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Financial Goal : लाइफ इंश्योरेंस अब केवल सुरक्षा के बारे में नहीं रह गया है. बल्कि अपने वित्तीय लक्ष्यों को पाने के लिए यह एक बेहतर विकल्प है. (Pixabay)
Importance of Life Insurance : देश में अभी चुनावी माहौल जोरों पर है. 2024 के जनरल इलेक्शन (General Election 2024) में कुल 7 फेज में मतदान होना है, जिसके बाद लोगों के द्वारा चुनी हुई सरकार का फैसला होगा. लोग मतदान यह मानकर करते हैं और अपनी पसंद की सरकार चुनना चाहते हैं ताकि उनके साथ साथ और उनके देश का भविष्य सुरक्षित (Safe Future) रहे. लेकिन बहुत से लोग आज भी मतदान को लेकर उदासीन रहते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इस बड़े इवेंट में उनके पास योगदान देने के लिए कुछ नहीं है. ऐसा ही बहुत कुछ लाइफ इंश्योरेंस को लेकर भी नजर आती है. लाइफ इंश्योरेंस भी आपके सुरक्षित भविष्य के लिए बहुत जरूरी है, लेकिन इसे खरीदने वालों की संख्या देश में अभी भी बहुत कम है.
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कहां आती है दिक्कत
2024 के जनरल इलेक्शन की बात करें तो चुनाव के शुरू होने के पहले कुल 97 करोड़ लोगों ने देश भर में 10 लाख से अधिक मतदान केंद्रों पर मतदान करने के लिए पंजीकरण कराया था. लेकिन फिर भी वोटर टर्नआउट कम ही देखने को मिल रहा है. यानी बहुत से लोग भले यह चाहते हैं कि उनकी पसंद की सरकार बने, लेकिन फिर भी मतदान नहीं कर रहे. यह भाग्यवादी रवैया हो सकता है.
इसी तरह से जब लाइफ इंश्योरेंस (Life Insurance) की बात आती है तो बहुत से लोग इसका महत्व समझते हुए भी नहीं खरीदते तो बहुत से लोगों को महत्व ही नहीं पता होता. लोगों को लगता है कि लाइफ इंश्योरेंस की प्रक्रिया लंबी और कठिन है, ऐसे में वे इसे खरीदने से बचते हैं. ऐसे लोगों के सामने जब भी लाइफ इंश्योरेंस खरीदने की बात आती है तो बहुत से लोगों में इसे लेकर अनिच्छा की भावना दिखती है.
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क्या है लाइफ इंश्योरेंस
लाइफ इंश्योरेंस एक महत्वपूर्ण वित्तीय साधन है, जो किसी इनडिविजुअल के लिए या उसके परिवार को वित्तीय सुरक्षा (Financial Safety) उस कंडीशन में उपलब्ध कराती है, जब उन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होती है. ये पॉलिसी पीरियड (बीमा कवर अवधि) के दौरान पॉलिसीधारक के साथ कोई घटना घटने पर भुगतान प्रदान करती हैं. कह सकते हैं कि लाइफ इंश्योरेंस कवर आपके प्रियजनों को किसी भी खोई हुई इनकम की भरपाई करने या उनके जीवन स्तर को बनाए रखने में मदद करता है.
कल की हमेशा करें चिंता
अगर आज का दौर आपके लिए बेहतर चल रहा है और सुरक्षित है तो यह मानकर नहीं चलना चाहिए कि आने वाले कल में सब कुछ ऐसा ही चलता रहेगा. बहुत से लोग यह सच्चई समझने में असफल हो जाते हैं कि कल का दिन किसी जोखिम या कई जोखिम के साथ आ सकता है. बड़े पैमाने पर लोग उस बड़ी तस्वीर की कल्पना नहीं करते हैं, जहां मतदान के साथ-साथ लाइफ इंश्योरेंस उन्हें देश और अपने खुद के और परिवार के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में परिवर्तन का एजेंट बनने में मदद कर सकता है.
