम के तहत आपको 20% टैक्स देना होगा लेकिन CII पर आधारित इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा. जबकि नए नियम में टैक्स की दर तो 12.5% होगी, लेकिन इंडेक्सेशन बेनिफिट नहीं मिलेगा. अगर आपने घर बरसों पहले खरीदा था और उसकी कीमत में काफी इजाफा हो चुका है, तो आमतौर पर CII का इस्तेमाल करना बेहतर रहता है. इस मामले में कोई कनफ्यूजन होने पर टैक्स एक्सपर्ट की सलाह लेना न भूलें.

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