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Retirement Planning: रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए SWP और डिविडेंड प्लान में क्या बेहतर है? (Image : Pixabay)
SWP vs Dividend Plan for regular income after retirement: रिटायरमेंट के बाद नियमित आय की जरूरत हर किसी को होती है. इस जरूरत को पूरा करने के लिए निवेशक कई विकल्पों पर विचार करते हैं, जिनमें सिस्टमैटिक विथड्रॉल प्लान (SWP) और डिविडेंड प्लान (Dividend Plan) शामिल हैं. ये दोनों तरीके रेगुलर इनकम हासिल करने में काम आते हैं. लेकिन इनमें कई महत्वपूर्ण अंतर भी हैं. आइए जानते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आपके लिए कौन सा विकल्प बेहतर साबित हो सकता है.
क्या है सिस्टमैटिक विथड्रॉल प्लान?
सिस्टमैटिक विथड्रॉल प्लान (SWP) एक ऐसी स्कीम है जिसमें आप अपने म्यूचुअल फंड से तय अंतर पर एक निश्चित राशि निकाल सकते हैं. यह योजना उन लोगों के लिए सही है जो अपने निवेश से नियमित आय चाहते हैं. इसमें आप मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर पैसे निकाल सकते हैं, जिससे आपकी आर्थिक जरूरतें पूरी होती हैं. जबकि बाकी रकम का इनवेस्टमेंट बना रहता है.
SWP के फायदे
- सिस्टमैटिक विथड्रॉल प्लान में निवेशक खुद तय कर सकते हैं कि कब और कितने पैसे निकालने हैं.
- SWP को रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम पाने का अच्छा तरीका माना जाता है.
- SWP के जरिये आपको सिर्फ उतनी ही रकम निकालनी पड़ती है, जितनी आपको जरूरत है. बाकी रकम का निवेश बना रहता है, जिस पर रिटर्न जेनरेट होता है.
क्या है डिविडेंड प्लान?
डिविडेंड प्लान में म्यूचुअल फंड स्कीम पर मिले मुनाफे को फंड हाउस द्वारा निवेशकों में बांटा जाता है. इसमें निवेशक को मिलने वाला डिविडेंड उस म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन पर निर्भर होता है. इसलिए डिविडेंड की रकम और भुगतान का समय पहले से तय नहीं होता. यह पूरी तरह बाजार की स्थिति और फंड के मुनाफे पर आधारित होता है.
SWP और डिविडेंड प्लान में अंतर
- SWP में निवेशक खुद तय करते हैं कि कितनी रकम, कितनी बार निकाली जाएगी, जबकि डिविडेंड प्लान में यह फंड के प्रदर्शन पर निर्भर करता है.
- SWP में पैसे नियमित रूप से निकाले जाने के कारण रिस्क कम होता है, जबकि डिविडेंड प्लान में डिविडेंड का अस्थिर होना जोखिम को बढ़ा सकता है.
- SWP में एक साल में 1.25 लाख रुपये तक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (LTCG) पर टैक्स में छूट मिलती है, जबकि डिविडेंड प्लान में ऐसी कोई छूट नहीं मिलती. डिविडेंड से होने वाली आय पर निवेशक को टैक्स देना पड़ता है.
SWP और डिविडेंड प्लान में क्या है बेहतर?
अगर आप रेगुलर और स्थिर आय चाहते हैं, तो SWP बेहतर विकल्प है क्योंकि इसमें आप खुद अपनी आय को नियंत्रित कर सकते हैं. जबकि डिविडेंड प्लान में आपको फंड के प्रदर्शन पर निर्भर रहना पड़ता है. इसके अलावा रिस्क को कम रखने के लिहाज से भी SWP बेहतर है, क्योंकि इसमें आपको तय रकम नियमित रूप से मिलती है, जबकि डिविडेंड प्लान में मिलने वाला लाभांश या डिविडेंड बाजार की स्थिति पर निर्भर है. स्कीम में मुनाफा घट जाए या घाटा हो जाए, तो डिविडेंड का भुगतान कम हो सकता है या रुक भी सकता है. टैक्स बेनिफिट के लिहाज से भी SWP ज्यादा फायदेमंद है, क्योंकि इस पर एक साल में होने वाले 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर कोई इनकम टैक्स नहीं लगता. एक साल में इससे ज्यादा मुनाफा होने पर 12.5% की दर से LTCG टैक्स लगता है, जबकि डिविडेंड प्लान के तहत मिलने वाले डिविडेंड पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है. लेकिन निवेश का कोई भी फैसला करने से पहले यह जरूर समझ लें कि म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) की तरह ही सिस्टमैटिक विथड्रॉल प्लान (SWP) का रिटर्न भी फिक्स नहीं होता है. इसलिए इसमें निवेश से पहले स्कीम से जुड़े रिस्क को अच्छी तरह समझ लें और उसके बाद ही कोई फैसला करें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला पूरी जानकारी हासिल करने और अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)