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Income Tax : पुराना टैक्स सिस्टम चुनते हैं, तो आपके पास कई टैक्स डिडक्शन और छूट विकल्प होंगे, हालांकि नए सिस्टम के अपने फायदे हैं. Photograph: (AI Generated)
Income Tax Return, ITR for AY 2025-26 : इनकम टैक्स रिटर्न का सीजन शुरू हो चुका है. अब असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने का समय है. बहुत से लोगों को अभी भी कनफ्यूजन है कि रिटर्न फाइल करने के लिए ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में बने रहें या न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) चुनें. न्यू टैक्स रिजीम की बात करें तो इसमें ओल्ड टैक्स रिजीम की तरह टैक्स बचाने के लिए मिलने वाली छूट (सेक्शन 80C, 80D, 80G) नहीं मिलती है. अब सवाल यह है कि कौन सा टैक्स रिजीम आपके लिए फायदेमंद रहेगा.
रिटर्न भरने के लिए 2 विकल्प (Income Tax Return Filing)
ओल्ड टैक्स रिजीम आपको कई तरह की छूट और कटौतियों का फायदा उठाने की सुविधा देता है. जैसे टैक्स सेविंग स्कीम में निवेश, इंश्योरेंस प्रीमियम, होम लोन इंटरेस्ट, हाउस रेंट अलाउंस (HRA) या ट्रैवल अलाउंस पर टैक्स बेनेफिट. इससे आपकी टैक्स देने योग्य इनकम कम हो जाती है.
न्यू टैक्स रिजीम, जो सेक्शन 115BAC के तहत शुरू किया गया है, इसमें से ज्यादातर छूट और कटौतियां नहीं मिलती हैं.
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New Tax Regime : इनकम और टैक्स स्लैब
सालाना 4,00,000 रुपये तक : NIL
4,00,001 रुपये से 8,00,000 रुपये तक : 5%
8,00,001 रुपये से 12,00,000 रुपये तक : 10%
12,00,001 रुपये से 16,00,000 रुपये तक : 15%
16,00,001 रुपये से 20,00,000 रुपये तक : 20%
20,00,001 रुपये से 24,00,000 रुपये तक : 25%
24,00,000 रुपये से अधिक : 30%
12 लाख रुपये तक टैक्स फ्री
न्यू टैक्स रिजीम में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. सेक्शन 87A के तहत 12 लाख रुपये की लिमिट तक टैक्स रिबेट मिलेगी. वहीं, नौकरी पेशा लोगों को 75 हजार रुपये तक स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी मिलेगा. इस तरह से सैलरीड क्लास को 12.75 लाख रुपये तक के सालाना वेतन पर अब कोई टैक्स नहीं भरना पड़ेगा. इससे ज्यादा सालाना इनकम पर नए टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना पड़ेगा.
Old Tax Regime : इनकम और टैक्स स्लैब
0 से 2.5 लाख रुपये तक : NIL
2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक : 5% टैक्स
5 लाख से 10 लाख रुपये तक : 20% टैक्स
10 लाख से 50 लाख रुपये तक : 30% टैक्स
पुरानी टैक्स व्यवस्था में ये छूट
सेक्शन 80C : LIC, PPF, EPF, ELSS जैसी स्कीम में निवेश पर छूट.
सेक्शन 80D : हेल्थ इंश्योरेंस पर छूट.
सेक्शन 80DD : शारीरिक रूप से विकलांग परिवार के सदस्य के लिए छूट.
सेक्शन 80G : डोनेशन (Charitable Donations) पर छूट.
सेक्शन 10(13A) : किराए के मकान में रहते हैं और सैलरी स्ट्रक्चर में HRA शामिल है, तो टैक्स छूट मिलती है.
LTA : भारत के भीतर खुद और परिवार के यात्रा खर्च पर टैक्स छूट.
सेक्शन 80E: एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज की पूरी राशि पर टैक्स छूट मिलती है. अधिकतम 8 साल तक.
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नई टैक्स व्यवस्था में ये छूट
सेक्शन 80CCD(2) : पेंशन योजना (NPS) में योगदान पर छूट.
सेक्शन 80CCH : पेंशन फंड (Pension Fund) में योगदान पर छूट.
सेक्शन 80JJAA : नए कर्मचारियों की भर्ती से संबंधित छूट.
सेक्शन 80CCH : अग्निवीर कॉर्पस फंड में जमा राशि पर पूरी छूट उपलब्ध है.