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Mutual Fund Returns : फ्लेक्सी कैप, मल्टी कैप या ELSS? रिटर्न देने में कौन है सबसे आगे, आपके लिए क्या है सही ऑप्शन

Flexi Cap vs Multi Cap vs ELSS : इनमें कौन सी इक्विटी म्यूचुअल फंड कैटेगरी आपके लिए रहेगी बेहतर? लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएशन के लिए किसमें करें निवेश?

Flexi Cap vs Multi Cap vs ELSS : इनमें कौन सी इक्विटी म्यूचुअल फंड कैटेगरी आपके लिए रहेगी बेहतर? लॉन्ग टर्म में वेल्थ क्रिएशन के लिए किसमें करें निवेश?

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Viplav Rahi
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Flexi Cap vs Multi Cap vs ELSS : लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए इनमें से कौन सी फंड कैटेगरी बेहतर है? (Image : Pixabay)

Flexi Cap vs Multi Cap vs ELSS : लंबी अवधि में निवेश के जरिये वेल्थ क्रिएशन करना हो, तो म्यूचुअल फंड को इसका बेस्ट तरीका माना जाता है. खास तौर पर इक्विटी फंड्स को शेयर बाजार में निवेश के जरिये हाई रिटर्न देने की वजह से काफी पसंद किया जाता है. लेकिन कई बार निवेशकों के सामने यह सवाल आता है कि उन्हें इक्विटी म्यूचुअल फंड की किस कैटेगरी में निवेश करना चाहिए? वैसे तो इक्विटी फंड के दायरे में लार्ज कैप, लार्ज एंड मिड कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप से लेकर वैल्यू फंड और थीमैटिक फंड तक कई कैटेगरी की स्कीम शामिल हैं, लेकिन डायवर्सिफिकेशन और वेल्थ क्रिएशन के लिहाज से फ्लेक्सी कैप, मल्टी कैप और इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) काफी लोकप्रिय फंड कैटेगरी हैं. आगे हम इन तीनों कैटेगरी में आने वाले टॉप फंड्स के प्रदर्शन पर नजर डालेंगे और साथ ही देखेंगे कि इन तीनों कैटेगरी की खासियत क्या है.

मल्टी कैप फंड : डायवर्सिफिकेशन का फायदा 

मल्टी कैप फंड (Multi Cap Fund) ऐसे इक्विटी म्यूचुअल फंड हैं, जिनके पोर्टफोलियो में, लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप तीनों सेगमेंट के शेयर हर वक्त शामिल रहने चाहिए. फंड मैनेजर को इनमें से हर सेगमेंट के शेयरों में हर समय कम से कम 25 फीसदी निवेश बनाए रखना होता है. यानी मल्टी कैप फंड के पोर्टफोलियो में हर वक्त लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप सेगमेंट के 25-25 फीसदी शेयर होने चाहिए. बाकी 25 फीसदी अलोकेशन फंड मैनेजर अपनी मर्जी से कर सकते हैं. इस पाबंदी की वजह से मल्टी-कैप फंड के निवेश में सेगमेंट पर आधारित डायवर्सिफिकेशन का स्तर हमेशा बना रहता है. सेबी की परिभाषा के हिसाब से किसी भी मल्टी कैप फंड का कम से कम 75 फीसदी निवेश इक्विटी या इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में होना जरूरी है. 

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टॉप मल्टी कैप फंड का रिटर्न 

Quant Active Fund - Direct 

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 35.61%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 22.02%

Mahindra Manulife Multi Cap Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 30.64%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : NA%

ICICI Prudential Multicap Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 25.22%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 17.54%

Nippon India Multi Cap Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 28.30%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 17.65%

Invesco India Multicap Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न :26.62%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 18.34%

Baroda BNP Paribas Multi Cap Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 26.22%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 17.34%

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फ्लेक्सी कैप फंड : ग्रोथ की संभावना पर फोकस

