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Kotak Mahindra Bank: कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में भारी गिरावट, क्या करें आम निवेशक?

Kotak Mahindra Bank Shares Crash: रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर में गुरुवार को भारी गिरावट के साथ 52 हफ्तों का सबसे निचला स्तर देखने को मिला.

Kotak Mahindra Bank Shares Crash: रिजर्व बैंक की कार्रवाई के बाद कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर में गुरुवार को भारी गिरावट के साथ 52 हफ्तों का सबसे निचला स्तर देखने को मिला.

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Viplav Rahi
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Kotak Mahindra Bank, RBI, Kotak Mahindra Bank Shares Crash

Kotak Mahindra Bank shares crash: कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर्स को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की कार्रवाई से बड़ा झटका लगा है. (File Photo : Reuters)

Kotak Mahindra Bank shares crash after RBI action : कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर्स को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की कार्रवाई से बड़ा झटका लगा है. आरबीआई ने बुधवार को एक आदेश जारी करके कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों के माध्यम से नए ग्राहकों को जोड़ने और नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रोक लगा दी, जिसके बाद गुरुवार को बैंक के शेयरों में भारी गिरावट के साथ 52 हफ्तों का सबसे निचला स्तर देखने को मिला. दिन के कारोबार के दौरान बैंक के शेयर 12% तक गिरकर 1,620 रुपये पर आ गए. दोपहर करीब 1 बजे भी बैंक के शेयर NSE पर करीब 200 रुपये यानी 11 फीसदी की गिरावट के साथ 1,642.80 रुपये पर कारोबार कर रहे थे.

कारोबार के विस्तार पर असर पड़ने की आशंका

आम तौर पर माना जा रहा है कि आरबीआई की कार्रवाई के कारण कोटक महिंद्रा बैंक की नए ग्राहकों को जोड़ने के लिए क्षमता प्रभावित होगी, जिसका असर बैंक के कारोबार के विस्तार के साथ ही साथ उसकी संभावित ग्रोथ पर भी पड़ सकता है. इन्हीं चिंताओं के कारण गुरुवार को कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों में बिकवाली का भारी दबाव नजर आया और कई ब्रोकरेज ने भी अपने टार्गेट प्राइस में कटौती कर दी. 

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RBI की कार्रवाई ने बिगाड़ा सेंटिमेंट

आरबीआई की पाबंदी के कारण न सिर्फ शॉर्ट और मिड टर्म में बैंक के बारे में मार्केट सेंटिमेंट खराब हुआ है, बल्कि इससे बैंक के बिजनेस की संभावित ग्रोथ, नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) और फीस से होने वाली इनकम पर भी बुरा असर पड़ सकता है. यही वजह है कि कई ब्रोकरेज ने इस स्टॉक पर अपने टार्गेट प्राइस में कटौती करनी शुरू कर दी है. एनालिस्ट्स का यह भी मानना है कि नए ग्राहक जोड़ने के लिए ऑनलाइन चैनलों पर बैंक की निर्भरता काफी अधिक रही है, लिहाजा आरबीआई की कार्रवाई का उसके कारोबार में विस्तार पर पड़ेगा. 

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कई ब्रोकरेज ने घटाए टार्गेट प्राइस

ग्लोबल ब्रोकरेज जेफ़रीज़ ने आरबीआई एक्शन के बाद कोटक पर 'होल्ड' रेटिंग दी है. हालांकि उसने बैंक का टारगेट प्राइस 2,050 रुपये से घटाकर 1,970 रुपये कर दिया है. मैक्वैरी (Macquarie) ने भी माना है कि रिजर्व बैंक की कार्रवाई बैंक के लिए बड़ा झटका है. लेकिन फिलहाल उसने अपने टारगेट में कोई बदलाव नहीं किया है. वहीं, एमके ग्लोबल (Emkay Global Financial) ने भी निवेशकों को बैंक में अपनी होल्डिंग घटाने की सलाह देते हुए टार्गेट प्राइस 1,950 रुपये से घटाकर 1,750 रुपये कर दिया है. 

सीएलएसए के एनालिस्ट्स का मानना है कि आरबीआई की पाबंदी अगर काफी लंबे समय तक नहीं रही, तो बैंक के प्रदर्शन पर इसका असर ‘मॉडरेट’ ही रहेगा. ब्रोकरेज का कहना है कि क्रेडिट कार्ड भले ही बैंक के कारोबार का एक तेजी से बढ़ने वाला सेगमेंट है, लेकिन बैंक के टोटल लोन बुक में उसका योगदान सिर्फ 4 फीसदी है. 

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रिजर्व बैंक ने बुधवार को जारी किया आदेश

रिजर्व बैंक की तरफ से बुधवार को कोटक महिंद्रा बैंक पर कार्रवाई करते हुए जो बयान जारी किया है, उसमें कहा गया है, “बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट 1949 के सेक्शन 35A के तहत मिली अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कोटक महिंद्रा बैंक लिमिटेड को ये आदेश देता है कि वह तत्काल प्रभाव से (i) ऑनलाइन और मोबाइल बैंकिंग चैनलों के जरिए नए ग्राहकों को जोड़ना और (ii) नए क्रेडिट कार्ड जारी करना बंद करे. हालांकि बैंक अपने मौजूदा ग्राहकों को, जिनमें क्रेडिट कार्ड कस्टमर भी शामिल हैं, अपनी सेवाएं देना जारी रखेगा.” इससे पहले आरबीआई (Reserve Bank Of India) ने अक्टूबर 2023 में नॉन-कंप्लायंस से जुड़े कई मसलों की वजह से कोटक महिंद्रा बैंक पर 3.95 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. 

4 साल पहले एचडीएफसी बैंक पर भी हुई थी कार्रवाई

रिजर्व बैंक ने दिसंबर 2020 में कुछ इसी तरह की कार्रवाई एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) के खिलाफ भी की थी, जिसके तहत देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक को नए क्रेडिट कार्ड जारी करने और नए डिजिटल प्रोडक्ट पेश करने से रोका गया था. एचडीएफसी बैंक के खिलाफ ये कार्रवाई उसके डिजिटल बैंकिंग, कार्ड्स और पेमेंट्स से जुड़ी गतिविधियों में लगातार खामियां सामने आने के बाद की गई थी. 

(डिस्क्लेमर: यहां दी गई कोई भी राय संबंधित एक्सपर्ट या ब्रोकरेज फर्म की है, फाइनेंशियल एक्सप्रेस हिंदी की नहीं. निवेश से जुड़े फैसले करने से पहले पहले आप अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.)

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