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Mutual Fund : जिन निवेशकों का नजरिया मिड से लॉन्ग टर्म का है, उनके लिए हेल्थकेयर थीम बेस्ड फंड में पैसा लगाना फायदेमंद हो सकता है. (Pixabay)
Pharma Mutual Funds : बीएसई हेल्थकेयर टोटल रिटर्न इंडेक्स का प्रदर्शन 1, 5 और 10 साल में बेहद मजबूत रहा है. इंडेक्स ने 1, 3, 7 और 15 सालों में BSE 500 टोटल रिटर्न इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है. ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि पिछले 14 सालों में हेल्थकेयर इंडेक्स में शामिल कंपनियों की कमाई BSE 500 की कंपनियों से अधिक रही है. यह दिखाता है कि जिन निवेशकों का निवेश का नजरिया मिड से लॉन्ग टर्म का रहा है, उनके लिए इस थीम पर आधारित सेक्टर फंड (Pharma Funds) में थोड़ा पैसा लगाना फायदेमंद हो सकता है.
BSE हेल्थकेयर इंडेक्स का प्रदर्शन
1 साल का रिटर्न : 21.4%
5 साल का CAGR : 21.7%
10 साल का CAGR : 10.6%
NSE हेल्थकेयर इंडेक्स का प्रदर्शन
1 साल का रिटर्न : 18.44%
5 साल का CAGR : 20.37%
इंसेप्शन के बाद से CAGR : 14.88%
इस सेक्टर में क्यों आ रही है ग्रोथ
बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के सीआईओ इक्विटी, संजय चावला का कहना है कि जैसे-जैसे मेडिकल खर्च बढ़ रहे हैं, समझदार निवेशक हेल्थ और वेलनेस सेक्टर को न सिर्फ सुरक्षा के रूप में बल्कि हाई ग्रोथ वाले निवेश थीम के रूप में अपना रहे हैं. अपने पोर्टफोलियो को इस महत्वपूर्ण और लगातार बढ़ते हुए सेक्टर के साथ जोड़कर, आप न सिर्फ अपनी संपत्ति को सुरक्षित कर सकते हैं, बल्कि इसे बढ़ा भी सकते हैं.
1 साल में 20 से 30% रिटर्न वाले फंड
WhiteOak Capital Pharma and Healthcare : 31%
HDFC Pharma And Healthcare : 30%
ICICI Pru Pharma Healthcare and Diagnostics : 25.71%
UTI Healthcare : 24%
SBI Healthcare Opportunities : 23.22%
Tata Nifty MidSmall Healthcare Index : 22%
Motilal Oswal BSE Healthcare ETF : 21.32%
ITI Pharma and Healthcare : 21.24%
LIC MF Healthcare : 19.75%
Mirae Asset Healthcare : 19.66%
पोर्टफोलियो में क्यों मिलनी चाहिए जगह
संजय चावला ने मेडिकल से जुड़ी महंगाई (मेडिकल इनफ्लेशन) से बचाव के अलावा यहां 3 मजबूत कारण बताए हैं कि क्यों हेल्थकेयर सेक्टर को आपके निवेश पोर्टफोलियो में एक खास जगह मिलनी चाहिए:
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1. आबादी की बनावट तय करती है भविष्य
पिछली सदी में भारत में औसत आयु 3 गुना से भी अधिक हो गई है और यह लगातार बढ़ रही है. 2050 तक, भारत की 21 फीसदी जनसंख्या 60 साल या उससे अधिक की उम्र की होगी. यह उम्रदराज जनसंख्या स्वास्थ्य सेवाओं की मांग बढ़ाएगी, जिससे दवाइयों, डायग्नोस्टिक्स, होम केयर और इंश्योरेंस जैसे सेक्टर में लंबे समय तक चलने वाले और मजबूत व्यावसायिक अवसर पैदा होंगे.
2. स्वास्थ्य जीवन भर की जरूरत
जीवन के हर फेज में स्वास्थ्य पर खर्च बना रहता है. बस इसका प्रकार और आकार उम्र के अलग-अलग चरणों में बदलता है. बीसीजी (BCG) के अनुसार, इस दशक में हृदय रोग और डायबिटीज के मामलों में 34 फीसदी और कैंसर के मामलों में 41 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. शायद यही वजह है कि 2024 की मैकिंजी की स्टडी में पाया गया कि उभरते बाजारों में भारतीय उपभोक्ता वेलनेस और फिटनेस पर सबसे ज्यादा खर्च कर रहे हैं.
3. निवेश के लिए बढ़ता हुआ क्षेत्र
हेल्थ और वेलनेस सेक्टर अब पारंपरिक दवाइयों और अस्पतालों से आगे बढ़ गया है. इसमें अब क्लिनिकल रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन, मेडटेक, डायग्नोस्टिक्स, इंश्योरेंस, न्यूट्रास्यूटिकल्स और फिटनेस ब्रांड शामिल हैं. 100 से अधिक कंपनियां, जिनका कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 200 बिलियन डॉलर है, निवेश के लिए गहराई और विविधता से भरपूर विकल्प प्रदान करती हैं.
इंडेक्स में टॉप वेटेज
Sun Pharma : 19.64%
Divi's Lab : 9.12%
Max Healthcare : 9.08%
Cipla Ltd. : 8.95%
Dr. Reddy's Lab : 8.29%
Apollo Hospitals : 7.55%
Lupin Ltd. : 5.14%
Fortis Healthcare : 4.00%
Torrent Pharmaceuticals : 3.61%
Aurobindo Pharma : 3.49%
(नोट : किसी भी इंडेक्स या इक्विटी फंड में पुराना रिटर्न आगे भी जारी रहेगा या नहीं, इसकी गारंटी नहीं है. यह भविष्य में कायम भी रह सकता है और नहीं भी. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह लें.)