/financial-express-hindi/media/member_avatars/WhatsApp Image 2024-03-20 at 5.16.35 PM (1).png )
/financial-express-hindi/media/media_files/2025/04/16/yF94v3PrJx33i4nVljDI.jpg)
Income Tax Update: सेक्शन 87A पर ITAT के दो बड़े फैसलों के बाद क्या अब STCG और LTCG पर भी मिलेगी टैक्स राहत? (Image : Pixabay)
Income Tax Update, ITAT Latest Rulings: हाल ही में इनकम टैक्स एपिलेट ट्रिब्यूनल (Income Tax Appellate Tribunal - ITAT) ने दो ऐसे फैसले दिए हैं, जिनसे टैक्सपेयर्स के बीच नई उम्मीद जग गई है. चेन्नई ITAT ने 20 अगस्त 2025 को अपने आदेश में कहा कि सेक्शन 87A के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर भी टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है. इससे पहले 12 अगस्त को अहमदाबाद ITAT ने शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर भी छूट देने का आदेश दिया था. सवाल यह है कि क्या इसका फायदा हर टैक्सपेयर को मिलेगा या यह केवल एक मिसाल बनकर रह जाएगा?
सेक्शन 87A क्या है और कौन ले सकता है फायदा
सेक्शन 87A आयकर कानून में एक ऐसी छूट है, जिसके तहत कम आय वालों को टैक्स राहत मिलती है. वित्त वर्ष 2024-25 के लिए न्यू टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक की आय वालों को अधिकतम 25,000 रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है, जबकि पुरानी टैक्स व्यवस्था में यह सीमा 5 लाख रुपये और राहत 12,500 रुपये तक है. वित्त वर्ष 2025-26 से न्यू टैक्स रिजीम में यह छूट बढ़कर 12 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए 60,000 रुपये हो जाएगी.
अब तक यह छूट केवल सामान्य आय पर लागू मानी जाती थी. बजट 2025 में वित्त मंत्री ने साफ किया था कि STCG और LTCG जैसे "स्पेशल रेट" इनकम पर यह छूट नहीं मिलेगी. लेकिन ITAT के हालिया फैसले ने तस्वीर बदल दी है.
किस केस में आया चेन्नई ITAT का फैसला
तमिलनाडु के टैक्सपेयर वेंकटरामन ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपनी आयकर रिटर्न फाइल की, जिसमें उनकी कुल आय 4.97 लाख रुपये थी, जिसमें LTCG भी शामिल था. उन्होंने सेक्शन 87A के तहत 12,500 रुपये की छूट का दावा किया. लेकिन सीपीसी (Centralised Processing Centre) ने यह कहते हुए छूट नकार दी कि LTCG पर यह राहत नहीं मिल सकती. बाद में CIT(A) ने भी सीपीसी के फैसले को सही ठहराया.
लेकिन अब चेन्नई ITAT ने अपने आदेश में साफ कहा है, “सेक्शन 87A की भाषा में कहीं यह नहीं लिखा है कि किसी भी तरह की आय को छूट से बाहर रखा जाए. अगर किसी टैक्सपेयर की कुल आय, निर्धारित सीमा के अंदर है तो उसे यह छूट मिलनी ही चाहिए.” ITAT ने बॉम्बे हाई कोर्ट के राजीव शाह केस का हवाला देते हुए वेंकटरामन को छूट का लाभ देने का आदेश दिया.
अहमदाबाद ITAT का STCG पर फैसला
इससे पहले, 12 अगस्त 2025 को अहमदाबाद ITAT ने STCG पर भी सेक्शन 87A की छूट को मान्यता दी थी. ट्रिब्यूनल ने कहा कि कानून की भाषा में कहीं यह नहीं लिखा कि STCG पर टैक्स छूट नहीं दी जा सकती. ITAT ने साफ किया कि बजट 2025 में जो संशोधन किया गया है, वह 1 अप्रैल 2025 से लागू है, इसलिए यह पुराने असेसमेंट इयर पर लागू नहीं होगा.
ITAT ने कहा, “CPC ने जो छूट नकार दी, वह सिस्टम-ड्रिवन लॉजिक के आधार पर थी, न कि किसी कानूनी प्रावधान के तहत.”
आम टैक्सपेयर्स के लिए क्या है इसका मतलब
इन दोनों फैसलों से छोटे टैक्सपेयर्स के लिए एक मजबूत मिसाल जरूर बनी है. खासकर वे लोग जिनकी आय STCG या LTCG शामिल करने के बाद भी 5 लाख या 7 लाख रुपये की सीमा से नीचे रहती है, वे राहत पाने के हकदार हो सकते हैं. लेकिन यहां एक व्यावहारिक समस्या है.
फिलहाल आयकर विभाग का सिस्टम STCG और LTCG पर यह छूट ऑटोमेटिकली नहीं दे रहा है. इसका मतलब यह है कि टैक्सपेयर को राहत पाने के लिए अपील या मुकदमेबाजी का सहारा लेना पड़ सकता है, जो छोटे टैक्सपेयर्स के लिए महंगा सौदा हो सकता है.
चेन्नई और अहमदाबाद ITAT के ताजा फैसले छोटे टैक्सपेयर्स के लिए राहत की उम्मीद जगाते हैं. कानूनी रूप से सेक्शन 87A की भाषा स्पष्ट है और इसमें STCG और LTCG को बाहर रखने का कोई प्रावधान नहीं है. लेकिन जब तक आयकर विभाग का सिस्टम अपडेट नहीं होता, तब तक यह फायदा केवल उन्हीं को मिलेगा जो कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. भविष्य में अगर सरकार इस पर स्पष्ट गाइडलाइन जारी करती है तो लाखों टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत मिल सकती है.