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Warren Buffett Mantra : मार्केट गुरू वॉरेन बफेट का कहना है कि अगर आप बाजार में 10 साल नहीं टिक सकते तो 10 मिनट टिकने के बारे में भी नहीं सोचना चाहिए. (PTI)
Warren Buffett Wealth : अरबपति कारोबारी और दुनिया के मशहूर निवेशक वॉरेन बफेट की रियल टाइम नेटवर्थ करीब 15,300 करोड़ डॉलर है और वह दुनिया के 8वें सबसे अमीर शख्स हैं. अभी वॉरेन बफेट 94 साल के हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसमें से करीब 98 फीसदी दौलत उन्होंने 65 साल से 94 साल के बीच बनाई है.
वेंचुरा सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार 30 साल की उम्र में उनके पास करीब 1 मिलियन डॉलर था (साल 1960) और वह पली बार बिलेनियर 56 साल की उम्र (साल 1986) में बने थे, जब उनकी दौलत 1 बिलियन डॉलर यानी 100 करोड़ डॉलर पहुंची थी. अब उनकी संपत्ति 1,53,00 करोड़ डॉलर हो गई है.
कंपाउंडिंग ने कैसे किया काम
वॉरेन बफेट की इस जर्नी में आपने क्या देखा. उनके दौलतमंद बनने की कहानी देखें तो आप यह समझ पाएंगे कि कंपाउंडिंग की असली ताकत (Power of Compounding) क्या होती है. कैसे लंबी अवधि में पैसे से पैसा बनता है और दौलत का असली मल्टीप्लायर होता है. 30 साल में 1 मिलियन डॉलर यानी 10 लाख डॉलर से 56 साल की उम्र में 1.4 बिलियन डॉलर यानी 140 करोड़ डॉलर तक पहुंचने में उन्हें 26 साल लगे थे.
इसके 10 साल बाद यानी 66 साल की उम्र में उनकी दौलत बढ़कर 170 करोड़ डॉलर हो गई, तो अगल डबल होने में सिर्फ 6 साल लगे और 72 की उम्र में उनकी दौलत बढ़कर 357 करोड़ डॉलर हो गई. यह साल था 2002. साल 2002 से 20 साल बाद उनकी दौपत पहली बार 10,000 करोड़ डॉलर के पार निकलकर 10,900 करोड़ डॉलर हो गई, जब अब 15,300 करोड़ डॉलर हो चुकी है.
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धैर्य रखने से ही मिलती है सफलता
निवेशकों को दी गई सलाह में मार्केट गुरू वॉरेन बफेट का कहना है कि अगर आप बाजार में 10 साल नहीं टिक सकते तो 10 मिनट टिकने के बारे में भी नहीं सोचना चाहिए. उनका यह भी कहना है कि शेयर बाजार जल्द घरा जाने वाले लोगों से धैर्य रखने वालों तक पैसे पहुंचाने का एक साधन है. तो क्या आप उनकी यह सलाह मानना चाहेंगे. उन्होंने तो र्धर्य रखा और उसका परिणाम क्या मिला, यह आपके सामने है. 94 वर्ष की उम्र में, 153 बिलियन डॉलर से अधिक संपत्ति के साथ, उनकी सफलता यह साबित करती है कि दीर्घकालिक निवेश और अपने मार्ग पर टिके रहना कितने लाभदायक हो सकते हैं.
इन्वेस्टमेंट की पूरी जर्नी
वॉरेन बफेट का शुरुआती जीवन उनके भविष्य की झलक देता था. उन्होंने 11 साल की उम्र में अपना पहला स्टॉक खरीदा और किशोरावस्था में छोटे-छोटे बिजनेस भी चलाए. उनकी वित्तीय समझ तब से ही साफ दिखाई देने लगी थी. उन्होंने "वैल्यू इन्वेस्टिंग के जनक" बेंजामिन ग्रैहम से पढ़ाई की, जिसने उनकी मुख्य सोच को आकार दिया कि अच्छी कंपनियों के स्टॉक में सही वैल्यू पर पैसे लगाओ.
1965 में उन्होंने एक टेक्सटाइल मिल, बर्कशर हैथवे का अधिग्रहण किया और इसे धीरे-धीरे एक विशाल होल्डिंग कंपनी में बदल दिया. यह कंपनी, जीईआईसीओ और Duracell जैसी बड़ी कंपनियों का मालिक है और एप्पल (Apple) जैसी कंपनियों में बड़े हिस्से की हिस्सेदार है. यही बफेट की संपत्ति का मुख्य सोर्स बनी. 1970 से वे इसके चेयरमैन और सीईओ हैं, और उनकी कहानी इस कंपनी की सफलता से गहराई से जुड़ी हुई है.