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Low Risk Good Return SIP: टॉप 10 इक्विटी सेविंग्स फंड्स ने 5 साल में एसआईपी पर निवेशकों को महंगाई दर से दोगुना रिटर्न दिया है. (Image : Freepik)
Equity Savings Funds SIP Beats Inflation: अगर आप अपने पैसे फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) या फिक्स्ड रिटर्न वाले किसी और एसेट में निवेश करते हैं, तो आम तौर पर आपको सालाना 6 से 8% तक रिटर्न मिलता है. लेकिन महंगाई दर को एडजस्ट करने के बाद रिटर्न की असली दर बेहद कम रह जाती है. अक्टूबर 2024 में देश की औसत कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई दर 6.21% रही थी. लिहाजा 6 से 8% रिटर्न के लिए निवेश करना फायदे का सौदा नहीं है. लेकिन अगर आप ज्यादा रिटर्न हासिल करने के लिए इक्विटी में निवेश करने का विकल्प चुनते हैं, तो उसमें रिस्क काफी बढ़ जाता है. ज्यादातर प्योर इक्विटी फंड्स का रिस्क लेवल ‘बहुत अधिक’ (Very High) होता है. लेकिन इनवेस्टमेंट का एक ऑप्शन ऐसा भी है, जिसने पिछले 5 साल के दौरान निवेशकों को महंगाई से दोगुना रिटर्न दिया है, वो भी कम रिस्क के साथ. हम बात कर रहे हैं इक्विटी सेविंग्स फंड्स की. ऐसे टॉप 10 फंड के पिछले 5 साल के एसआईपी रिटर्न की जानकारी आगे देंगे, लेकिन पहले जानते हैं कि इनके कम रिस्क में बेहतर रिटर्न देने का राज क्या है.
कम रिस्क में बेहतर रिटर्न का क्या है राज?
हाइब्रिड फंड्स की कैटेगरी में आने वाले इक्विटी सेविंग्स फंड्स कम रिस्क में अच्छे रिटर्न इसलिए दे पाते हैं, क्योंकि उनके कॉर्पस को इक्विटी, डेट (Debt) और आर्बिट्राज (Arbitrage) में बांटकर निवेश किया जाता है. दरअसल सेबी के नियमों के तहत इक्विटी सेविंग्स फंड्स के कॉर्पस का कम से 65% इक्विटी और इक्विटी से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में और कम से कम 10% हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करना जरूरी है. इसके अलावा ये फंड डेरिवेटिव्स में भी निवेश कर सकते हैं, जिसका खुलासा स्कीम इनफॉर्मेशन डॉक्युमेंट में करना जरूरी होता है. इस तरह की निवेश स्ट्रैटजी की वजह से ही इक्विटी में निवेश के बावजूद बाजार की उथल-पुथल का इन पर कम असर पड़ता है.
आर्बिट्राज में निवेश का दोहरा फायदा
इक्विटी मार्केट में लॉन्ग या मीडियम टर्म के लिए किया गया निवेश, जहां बेहतर रिटर्न देने की संभावना रखता है, वहीं आर्बिट्राज में इनवेस्टमेंट करने से पोर्टफोलियो के ओवरऑल रिस्क को कम रखने में मदद मिलती है. ऐसा इसलिए, क्योंकि फंड मैनेजर आर्बिट्राज का मौका देखकर ही पैसे लगाते हैं. यानी निवेश तभी करते हैं, जब उन्हें मुनाफे की संभावना दिखाई देती है. लिहाजा, इसमें निगेटिव रिटर्न का रिस्क ना के बराबर रहता है. यही वजह है कि इक्विटी सेविंग्स फंड्स निवेशकों को स्थिर और सुरक्षित रिटर्न प्रदान करने में मदद करता है. खास बात ये है कि स्टेबल रिटर्न देने वाला आर्बिट्राज भी इक्विटी इनवेस्टमेंट की कैटेगरी में ही आता है, जिससे इक्विटी में कम से कम 65% निवेश करने की शर्त भी पूरी हो जाती है.
5 साल में SIP पर बेस्ट रिटर्न देने वाले टॉप 10 इक्विटी सेविंग्स फंड
स्कीम का नाम | 5 साल का SIP रिटर्न (CAGR) |
HSBC Equity Savings Fund (Direct Plan) | 17.38 % |
Sundaram Equity Savings Fund (Direct Plan) | 15.58 % |
Kotak Equity Savings Fund (Direct Plan) | 14.47 % |
Mirae Asset Equity Savings Fund (Direct Plan) | 13.82 % |
Invesco India Equity Savings Fund (Direct Plan) | 13.78 % |
Mahindra Manulife Equity Savings Fund (Direct Plan) | 13.65 % |
HDFC Equity Savings Fund (Direct Plan) | 13.61 % |
SBI Equity Savings Fund (Direct Plan) | 13.44 % |
UTI Equity Savings Fund (Direct Plan) | 13.19 % |
Axis Equity Savings Fund (Direct Plan) | 13.08 % |
बेंचमार्क की तुलना में बेहतर रिटर्न
इनमें से अधिकांश फंड्स का बेंचमार्क निफ्टी इक्विटी सेविंग्स टोटल रिटर्न इंडेक्स (NIFTY Equity Savings TRI) है, जिसका 5 साल का औसत सालाना रिटर्न 10.20% रहा है. दूसरा बेंचमार्क क्रिसिल इक्विटी सेविंग इंडेक्स (CRISIL Equity Saving Index) है, जिसका 5 साल का सालाना रिटर्न 10.91% है. यानी इन सभी फंड्स ने बेंचमार्क की तुलना में काफी बेहतर रिटर्न दिए हैं.
मुनाफे पर टैक्स बेनिफिट
इक्विटी सेविंग्स फंड्स को इनकम टैक्स के नियमों के लिहाज से इक्विटी फंड की कैटेगरी में रखा जाता है. यानी इससे होने वाले मुनाफे पर वे सभी टैक्स बेनिफिट भी मिलते हैं, जो इक्विटी इनवेस्टमेंट पर लागू होते हैं. इन नियमों के तहत 12 महीने से ज्यादा समय के लिए निवेश करने पर एक वित्त वर्ष के दौरान 1.25 लाख रुपये तक के मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगता है. इससे अधिक मुनाफा होने पर केवल 12.5% की दर से लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लगता है.
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किन्हें करना चाहिए निवेश?
जो लोग सुरक्षित और स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं और ज्यादा रिस्क भी नहीं लेना चाहते, उनके लिए इक्विटी सेविंग्स फंड्स एक अच्छा विकल्प हो सकते हैं. ये फंड उन निवेशकों के लिए भी सही हैं, जो पहली बार निवेश कर रहे हैं और बाजार की अस्थिरता को लेकर चिंतित हैं. रिस्क कम होने के कारण यह नए निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है. इसके अलावा जो लोग अपने निवेश से होने वाले मुनाफे पर टैक्स की बचत करना चाहते हैं, उनके लिए भी इक्विटी सेविंग्स फंड्स सही ऑप्शन हो सकते हैं. हालांकि इक्विटी में निवेश करने के कारण कुछ हद तक मार्केट रिस्क इनके साथ भी जुड़ा रहता है, लेकिन सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए निवेश करके आप इस रिस्क को कम कर सकते हैं.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी देना है किसी फंड में निवेश की सलाह देना नहीं. म्यूचुअल फंड के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसा ही रिटर्न मिलने की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश से जुड़े फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)