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ITR Filing: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले देख लें ये चेकलिस्ट, सभी डिडक्शन क्लेम कर लिए या नहीं?

Income Tax Return Checklist : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले ये चेकलिस्ट जरूर देख लें, ताकि कोई ऐसा डिडक्शन क्लेम करना छूट न जाए, जिससे आप कानूनी तौर पर टैक्स की बचत कर सकते हैं.

Income Tax Return Checklist : इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले ये चेकलिस्ट जरूर देख लें, ताकि कोई ऐसा डिडक्शन क्लेम करना छूट न जाए, जिससे आप कानूनी तौर पर टैक्स की बचत कर सकते हैं.

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Viplav Rahi
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ITR फाइल करने से पहले यह जरूर चेक कर लें कि आपने सारे टैक्स डिडक्शन क्लेम किए हैं या नहीं? (AI Generated Image by ChatGPT)

Income Tax Return Checklist : अगर आप अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने जा रहे हैं या रिटर्न फाइल करने की तैयारी कर रहे हैं, तो यहां दी जा रही जानकारी आपके लिए काफी काम की हो सकती है. रिटर्न फाइल करने से पहले एक बार खुद से यह सवाल जरूर पूछ लें कि क्या आपने वे सभी टैक्स डिडक्शन क्लेम कर लिए हैं, जिनके लिए आप कानूनी तौर पर एलिजिबल हैं? कहीं ऐसा तो नहीं कि आप कुछ ऐसे जरूरी सेक्शन को भूल रहे हैं, जिनका बेनिफिट लेने पर आपकी टैक्स देनदारी कम हो सकती है? यहां हम कुछ ऐसे ही टैक्स डिडक्शन्स की चेकलिस्ट दे रहे हैं, जो आपकी जेब को हजारों रुपये की राहत दे सकती है.

सेक्शन 80C : टैक्स सेविंग का सबसे पॉपुलर तरीका

सेक्शन 80C लोगों के बीच सबसे लोकप्रिय टैक्स डिडक्शन है, जिसके तहत आप एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये तक के निवेश या खर्च पर टैक्स में छूट क्लेम कर सकते हैं. यह छूट उन निवेशों और खर्चों पर मिलती है जो सरकार द्वारा मान्य हैं. इसमें पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), एम्प्लॉईज प्रोविडेंट फंड (EPF), लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), ELSS म्यूचुअल फंड, सुकन्या समृद्धि योजना और बच्चों की स्कूल फीस. अगर आपने ये निवेश या खर्च किए हैं, तो इन्हें ITR में दिखाकर टैक्स में छूट क्लेम कर सकते हैं.

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सेक्शन 80D : हेल्थ इंश्योरेंस पर टैक्स बेनिफिट

स्वास्थ्य बीमा आजकल सिर्फ जरूरी नहीं, बल्कि महंगा भी होता जा रहा है. लेकिन अगर आपने हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम भरा है, तो सेक्शन 80D के तहत 25,000 रुपये तक की छूट मिल सकती है. अगर आपने अपने माता-पिता का भी बीमा कराया है और वे सीनियर सिटिजन हैं, तो यह छूट 50,000 रुपये तक हो सकती है. इसके अलावा 5,000 रुपये तक की छूट प्रिवेंटिव हेल्थ चेकअप पर भी मिलती है.

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सेक्शन 24(b) : होम लोन के ब्याज पर टैक्स छूट

अगर आपने होम लोन लिया है, तो आप एक वित्त वर्ष में 2 लाख रुपये तक के इंटरेस्ट पेमेंट पर सेक्शन 24(b) के तहत टैक्स में छूट पा सकते हैं. यह छूट होम लोन के ब्याज पर मिलती है. साथ ही अगर आपने होम लोन का प्रिंसिपल अमाउंट चुकाया है, तो वह 80C में गिना जाता है. ध्यान रखें कि यह छूट क्लेम करने के लिए आपके पास बैंक से जारी किया गया इंटरेस्ट सर्टिफिकेट होना जरूरी है.

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सेक्शन 80CCD(1B) : NPS में निवेश पर अतिरिक्त छूट

अगर आपने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश किया है, तो 80C की सीमा के अलावा सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50,000 रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. यह उन लोगों के लिए बहुत फायदेमंद है, जो 80C की 1.5 लाख की लिमिट पहले ही पार कर चुके हैं और टैक्स बचाने के दूसरे रास्ते तलाश रहे हैं.

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सेक्शन 80E : एजुकेशन लोन पर ब्याज की छूट

हायर एजुकेशन के लिए लिया गया एजुकेशन लोन भी टैक्स बचाने में मददगार है. सेक्शन 80E के तहत आप उस लोन पर दिए गए ब्याज की पूरी रकम पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं. ये छूट आठ साल तक दी जाती है, जब से आपने लोन चुकाना शुरू किया हो. यह छूट अपने लिए, अपने बच्चों या पत्नी के लिए हासिल किए गए एजुकेशन लोन पर भी ली जा सकती है.

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सेक्शन 80G : डोनेशन पर भी मिलती है छूट

अगर आपने किसी चैरिटेबल ट्रस्ट, राहत कोष या सरकारी फंड में दान दिया है, तो उस पर भी टैक्स छूट मिल सकती है. 80G के तहत कुछ दान 100% टैक्स फ्री होते हैं, जैसे कि पीएम केयर्स फंड, नेशनल डिफेंस फंड वगैरह. कुछ दान पर 50% की छूट मिलती है, लेकिन यह एक निर्धारित सीमा के भीतर होती है. यह छूट क्लेम करने के लिए आपके पास डोनेशन की रसीद और दान लेने वाली संस्था का 80G सर्टिफिकेट होना जरूरी है.

कुछ और भी हैं डिडक्शन

इनके अलावा भी कुछ ऐसे डिडक्शन हैं जो खास परिस्थितियों में लागू होते हैं. जैसे, कम लागत वाले मकानों के लिए हासिल होम लोन के ब्याज पर सेक्शन 80EEA के तहत अतिरिक्त छूट मिलती है. वहीं सेक्शन 80U विकलांग व्यक्तियों को टैक्स में राहत देता है. जबकि सेक्शन 80TTB के तहत सीनियर सिटिजन्स को बैंक और पोस्ट ऑफिस में किए गए डिपॉजिट मिलने वाले 50,000 रुपये तक के ब्याज पर छूट मिलती  है.

अच्छी तरह चेक करने के बाद सबमिट करें ITR 

ITR फाइल करना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि अपनी टैक्स देनदारी को कानूनी तरीके से कम करने का मौका भी है. अगर आपने ऊपर बताए गए डिडक्शन्स को सही तरीके से क्लेम किया है, तो आप न केवल टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि रिफंड भी पा सकते हैं. इसलिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से पहले इस चेकलिस्ट को एक बार जरूर देख लें और पक्का कर लें कि कहीं आपकी मेहनत की कमाई से ज्यादा टैक्स तो नहीं कट रहा?

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