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Mutual Fund July AMFI Data : जुलाई 2024 में भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के आंकड़े काफी दिलचस्प रहे हैं. (Image : Pixabay)
Mutual Fund Industry July 2024 AMFI Data: जुलाई 2024 में भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री की तस्वीर काफी दिलचस्प रही है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2024 के दौरान देश में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए होने वाले निवेश ने नया रिकॉर्ड बनाया, सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स भी हिट रहे, लेकिन इक्विटी म्यूचुअल फंड में कुल इनफ्लो घट गया. यह जानकारी AMFI द्वारा 9 अगस्त को जारी आंकड़ों में दी गई है.
इक्विटी फंड में घटा इनफ्लो, मंथली SIP का नया रिकॉर्ड
AMFI के आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में ओपन-एंडेड इक्विटी म्यूचुअल फंड का कुल इनफ्लो 9% गिरकर 37,113 करोड़ रुपये रहा. यह गिरावट जून की तुलना में काफी अधिक है, जब इनफ्लो 17% बढ़कर 40,608 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुंच गया था. इस गिरावट का मुख्य कारण लार्ज-कैप और मिड-कैप फंड्स में निवेश की कमी रही है. लेकिन कुल इक्विटी फंड इनफ्लो में गिरावट के बावजूद, म्यूचुअल फंड्स में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए होने वाले निवेश में लगातार वृद्धि जारी रही. जुलाई में मंथली SIP का इनफ्लो एक नया रिकॉर्ड बनाते हुए 23,332 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो जून के 21,262 करोड़ रुपये की तुलना में काफी अधिक है. SIP इनफ्लो में यह बढ़ोतरी बताती है कि रिटेल निवेशकों का म्यूचुअल फंड में भरोसा लगातार बना हुआ है.
हिट रहे सेक्टोरल या थीमैटिक फंड्स
जुलाई में इक्विटी म्यूचुअल फंड में इनफ्लो का बड़ा हिस्सा सेक्टोरल या थीमैटिक फंड्स में आया है. इस कैटेगरी में 18,386 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो देखा गया. इसकी बड़ी वजह इस कैटेगरी में लॉन्च हुए नौ न्यू फंड ऑफर्स (NFOs) के कारण हुआ. इन NFOs ने महीने के दौरान कुल 12,974 करोड़ रुपये जुटाए. हालांकि लार्ज-कैप फंड्स में इनफ्लो 31% गिरकर 670 करोड़ रुपये पर आ गया, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स में भी नए निवेश की गति धीमी रही. इसके बावजूद, स्मॉल-कैप फंड्स ने 2,109 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो और मिड-कैप फंड्स ने 1,644 करोड़ रुपये का नया निवेश प्राप्त किया.
मल्टी-कैप फंड्स का इनफ्लो 50% बढ़ा
मल्टी-कैप फंड्स, जो लार्ज-कैप, मिड-कैप, और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में निवेश करते हैं, ने जुलाई में 50% की वृद्धि के साथ 7,084 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखा. डिविडेंड यील्ड फंड्स, जो लार्ज-कैप ओरिएंटेड होते हैं, ने भी जून के 520 करोड़ रुपये की तुलना में जुलाई में 630 करोड़ रुपये का उच्च इनफ्लो दर्ज किया.
डेट फंड्स में 1.19 लाख करोड़ का नेट इनफ्लो
फिक्स्ड-इनकम श्रेणी में, डेट म्यूचुअल फंड्स ने जुलाई में 1,19,588 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो देखा, जबकि जून में 1,07,358 करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो हुआ था. लिक्विड फंड श्रेणी, जिसने जून में 80,354 करोड़ रुपये का बड़ा नेट आउटफ्लो देखा था, जुलाई में 70,061 करोड़ रुपये का सबसे अधिक इनफ्लो प्राप्त किया. इस बदलाव का कारण यह है कि कॉरपोरेट्स और कारोबारियों ने अपने अतिरिक्त शॉर्ट-टर्म फंड्स को इन फंड्स में फिर से इनवेस्ट किया. दूसरी डेट फंड कैटेगरीज में भी कम अवधि वाली निवेश प्रोफाइल के साथ नेट इनफ्लो देखा गया, जो ब्याज दर कटौती के बारे में अनिश्चितता के बीच सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर झुकाव को दर्शाता है. हाइब्रिड श्रेणी ने, जिसके जरिए कमोडिटीज, इक्विटी और डेट समेत अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश किया जाता है, जुलाई में 17,436 करोड़ रुपये का मजबूत नेट इनफ्लो देखा.
इंडस्ट्री का AUM 64.97 लाख करोड़ रुपये हुआ
कुल मिलाकर, ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड्स ने जुलाई में 1,89,141 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो दर्ज किया, जिससे म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का नेट एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 64.97 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. यह इंडस्ट्री के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिसने पहली बार जून में 60 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार किया था.
इक्विटी फंड इनफ्लो में उतार-चढ़ाव के बावजूद, स्टॉक मार्केट ने जुलाई में अच्छा प्रदर्शन किया, जिसमें बीएसई सेंसेक्स में 3.43% और एनएसई निफ्टी में 3.92% की बढ़त देखी गई. दरअसल रिटेल निवेशक अब समझने लगे हैं कि लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन के दौरान अस्थिरता का सामना करना ही पड़ता है. निवेशकों की कुल वेल्थ में फाइनेंशियल एसेट्स की हिस्सेदारी तेजी से बढ़ रही है और इन फाइनेंशियल एसेट्स का काफी बड़ा हिस्सा अब म्यूचुअल फंड का बाजार ने ले लिया है.