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Mutual Fund Latest Data: फरवरी में 3 महीने के सबसे निचले स्तर पर आया SIP इनवेस्टमेंट, डेट फंड्स से बड़े पैमाने पर निकाले गए पैसे

Latest AMFI Data : फरवरी में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में इनफ्लो 26% घटकर 29,303 करोड़ रुपये रह गया. SIP के जरिए निवेश भी 3 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया.

Latest AMFI Data : फरवरी में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में इनफ्लो 26% घटकर 29,303 करोड़ रुपये रह गया. SIP के जरिए निवेश भी 3 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया.

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Viplav Rahi
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February 2025 AMFI Data : फरवरी के महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में इंफ्लो तेजी से घटा है. (Image : Pixabay)

Mutual Fund Investment Latest AMFI Data : फरवरी के महीने में इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश में भारी गिरावट दर्ज की गई है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में इनफ्लो 26% घटकर 29,303 करोड़ रुपये रह गया. इसके अलावा, सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश भी तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. AMFI देश के तमाम म्यूचुअल फंड्स को मैनेज करने वाली कंपनियों (AMC) का संगठन है. 

इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में क्यों घटा निवेश?

फरवरी में मिड कैप और स्मॉल कैप फंड्स में निवेश में कमी आना इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में गिरावट का बड़ा कारण रहा. जनवरी में जहां मिड कैप फंड्स में 5,147 करोड़ और स्मॉल कैप फंड्स में 5,720 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था, वहीं फरवरी में यह गिरकर मिड कैप फंड्स में 3,406 करोड़ और स्मॉल कैप फंड्स में 3,722 करोड़ रुपये रह गया. बड़े निवेशकों ने बाजार की अस्थिरता को देखते हुए नए निवेश करने से परहेज किया, जिससे ग्रॉस इनफ्लो में कमी आई.

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मोतीलाल ओसवाल एएमसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और चीफ बिजनेस ऑफिसर अखिल चतुर्वेदी ने कहा, "लगातार महीने-दर-महीने बाजार में सुधार के बाद फरवरी में सेल्स में सुस्ती देखी गई. इसके अलावा, फरवरी का महीना छोटा होने का भी असर पड़ा. निवेशक एलोकेशन को लेकर सतर्क हो गए हैं और वे निकट भविष्य में निवेश को टाल सकते हैं या इसकी रफ्तार कम कर सकते हैं. हालांकि 30,000 करोड़ रुपये का नेट सेल्स अब भी काफी मजबूत है और लंबी अवधि के वेल्थ क्रिएशन के नजरिये से सेंटिमेंट सकारात्मक दिख रहे हैं."

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SIP निवेश तीन महीने के निचले स्तर पर

फरवरी में SIP के जरिए निवेश 25,999 करोड़ रुपये रहा, जो जनवरी के 26,400 करोड़ और दिसंबर के 26,459 करोड़ रुपये से कम है. मिरे एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स (इंडिया) की हेड ऑफ डिस्ट्रीब्यूशन एंड स्ट्रैटेजिक एलायंसेज सुरंजना बोरठाकुर ने कहा, "SIP निवेश में मामूली गिरावट आई है, लेकिन यह फरवरी का महीना छोटा होने के कारण भी संभव है."

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के सीनियर एनालिस्ट - मैनेजर रिसर्च नेहाल मेशराम ने कहा, "हालांकि शॉर्ट टर्म चुनौतियों ने इनवेस्टमेंट के फ्लो पर असर डाला है, लेकिन घरेलू निवेशकों का आत्मविश्वास मजबूत बना हुआ है. निवेशक अपने पोर्टफोलियो को रिव्यू कर रहे हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट कमिटमेंट को बनाए हुए हैं."

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सेक्टोरल और थीमेटिक फंड्स में निवेश बढ़ा

जहां अधिकांश इक्विटी श्रेणियों में गिरावट देखी गई, वहीं सेक्टोरल और थीमेटिक फंड्स में निवेशकों का भरोसा बना रहा. इन फंड्स में फरवरी में 5,711 करोड़ रुपये का इनफ्लो देखा गया, जबकि फ्लेक्सी कैप फंड्स में 5,104 करोड़ रुपये का निवेश हुआ.

डेट म्यूचुअल फंड्स में भारी आउटफ्लो

डेट म्यूचुअल फंड्स में फरवरी में 6,525 करोड़ रुपये का आउटफ्लो दर्ज किया गया, जबकि जनवरी में इनमें 1.28 लाख करोड़ रुपये का जबरदस्त इनफ्लो देखा गया था. शॉर्ट टर्म डेट कैटेगरीज में सबसे अधिक निकासी देखी गई, जिनमें अल्ट्रा-शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स, मनी मार्केट फंड्स और ओवरनाइट फंड्स प्रमुख रहे. कुल मिलाकर 16 डेट कैटेगरी में से 10 में नेट आउटफ्लो दर्ज किया गया.

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म्यूचुअल फंड्स के कुल AUM में गिरावट

इस गिरावट का असर म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) पर भी पड़ा, जो फरवरी के अंत में 4% घटकर 64.53 लाख करोड़ रुपये रह गया. जनवरी में यह आंकड़ा 67.25 लाख करोड़ रुपये था.

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ग्लोबल फैक्टर्स और बाजार में गिरावट का असर

इस गिरावट के पीछे ग्लोबल लेवल पर जारी असमंजस और मैक्रोइकोनॉमिक फैक्टर्स की भूमिका भी मानी जा रही है. फरवरी में सेंसेक्स में 5.5 % की गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों के सेंटिमेंट पर असर पड़ा. हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि में बाजार की मजबूती बनी रहेगी और निवेशक धीरे-धीरे बाजार में फिर से सक्रिय हो सकते हैं. 

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