scorecardresearch

Mutual Fund Investment: मोमेंटम इंडेक्स फंड्स की भीड़ में कैसे करें सही स्कीम का चुनाव, आपके लिए क्या है बेस्ट ऑप्शन?

Momentum Funds Investment: मोमेंटम इनवेस्टिंग का मतलब उन कंपनियों में निवेश करना है, जिनके स्टॉक्स ने हाल के दिनों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. इस रणनीति के आधार पर निवेश करने से पहले उसका नफा-नुकसान जानना जरूरी है.

Momentum Funds Investment: मोमेंटम इनवेस्टिंग का मतलब उन कंपनियों में निवेश करना है, जिनके स्टॉक्स ने हाल के दिनों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. इस रणनीति के आधार पर निवेश करने से पहले उसका नफा-नुकसान जानना जरूरी है.

author-image
Viplav Rahi
New Update
Standard Glass Lining IPO, Standard Glass Lining IPO Subscription Status, Standard Glass Lining IPO Latest GMP, Standard Glass Lining IPO Listing Date, First IPO of 2025, IPO News

Momentum Index Funds Investment : म्यूचुअल फंड्स इनवेस्टर्स के बीच मोमेंटम इनवेस्टिंग का रुझान काफी बढ़ा है. (Image : Pixabay)

Explained : Momentum Index Funds Investment Strategy : म्यूचुअल फंड्स इनवेस्टर्स के बीच पिछले कुछ अरसे में मोमेंटम इनवेस्टिंग की तरफ रुझान काफी बढ़ा है. मोमेंटम इनवेस्टिंग की रणनीति का मतलब उन कंपनियों में निवेश करना है, जिनके स्टॉक्स ने हाल के दिनों में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. अलग-अलग मोमेंटम फंड्स, अलग-अलग इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. इसलिए उनका प्रदर्शन और रिस्क प्रोफाइल भी काफी अलग हो सकता है. यही वजह है कि मोमेंटम इनवेस्टिंग की रणनीति का पूरा लाभ लेने के लिए सही मोमेंटम इंडेक्स का चुनाव करना और फिर उसे ट्रैक करने वाली सटीक म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करना बहुत जरूरी है. आगे हम जानेंगे कि मोमेंटम इंडेक्स फंड्स की भीड़ में सही स्कीम का चुनाव कैसे किया जाए. लेकिन उससे पहले जानते हैं कि मोमेंटम फंड्स का मतलब और उनकी खासियत क्या है.

मोमेंटम फंड क्या होते हैं?

मोमेंटम फंड्स उन स्टॉक्स में निवेश पर फोकस करते हैं, जो हाल के दिनों में मार्केट विनर्स हैं. यह फंड्स उन स्टॉक्स को चुनते हैं जो लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण आगे बढ़ रहे हैं. पैसिव मोमेंटम फंड्स इसके लिए किसी खास मोमेंटम इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. इस तरह से म्यूचुअल फंड्स में निवेश की मोमेंटम स्ट्रैटजी, दरअसल बाजार की चाल पर निर्भर करती है, और यह रणनीति तेजी वाले बाजार में बड़ा रिटर्न दे सकती है, जबकि गिरावट के समय इसका असर उल्टा हो सकता है. 

Advertisment

Also read : Income Tax : 1.5 लाख रुपये बचाने का आज आखिरी मौका, चूक गए तो होगा बड़ा नुकसान

मोमेंटम इंडेक्स और उन पर आधारित फंड

हर मोमेंटम इंडेक्स फंड किसी न किसी मोमेंटम आधारित इंडेक्स को ट्रैक करता है. मोमेंटम आधारित इंडेक्स ऐसे इंडेक्स होते हैं, जिनमें किसी ब्रॉड इंडेक्स में शामिल तमाम स्टॉक्स में से चुनिंदा आउट-परफॉर्मर यानी बेहतर प्रदर्शन कर रहे शेयर्स को शामिल किया जाता है. ऐसे मोमेंटम-आधारित इंडेक्स की लिस्ट में Nifty 200 Momentum 30 Index, Nifty Midcap 150 Momentum 50 Index, और Nifty 500 Momentum 50 Index जैसे सूचकांक शामिल हैं, जिन पर आधारित कई मोमेंटम इंडेक्स फंड निवेश के लिए उपलब्ध हैं. 

Also read : Gold Buying: फेस्टिव सीजन में सोना खरीदने का है इरादा? ज्वैलरी शॉप के अलावा ऐसे भी कर सकते हैं खरीदारी

कुछ महत्वपूर्ण मोमेंटम इंडेक्स

- Nifty200 Momentum 30 Index:यह इंडेक्स 200 सबसे बड़ी कंपनियों में से 30 बेस्ट परफॉर्मिंग स्टॉक्स को चुनकर तैयार किया जाता है.

- Nifty Midcap150 Momentum 50 Index: यह इंडेक्स मिड-कैप स्टॉक्स पर आधारित है और इसमें 150 मिडकैप स्टॉक्स में से 50 मोमेंटम विनर स्टॉक्स को शामिल किया जाता है.

- Nifty500 Momentum 50 Index:यह इंडेक्स लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल-कैप, तीनों तरह के स्टॉक्स में से सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले टॉप 50 स्टॉक्स को मिलाकर बनता है.

इसके अलावा, कुछ मल्टी-फैक्टर मोमेंटम इंडेक्स भी हैं, जिन्हें कुछ फंड ट्रैक करते हैं. मिसाल के तौर पर  Nifty Smallcap 250 Momentum Quality 100 Index और Nifty MidSmallcap400 Momentum Quality 100 Index. ये फंड्स छोटे और मिडकैप स्टॉक्स को मोमेंटम और क्वॉलिटी के आधार पर चुनते हैं.

सही मोमेंटम फंड का चुनाव कैसे करें?

  1. रिस्क प्रोफाइल के आधार पर:मोमेंटम इनवेस्टमेंट रिस्की हो सकता है, क्योंकि यह स्टॉक्स के मौजूदा ट्रेंड्स पर आधारित होता है. ऐसे में आपको अपनी जोखिम क्षमता के अनुसार सही फंड का चुनाव करना चाहिए. अगर आप ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं, तो मिड-कैप या स्मॉल-कैप मोमेंटम फंड आपके लिए अच्छे हो सकते हैं. वहीं, अगर आप ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते, तो लार्ज-कैप मोमेंटम फंड या मल्टी-फैक्टर स्ट्रेटजी बेहतर विकल्प हो सकते हैं.

  2. लार्ज-कैप vs मिड-कैप:लार्ज-कैप स्टॉक्स में मोमेंटम इनवेस्टमेंट तुलनात्मक रूप से कम रिस्की होता है, क्योंकि ये कंपनियां ज्यादा बड़ी और स्टेबल होती हैं. वहीं मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में जोखिम ज्यादा होता है, लेकिन रिटर्न भी ज्यादा मिल सकता है. उदाहरण के लिए, Nifty Midcap150 Momentum 50 Index ने पिछले 5 सालों में सबसे बेहतर रिटर्न दिया है.

  3. मल्टी-फैक्टर स्ट्रैटजी:कुछ मोमेंटम इंडेक्स फंड्स मोमेंटम के साथ-साथ क्वॉलिटी जैसे फैक्टर्स को भी ध्यान में रखते हैं. ऐसे फंड्स में जोखिम कम होता है और ये मार्केट की अलग-अलग स्थितियों में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, Nifty MidSmallcap400 Momentum Quality 100 Index और Nifty Smallcap250 Momentum Quality 100 Index ने अच्छी स्थिरता दिखाई है.

Also read : HDFC Mutual Fund Scheme: 3 साल में डबल तो 5 साल में तिगुने हुए पैसे, SIP पर भी मोटा मुनाफा, क्या है सफलता की वजह?

मोमेंटम फंड्स के लाभ और जोखिम

मोमेंटम फंड्स तेजी वाले बाजार में तेजी से ग्रोथ कर सकते हैं और अच्छा रिटर्न दे सकते हैं. इनमें लचीलापन होता है, क्योंकि ये लगातार मार्केट के विनर स्टॉक्स के अपने सेलेक्शन को अपडेट करते रहते हैं. लेकिन इसके साथ ही मोमेंटम फंड्स में गिरावट के समय बड़ा नुकसान होने का खतरा भी रहता है. खासतौर पर अगर मोमेंटम फंड मिड-कैप या स्मॉल-कैप स्टॉक्स पर फोकस करने वाला हो. इसके अलावा कई बार ऐसे फंड्स के स्टॉक सेलेक्शन में फंडामेंटल्स या वैल्यूएशन पर उतना फोकस नहीं रहता, जिससे जोखिम बढ़ जाता है.

Also read : Mutual Fund Megastar: 81,000 करोड़ के निवेश वाली स्कीम ! ये इक्विटी फंड क्यों बना इनवेस्टर्स का फेवरिट? कैसा है रिटर्न का रिकॉर्ड

आपके लिए क्या है बेस्ट ऑप्शन?

अगर आप कम जोखिम के साथ मोमेंटम रणनीति अपनाना चाहते हैं, तो Nifty200 Momentum 30 Index पर आधारित फंड्स में निवेश पर विचार कर सकते हैं. ये फंड्स लार्ज-कैप स्टॉक्स पर आधारित इंडेक्स को ट्रैक करने के कारण तुलनात्मक रूप से कम रिस्की कहे जा सकते हैं. लेकिन अगर आप ज्यादा रिटर्न की तलाश में हैं और इसके लिए ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं, तो Nifty Midcap150 Momentum 50 Index या Nifty500 Momentum 50 Index पर विचार कर सकते हैं. ये फंड्स आपको मार्केट के अलग-अलग सेगमेंट के विनर स्टॉक्स में निवेश करने का मौका देते हैं. लेकिन मोमेंटम फंड कोई भी हो, इक्विटी में निवेश के कारण उनके साथ मार्केट रिस्क तो हमेशा ही जुड़ा रहता है. इसलिए इनमें निवेश का फैसला करने से पहले अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश के उद्देश्यों पर अच्छी तरह सोच-विचार कर लें. कुल मिलाकर यह एक हाई रिस्क इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी है, जो सही तरीके से लागू करने पर यह बड़े रिटर्न दे सकती है. बेहतर होगा अगर आप इस बारे में कोई फैसला करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह-मशविरा कर लें और समझदारी से निवेश करें.

(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है, किसी फंड में निवेश की सलाह देना नहीं. इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में किए गए निवेश पर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)

Explained Mutual Fund Investment Index Fund