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मुद्रास्फीति कैलकुलेटर: अंदाजा लगाएँ, 2050 में ₹1 करोड़ से आप कितना सोना खरीद पाएंगे?

पिछले 25 वर्षों में सोने ने निवेशकों को औसतन 14.6% वार्षिक रिटर्न दिया है. अगर यह रफ्तार जारी रही, तो 2050 में ₹1 करोड़ से केवल 25 ग्राम सोना मिलेगा. सोना हमेशा मुद्रास्फीति और आर्थिक अनिश्चितता में सुरक्षित निवेश माना जाएगा.

पिछले 25 वर्षों में सोने ने निवेशकों को औसतन 14.6% वार्षिक रिटर्न दिया है. अगर यह रफ्तार जारी रही, तो 2050 में ₹1 करोड़ से केवल 25 ग्राम सोना मिलेगा. सोना हमेशा मुद्रास्फीति और आर्थिक अनिश्चितता में सुरक्षित निवेश माना जाएगा.

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Mithilesh Kumar Jha
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Gold

सोना: आने वाले दशकों का सुरक्षित निवेश

दो दशकों से अधिक समय से, सोना (gold) भारतीय निवेशकों के लिए कई गुना संपत्ति बढ़ा चुका है और यह विश्वास का प्रतीक बन गया है. जबकि 2000 में 24 कैरेट सोने की कीमत केवल 10 ग्राम के लिए ₹4,400 थी, आज, अक्टूबर 2025 में, वही सोना ₹1.32 लाख प्रति 10 ग्राम से अधिक हो चुका है.

मुद्रास्फीति (Inflation) और आर्थिक अनिश्चितता के इस दौर में, सोना एक बार फिर “सुरक्षित निवेश” के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को मजबूत कर रहा है.

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दिलचस्प बात यह है कि पिछले 25 वर्षों में, सोने ने औसतन 14.6% वार्षिक रिटर्न दिया है, जो किसी भी पारंपरिक बचत योजना या बैंक जमा से कहीं अधिक है. अगर यह रफ्तार जारी रहती है, तो 2050 तक सोने की कीमत इतनी ऊँची हो सकती है कि ₹1 करोड़ केवल कुछ ग्राम सोना खरीदने के लिए पर्याप्त होगा.

इस लेख में, हमारा कैलकुलेशन न केवल सोने की ऐतिहासिक चमक को उजागर करेगा, बल्कि आने वाले वर्षों में निवेश के परिदृश्य में इसके महत्वपूर्ण स्थान को भी सामने लाएगा. लेकिन उससे पहले, आइए समझते हैं कि पिछले 25 वर्षों में सोने की इस तेजी के पीछे क्या कारण रहे.

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आखिर सोने की लोकप्रियता लगातार क्यों बढ़ रही है?

पिछले 25 वर्षों में, जब भी स्टॉक मार्केट या बॉन्ड जैसे संपत्तियों की चमक कम हुई, सोने ने अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी. मुद्रास्फीति, आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रा अस्थिरता के समय में सोना हमेशा निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद और सुरक्षित विकल्प रहा है.

केंद्रीय बैंकों और बड़े निवेशकों द्वारा लगातार खरीदारी ने भी इसकी कीमतों को समर्थन दिया है.

अक्टूबर 2025 में सोने की कीमतें: पिछले एक साल में 67% से अधिक की वृद्धि

सिर्फ एक साल में 24 कैरेट सोने की कीमत में 67% से अधिक की तेजी आई है. डॉलर की कमजोरी, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव (geopolitical tensions), व्यापार शुल्क में तनाव और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता ने सोने की मांग को और बढ़ावा दिया है. भारत में त्योहारों और शादियों की मांग ने भी घरेलू बाजार में सोने की कीमतों को ऊँचा बनाए रखा है.

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आज ₹1 करोड़ से आप कितना सोना खरीद सकते हैं?

अगर कोई आज, यानी अक्टूबर 2025 में ₹1 करोड़ मूल्य का सोना खरीदे, तो उसे लगभग 758 ग्राम (0.76 किग्रा) सोना मिलेगा. 21 अक्टूबर 2025 तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1.32 लाख है.

सवाल उठता है कि पिछले 25 वर्षों (2000–2025) में सोने में CAGR (वार्षिक वृद्धिदर) कितना रहा? अक्टूबर 2000 में 24 कैरेट सोने की कीमत 10 ग्राम के लिए ₹4,400 थी, जबकि अक्टूबर 2025 में यह ₹1.32 लाख प्रति 10 ग्राम से अधिक हो गई है. इसका मतलब है कि सोने की वार्षिक वृद्धि दर 14.6% रही है.

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यदि यह वृद्धि दर जारी रहती है, तो 2050 में ₹1 करोड़ से आप कितना सोना खरीद सकते हैं?

मान लेते हैं कि सोने की कीमतें अगले 25 वर्षों में भी इसी दर (14.6% CAGR) से बढ़ती रहती हैं, तो 2050 में 10 ग्राम सोने की कीमत लगभग ₹40 लाख तक पहुँच सकती है.

इसका मतलब है कि उस समय ₹1 करोड़ केवल 25 ग्राम सोना खरीदने के लिए पर्याप्त होगा.

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भविष्य की कीमतों पर सतर्कता जरूरी

हालांकि, ये गणनाएँ केवल अनुमानित हैं. सोने की कीमतें कई घरेलू और वैश्विक कारकों पर निर्भर करती हैं, जैसे ब्याज दरें, डॉलर की स्थिति, केंद्रीय बैंक की नीतियाँ और वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति.

इसलिए, 2050 में सोने की कीमत 10 ग्राम के लिए ₹40 लाख से अधिक या कम हो सकती है.

सारांश…

यदि पिछले 25 वर्षों की गति जारी रहती है, तो सोना एक बार फिर मुद्रास्फीति को मात देने वाला निवेश (investment) साबित हो सकता है.

लेकिन, हर निवेश की तरह, इसमें भी उतार-चढ़ाव होते हैं. ये तय है कि आने वाले दशकों में भी सोना "सुरक्षित निवेश" माना जाएगा.

Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.

To read this article in English, click here.

Inflation Investment Gold