इंश्योरेंस के लेकर बढ़ रही है जागरुकता
हालांकि, पहले के दौर की तुलना में मतदाताओं की भागीदारी चुनाव में जरूर बढ़ी है, वैसे ही लाइफ इंश्योरेंस के महत्व के बारे में जागरूकता भी बढ़ रही है. जैसे-जैसे भारतीयों ने अपना दायरा बढ़ाया है, लाइफ इंश्योरेंस अब केवल सुरक्षा के बारे में नहीं रह गया है. बल्कि अपने वित्तीय लक्ष्यों को पाने के लिए यह एक बेहतर विकल्प है. आज के ग्राहक अधिक पारदर्शिता के साथ नए जमाने के उत्पादों और सेवाओं की तलाश कर रहे हैं, जो उनकी जीवनशैली और जरूरतों से मेल खाते हैं.
गांवों गांवों तक पहुंचा इंश्योरेंस
इंश्योरेंस अब सिर्फ शहर में रह रहे पढ़े लिखे वर्ग के बारे में नहीं है. अब इंश्येारेंस का महत्व गांवों या कस्बों में रह रहे लोगों को भी समझ में आ रहा है. इसी के चलते अटल पेंशन योजना और जन धन योजना जैसी वित्तीय समावेशन योजनाएं वंचित या समाज के पिछड़े वर्ग के लिए भी सुरक्षा जाल बन रही हैं.
इंश्योरेंस रेगुलेटर भी उठा रहा कदम
2047 तक 'सभी के लिए इंश्योरेंस' के सपने को साकार करने के लिए, इंश्योरेंस रेगुलेटर, बीमा सुगम (बीमा उत्पादों और सेवाओं के लिए एक ऑनलाइन बाजार), बीमा वाहक (पूरे भारत में बीमा उत्पादों की पहुंच और उपलब्धता में सुधार के लिए कंपोनेंट) और बीमा विस्तार (लाइफ, हेल्थ और प्रॅपर्टी कवर की पेशकश करने वाला ऑल-इन-वन किफायती बीमा उत्पाद) जैसे जरूरी कदम अपनाने की प्रक्रिया में हैं. जो मिलकर इरडाई (IRDAI) की बीमा ट्रिनिटी बनाते हैं, एक समिति जो इंश्योरेंस कंपनियों के संचालन में तालमेल लाने में मदद कर सकती है. आने वाले दिनों में इंश्योरेंस सेक्टर में क्रांति लाने के लिए ये निर्णायक कदम हैं.
इंश्योरेंस रेगुलेटर की ये कोशिशें रंग ला रही हैं. भारत के इंश्योरेंस सेक्टर में G20 देशों के बीच सबसे तेज ग्रोथ दर्ज करने का अनुमान है. 2024-28 के दौरान कुल प्रीमियम वास्तविक रूप से 7.1 फीसदी की औसत दर से बढ़ने की उम्मीद है. इसकी तुलना में, स्विस री इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, ग्लोबल इंश्योरेंस मार्केट (वैश्विक बीमा बाजार) की ग्रोथ रेट करीब 2.4 फीसदी होगी.
लाइफ इंश्योरेंस कैसे चुनें
सबसे पहले अपने लाइफ इंश्योरेंस का लक्ष्य तय करें
फिर अपने लिए आप्टिमल इंश्योरेंस कवर का एनालिसिस करें
अपने लिए उपयुक्त टेन्योर चुनें
अपना कवरेज बढ़ाएं
शुरुआत से ही एक योजना चुनें
अपनी जरूरत के हिसाब से प्लान चुनें
अपनी इंश्योरेंस की आवश्यकताओं का रेगुलर आकलन करें
(लेखक : सुभासिस घोष, हेड - फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस, इम्प्लॉई बेनेफिट्स, मार्केटिंग एंड एलॉयंस, कोटक महिंद्रा लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड)