/financial-express-hindi/media/media_files/2025/11/06/8th-pay-commission-salary-hike-2025-11-06-11-39-18.jpg)
8th Pay Commission: केवल वेतन ही नहीं, केंद्रीय कर्मचारियों के बोनस, ग्रेच्युइटी और अन्य भत्तों की भी समीक्षा Photograph: (AI generated)
8th Pay Commission: केंद्र सरकार ने हाल ही में 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th CPC) पर महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. मोदी सरकार ने 8वें वेतन आयोग को आधिकारिक रूप से अधिसूचित कर दिया है, जिससे न्यायमूर्ति रंजना देसाई की अध्यक्षता वाले तीन-सदस्यीय पैनल के काम की शुरुआत हो सके.
वित्त मंत्रालय द्वारा 3 नवंबर को जारी अधिसूचना में आयोग की संरचना और कार्यक्षेत्र (Terms of Reference – ToR) का पूरा विवरण दिया गया है. ToR में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि आयोग केवल सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन पुनरीक्षण (pension revisions) तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि भत्ते, बोनस, ग्रेच्युइटी और प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन (PLI) जैसे अन्य मौद्रिक लाभों (monetary benefits) की समीक्षा भी करेगा. पिछले आयोगों की तरह यह पैनल व्यापक वेतन सुधार और लाभों में महत्वपूर्ण बदलाव की सिफारिश करेगा.
Also Read: PPF Secret : जीरो रिस्क के साथ लाइफ टाइम इनकम, आपको पता है पीपीएफ का ये राज
8वें वेतन आयोग की संरचना
सरकार ने अधिसूचना में कहा है कि न्यायमूर्ति रंजना देसाई 8वें वेतन आयोग की अध्यक्ष होंगी. प्रोफेसर पुलक घोष को आंशिककालिक सदस्य और पंकज जैन को सदस्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है.
आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में होगा और यह 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें सरकार को प्रस्तुत करेगा. आवश्यक होने पर आयोग अस्थायी रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर सकता है.
किन कर्मचारियों को लाभ मिलेगा?
अधिसूचना के अनुसार, आयोग निम्नलिखित श्रेणियों के कर्मचारियों के वेतन और लाभों की समीक्षा करेगा:
केंद्रीय सरकार के औद्योगिक और गैर-औद्योगिक कर्मचारी
अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी
सशस्त्र बलों के कर्मचारी
केंद्र शासित प्रदेशों के कर्मचारी
इंडियन ऑडिट और एकाउंट्स डिपार्टमेंट के कर्मचारी
संसद द्वारा स्थापित रेगुलेटरी बॉडीज़ के सदस्य (RBI को छोड़कर)
सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के अधिकारी और कर्मचारी (UT के अंतर्गत)
केंद्र शासित प्रदेशों के न्यायिक अधिकारी (Judicial officers)
केवल वेतन ही नहीं, भत्ते और बोनस भी समीक्षा के दायरे में
अधिसूचना के अनुसार, आयोग का दायरा व्यापक है और यह निम्नलिखित बिंदुओं पर काम करेगा:
1.वेतन, भत्ते और अन्य लाभ:
आयोग वेतन, भत्ते और अन्य नकद लाभों में आवश्यक और व्यावहारिक बदलाव की सिफारिश करेगा. इसका उद्देश्य सरकारी नौकरियों को प्रतिभाशाली युवाओं के लिए आकर्षक बनाना और एफिशिएंसी व एकाउंटेबिलिटी को बढ़ावा देना होगा.
2.बोनस और प्रदर्शन-आधारित प्रोत्साहन (PLI):
आयोग मौजूदा बोनस योजनाओं की समीक्षा करेगा और उत्कृष्ट कर्मचारियों को पुरस्कृत करने के लिए नए परफॉरमेंस -बेस्ड इंसेंटिव मॉडल्स की सिफारिश कर सकता है.
3.भत्तों का पुनर्गठन:
वर्तमान में उपलब्ध विभिन्न भत्तों की संख्या और शर्तों को ध्यान में रखते हुए, आयोग उनकी तार्किकता की समीक्षा करेगा और आवश्यक होने पर उनका पुनर्गठन करने की सिफारिश करेगा.
4.ग्रेच्युइटी और पेंशन:
एनपीएस (National Pension System) और UPS (Unified Pension Scheme) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए Death-cum-Retirement Gratuity (DCRG) की समीक्षा की जाएगी.
एनपीएस के बाहर आने वाले कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युइटी और पेंशन में सुधार की भी सिफारिश की जाएगी.
आर्थिक और राज्य वित्तीय स्थिति पर ध्यान
8वीं वेतन आयोग को देश की आर्थिक स्थिति, वित्तीय विवेक और राज्यों की वित्तीय स्थिति का ध्यान रखते हुए सिफारिशें करने का निर्देश दिया गया है.
आयोग को केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (PSUs) और निजी क्षेत्र में कर्मचारियों के वेतन और लाभों की तुलना करके व्यावहारिक सिफारिशें देने की भी आवश्यकता होगी.
आयोग को विशेषज्ञ सहायता लेने की स्वतंत्रता
सरकार ने आयोग को अपनी प्रक्रिया निर्धारित करने और आवश्यकतानुसार सलाहकार, विशेषज्ञ और संस्थागत परामर्शदाताओं को नियुक्त करने की स्वतंत्रता दी है. मंत्रालयों और विभागों को आयोग को सभी आवश्यक जानकारी और समर्थन प्रदान करने के लिए निर्देशित किया गया है.
18 महीनों में रिपोर्ट, बड़े निर्णय की संभावना
अधिसूचना के अनुसार, आयोग को 18 महीनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. यदि आयोग नवंबर 2025 में काम शुरू करता है, तो इसकी सिफारिशें मई 2027 तक सरकार को मिल सकती हैं.
कुछ मामलों में कर्मचारियों को प्रारंभिक राहत देने के लिए आयोग अस्थायी रिपोर्ट भी जारी कर सकता है.
संक्षेप में
8वें वेतन आयोग का गठन सरकारी कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है. केवल वेतन सुधार ही नहीं बल्कि भत्ते, बोनस और ग्रेच्युइटी जैसे कई पहलुओं की समीक्षा से कर्मचारियों की आय संरचना में समग्र सुधार होने की उम्मीद है.
सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि आयोग जवाबदेही और प्रदर्शन-आधारित वेतन प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में काम करेगा, जिसका अर्थ है कि भविष्य में सरकारी नौकरियां अधिक आधुनिक, पारदर्शी और रिजल्ट्स-ओरिएंटेड बन सकती हैं.
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.
To read this article in English, click here.
/financial-express-hindi/media/agency_attachments/PJD59wtzyQ2B4fdzFqpn.png)
Follow Us