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ITR Filing Deadline: 15 नवंबर की डेडलाइन मिस करने वाले टैक्सपेयर्स को भारी नुकसान हो सकता है. (Image : Pixabay)
ITR Filing Deadline: जिन टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स ऑडिट रिपोर्ट अनिवार्य है, उनके लिए 15 नवंबर, 2024 आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख है. ऐसे टैक्सपेयर्स को ITR भरने से पहले टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होगी, वरना ITR को अमान्य माना जा सकता है और पेनाल्टी का भी सामना करना पड़ सकता है. इतना ही नहीं, डेडलाइन मिस करने पर लगने वाला जुर्माना 1.5 लाख रुपये तक भी हो सकता है.
किन टैक्सपेयर्स के लिए 15 नवंबर है डेडलाइन?
15 नवंबर, 2024 की ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख उन टैक्सपेयर्स के लिए है जो किसी भी तरह के टैक्स ऑडिट के दायरे में आते हैं. इनमें ये टैक्सपेयर शामिल हैं:
- कंपनियां (जैसे भारतीय कंपनी या विदेशी कॉर्पोरेट)
- वे टैक्सपेयर्स जिनके अकाउंट्स किसी कानून के तहत ऑडिट होते हैं (जैसे इनकम टैक्स एक्ट, एलएलपी एक्ट, या कोऑपरेटिव सोसाइटी एक्ट)
- ऐसे फर्म के पार्टनर्स जिनके अकाउंट्स का ऑडिट जरूरी है.
टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करना क्यों है जरूरी?
ITR फाइल करने से पहले टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा करना जरूरी है, क्योंकि ITR फॉर्म में ऑडिट रिपोर्ट का विवरण मांगा जाता है, जैसे रिपोर्ट की तारीख और एक्नॉलेजमेंट नंबर. टैक्स ऑडिट रिपोर्ट जमा न करने पर, यह विवरण खाली रह जाते हैं, जिससे ITR अपलोड नहीं हो पाता.
ट्रांसफर प्राइसिंग के मामलों के लिए ITR फाइलिंग की डेडलाइन
जिन टैक्सपेयर्स के लिए ट्रांसफर प्राइसिंग के तहत टैक्स ऑडिट जरूरी है, उनके लिए 15 नवंबर की तारीख लागू नहीं होती. उन्हें 31 अक्टूबर, 2024 तक फॉर्म 3CEB के तहत ट्रांसफर प्राइसिंग ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होती है. ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए ITR फाइलिंग की अंतिम तारीख 30 नवंबर, 2024 है.
15 नवंबर की समय सीमा न चूकने के लिए क्या करें?
- टैक्स ऑडिट रिपोर्ट पहले जमा करें: ऑडिट रिपोर्ट जमा करने के बिना ITR फाइल नहीं की जा सकती. इसलिए, पहले टैक्स ऑडिट रिपोर्ट भरें.
- अवसर न गवाएं: 15 नवंबर की तारीख पहले से ही बढ़ाई गई है. इस तिथि के बाद ITR फाइलिंग पर पेनल्टी लग सकती है.
समय पर ITR न भरने के संभावित नुकसान
अगर आप 15 नवंबर तक ITR फाइल नहीं कर पाते हैं, तो आपको लेट फाइलिंग के कारण कई बड़े नुकसान हो सकते हैं:
- बिलेटेड ITR फाइल करना: आपको 31 दिसंबर, 2024 तक बिलेटेड यानी देर से ITR फाइल करने का मौका मिलेगा, लेकिन इसके लिए आपको जुर्माना और ब्याज भरना पड़ सकता है.
- अगर आप ITR समय पर जमा नहीं करते हैं, तो आपकी इनकम के आधार पर 1,000 रुपये से 5,000 रुपये तक की पेनल्टी लग सकती है.
- लॉस यानी घाटे को आगे कैरी फॉरवर्ड नहीं कर सकते: अगर आप देर से ITR फाइल करते हैं, तो आपके नुकसान को अगले वित्तीय वर्षों में कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकेगा.
- पेनल्टी का आकार: अगर आपने टैक्स ऑडिट रिपोर्ट समय पर नहीं जमा की तो इसका जुर्माना 1.5 लाख रुपये या कुल टर्नओवर के 0.5% में से जो भी कम हो, उतना हो सकता है.
- अगर आपके ऊपर कोई टैक्स देनदारी बकाया रह जाती है, तो आपको इसके लिए आपको सेक्शन 234A और 234B के तहत ब्याज भी भरना होगा.