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ITR Filing 2025 : इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख और ड्यू डेट एक ही हैं या अलग-अलग, क्यों जरूरी है इस सवाल का जवाब?

ITR Filing 2025: आईटीआर फाइल करने की बात हो तो आम तौर पर लोग यही समझते हैं कि रिटर्न भरने की ड्यू डेट ही उसकी आखिरी तारीख भी होती है. लेकिन क्या वाकई ऐसा है?

ITR Filing 2025: आईटीआर फाइल करने की बात हो तो आम तौर पर लोग यही समझते हैं कि रिटर्न भरने की ड्यू डेट ही उसकी आखिरी तारीख भी होती है. लेकिन क्या वाकई ऐसा है?

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Viplav Rahi
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ITR Filing Due Date vs Last Date : इनकम टैक्स रिटर्न की ड्यू डेट और लास्ट डेट में क्या अंतर है? (AI Generated Image)

Income Tax Return Filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न भरने की बात आती है, तो आम तौर पर लोग यह मान लेते हैं कि रिटर्न भरने की ड्यू डेट (Due Date) ही उसकी आखिरी तारीख (Last Date) भी होती है. लेकिन क्या वाकई ऐसा है? दरअसल सच ये है कि 'ड्यू डेट' और 'लास्ट डेट' दोनों अलग-अलग होती हैं. इस फर्क को समझना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह जानकारी पेनल्टी, ब्याज और टैक्स बेनिफिट्स के रूप में आपकी जेब पर असर डाल सकती है. कैसे, आइए समझते हैं. 

ड्यू डेट और लास्ट डेट में क्या है अंतर

आईटीआर भरने के लिए दो अहम तारीखें होती हैं — ड्यू डेट और लास्ट डेट. ड्यू डेट वह होती है जब तक आपको समय पर बिना किसी पेनल्टी के टैक्स रिटर्न भर देना चाहिए. लास्ट डेट वह होती है जब तक आप देर से (belated) रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इसके बाद रिटर्न फाइल करने का कोई ऑप्शन नहीं रहता.

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वित्त वर्ष 2024-25 के लिए (Assessment Year 2025-26), ITR फाइल करने (Itr Filing) की ड्यू डेट 31 जुलाई 2025 थी, जिसे पहले ही बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 किया जा चुका है. अगर आप इस तारीख तक रिटर्न फाइल नहीं करते, तो आप 31 दिसंबर 2025 तक लेट फीस के साथ बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकते हैं. यह तारीख भी निकल जाने पर केवल कुछ शर्तों के तहत ही अपडेटेड रिटर्न (updated return) फाइल करने की सुविधा मिलती है.

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15 सितंबर से पहले ITR फाइल करना क्यों है जरूरी?

अगर आप 15 सितंबर 2025 तक रिटर्न फाइल नहीं करते हैं, तो आपको कई तरह के नुकसान हो सकते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपने इस साल में कोई लॉस दिखाया है (जैसे शेयर बाजार में घाटा), जिसे आप अगले सालों में एडजस्ट करना चाहते हैं, तो आपसे यह सुविधा छिन सकती है. यानी आप उस लॉस को आगे कैरी फॉरवर्ड नहीं कर पाएंगे.

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दूसरा बड़ा असर ब्याज और लेट फीस का होता है. अगर आपने समय पर एडवांस टैक्स नहीं चुकाया है, तो उस पर आपको ब्याज देना पड़ेगा. यहां तक कि सीनियर सिटिजन भी, जिन्हें आमतौर पर एडवांस टैक्स नहीं देना होता, उन्हें भी 15 सितंबर के बाद रिटर्न फाइल करने पर ब्याज देना पड़ सकता है. अगर आपको टैक्स रिफंड मिलना है, तो देरी से रिटर्न फाइल करने पर उस रिफंड पर मिलने वाला ब्याज भी कम हो सकता है.

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ड्यू डेट के बाद लगेगी लेट फीस

अगर आपकी कुल टैक्सेबल इनकम 5 लाख रुपये से ज्यादा है और आपने रिटर्न 15 सितंबर के बाद फाइल किया, तो आपको 5,000 रुपये तक की लेट फीस चुकानी होगी. वहीं, अगर इनकम 5 लाख रुपये से कम है, तो लेट फीस 1,000 रुपये तक लेगेगी.

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इसलिए बेहतर यही होगा कि आप 15 सितंबर 2025 से पहले ही अपना ITR फाइल कर लें ताकि आपको किसी तरह की पेनल्टी, ब्याज या टैक्स लाभ के नुकसान का सामना न करना पड़े. और हां, आईटीआर फाइल करन के बाद उसे वेरिफाई करना न भूलें, वरना सारी मेहनत बेकार हो जाएगी. क्यों? यह जानने के लिए यहां क्लिक कर सकते हैं.

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