फ्लेक्सी कैप फंड (Flexi Cap Fund) भी इक्विटी म्यूचुअल फंड के तहत आने वाली काफी लोकप्रिय कैटेगरी है. फ्लेक्सी कैप फंड की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसके पोर्टफोलियो में किस शेयर को शामिल किया जाएगा, इसका फैसला पूरी तरह से फंड मैनेजर के हाथ में होता है. इसमें मल्टी कैप फंड की तरह लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप समेत किसी भी कैटेगरी के शेयर में पोर्टफोलियो का कोई निश्चित हिस्सा निवेश करने की कोई पाबंदी नहीं होती है. इसके चलते फंड मैनेजर सिर्फ बेहतर ग्रोथ की संभावना को देखकर कहीं भी निवेश कर सकते हैं, जिससे लंबी अवधि के दौरान बेहतर रिटर्न मिलने की गुंजाइश रहती है. अगर फंड मैनेजर को लगता है कि लार्ज कैप अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, तो वे फंड का बड़ा हिस्सा लार्ज-कैप शेयरों में निवेश कर सकते हैं. वहीं, बाजार के प्रदर्शन के हिसाब से जरूरत पड़ने पर मिड-कैप या स्मॉल-कैप शेयरों में भी निवेश को कम या ज्यादा किया जा सकता है. सेबी की परिभाषा के हिसाब से फ्लेक्सी कैप फंड का कम से कम 65 फीसदी हिस्सा इक्विटी में इनवेस्ट होना चाहिए. 

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टॉप 5 फ्लेक्सी कैप फंड का रिटर्न 

Quant Flexi Cap Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 38.49 %

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 22.42%

JM Flexicap Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 29.20 %

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 20.29%

Parag Parikh Flexi Cap Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 27.61%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 19.49%

Motilal Oswal Flexi Cap Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 19.66%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 17.89%

Franklin India Flexi Cap Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 25.85%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 17.50%

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इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम : रिटर्न के साथ टैक्स की बचत

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) को बेहद सफल इक्विटी म्यूचुअल फंड कैटेगरी में शामिल किया जा सकता है. सेबी के नियमों के तहत ईएलएसएस का कम से कम 80 फीसदी हिस्सा शेयर्स में निवेश करना जरूरी है. फ्लेक्सी कैप फंड की तरह की, ईएलएसएस के जरिये भी निवेश किन शेयरों में किया जाएगा, इसका फैसला फंड मैनेजर को करना होता है. खास बात यह है कि ईएलएसएस एक टैक्स सेविंग स्कीम भी है, जो इसकी लोकप्रियता की बड़ी वजह है. इस स्कीम में एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर सेक्शन 80C के तहत इनकम टैक्स में छूट मिलती है. टैक्स सेविंग स्कीम होने का कारण इसमें किए गए निवेश पर 3 साल का लॉक इन पीरियड भी लागू होता है. यानी ईएलएसएस की यूनिट्स को अलोकेशन के 3 साल बाद ही रिडीम किया जा सकता है. 

टॉप 5 ELSS फंड का रिटर्न

Quant ELSS Tax Saver Fund - Direct 

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 38.66%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 25.01%

Bank of India ELSS Tax Saver Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 30.48%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न :19.66%

SBI Long Term Equity Fund - Direct 

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 28.34%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 16.93%

JM ELSS Tax Saver Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 26.46%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 19.06%

DSP ELSS Tax Saver Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 25.71%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 18.61%

Bandhan ELSS Tax Saver Fund - Direct

5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 26.72%

10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 18.44 %

आपके लिए क्या है सही निवेश 

इक्विटी म्यूचुअल फंड की ऊपर बताई गई तीनों कैटेगरी की अपनी-अपनी खूबियां हैं, जिन्हें इनवेस्टर अपनी निवेश की प्राथमिकताओं के आधार पर चुन सकते हैं. अगर आप डायवर्सिफिकेशन पर ज्यादा जोर देना चाहते हैं, तो मल्टी कैप फंड पर विचार कर सकते हैं. लेकिन अगर आप फंड मैनेजर की समझदारी पर भरोसा करके निवेश करना चाहते हैं, तो फ्लेक्सी कैप फंड अच्छा ऑप्शन है. वहीं, अगर आपको बेहतर रिटर्न के साथ ही साथ इनकम टैक्स की बचत भी करनी है और 3 साल के लॉक-इन से कोई दिक्कत नहीं है, तो ईएलएसएस आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है. वैसे भी इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश कम से कम 5 साल या उससे ज्यादा अवधि के लिए ही करना चाहिए. अगर आप सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये निवेश करते हैं, तो कंपाउंडिंग के साथ ही साथ कॉस्ट एवरेजिंग का लाभ भी ले पाएंगे. फंड कैटेगरी कोई भी हो, निवेश का फैसला करने से पहले यह जरूर ध्यान में रखें कि इक्विटी स्कीम होने की वजह से इन तीनों ही तरह के फंड में मार्केट रिस्क रहता है. इसलिए निवेश का फैसला अपने रिस्क प्रोफाइल को ध्यान में रखकर करें.

(डिस्क्लेमर: म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश पर शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. हमारा मकसद किसी फंड में निवेश की सलाह देना नहीं, सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)

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