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Mutual Fund Losers: म्यूचुअल फंड में हमेशा नहीं मिलता मुनाफा, 3 साल में 11 FoF ने दिया निगेटिव या 1% से कम रिटर्न, इनमें कॉमन क्या है?

Mutual Funds Poor Returns: निगेटिव या ना के बराबर रिटर्न देने वाले 11 म्यूचुअल फंड्स की लिस्ट बताती है निवेश के लिए सही म्यूचुअल फंड का चुनाव करना कितना जरूरी है और ऐसा करते समय पूरी सावधानी क्यों बरतनी चाहिए.

Mutual Funds Poor Returns: निगेटिव या ना के बराबर रिटर्न देने वाले 11 म्यूचुअल फंड्स की लिस्ट बताती है निवेश के लिए सही म्यूचुअल फंड का चुनाव करना कितना जरूरी है और ऐसा करते समय पूरी सावधानी क्यों बरतनी चाहिए.

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Viplav Rahi
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FoFs की कैटेगरी में आने वाली 11 स्कीम्स का पिछले 3 साल का रिटर्न निगेटिव या 1 % से भी कम रहा है. (Image : Pixabay)

Worst performing FoFs with negative or less than 1% return: म्यूचुअल फंड में निवेश के साथ मार्केट रिस्क जुड़ा होता है और इसलिए इनमें पैसे लगाने पर हमेशा मुनाफा नहीं मिलता. यह बात तो आपने अक्सर सुनी होगी, लेकिन यहां हम आपको इस बात का ठोस उदाहरण देने जा रहे हैं. फंड ऑफ फंड्स की कैटेगरी में आने वाली 11 स्कीम्स ऐसी हैं, जिनका पिछले 3 साल का औसत सालाना रिटर्न (CAGR) या तो निगेटिव या 1 फीसदी से भी कम रहा है. सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाली स्कीम के रेगुलर प्लान का 3 साल का औसत रिटर्न तो माइनस -8.42% रहा है. यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) की वेबसाइट पर मौजूद आंकड़ों का विश्लेषण करने से सामने आई है. 

इन 11 फंड ऑफ फंड्स के 3 साल में निगेटिव या ना के बराबर रिटर्न देने से इस बात की अहमियत भी समझ आती है कि निवेश के लिए सही म्यूचुअल फंड का चुनाव करना कितना जरूरी है और ऐसा करते समय पूरी सावधानी क्यों बरतनी चाहिए. इन 11 फंड्स की लिस्ट हम आगे देखेंगे, लेकिन पहले जान लेते हैं कि फंड ऑफ फंड्स किन्हें कहते हैं. 

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FoF क्या होते हैं?

फ़ंड ऑफ फ़ंड्स (FoF) वह निवेश रणनीति है जिसमें सीधे स्टॉक्स, बॉन्ड्स या अन्य सिक्योरिटीज में निवेश करने की जगह दूसरे म्यूचुअल फंड्स की यूनिट्स में निवेश किया जाता है. इस प्रकार के फंड्स को मल्टी-मैनेजर इनवेस्टमेंट भी कहा जाता है क्योंकि ये कई फंड मैनेजरों द्वारा मैनेज किए गए फंड्स में निवेश करते हैं.

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3 साल में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले FoF

FoF का नाम / पिछले 3 साल का औसत रिटर्न (CAGR)

  1. Invesco India - Invesco Global Consumer Trends FoF : 

-8.42% (रेगुलर प्लान), -7.51% (डायरेक्ट प्लान)

  1. Edelweiss Greater China Equity Off-shore Fund :  

-8.35% (रेगुलर प्लान), --7.50% (डायरेक्ट प्लान)

  1. PGIM India Emerging Markets Equity Fund : 

-6.55% (रेगुलर प्लान), -5.51% (डायरेक्ट प्लान)

  1. Axis Greater China Equity FoF 

 -5.29% (रेगुलर प्लान), -4.23% (डायरेक्ट प्लान)

  1. Mahindra Manulife Asia Pacific REITs FoF 

-4.09% (रेगुलर प्लान), -3.14% (डायरेक्ट प्लान)

  1. Edelweiss Emerging Markets Opportunities Equity Offshore Fund

-3.78% (रेगुलर प्लान), -2.92% (डायरेक्ट प्लान)

  1. HSBC Global Equity Climate Change FoF 

-1.22% (रेगुलर प्लान), -0.49% (डायरेक्ट प्लान)

  1. HSBC Global Emerging Markets Fund  

-0.88% (रेगुलर प्लान), -0.18% (डायरेक्ट प्लान)

  1. DSP Global Clean Energy Fund of Fund  

-0.36% (रेगुलर प्लान), -0.25% (डायरेक्ट प्लान)

  1. Kotak International REIT FOF 

-0.19% (रेगुलर प्लान), 0.70% (डायरेक्ट प्लान)

  1. Kotak Global Emerging Market Fund 

0.30% (रेगुलर प्लान), 0.81% (डायरेक्ट प्लान)

(Source : AMFI)

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इन 11 FoF में एक जैसा क्या है 

इन सभी निगेटिव या ना के बराबर रिटर्न देने वाले 11 फंड ऑफ फंड्स में एक बात कॉमन है - ये सभी अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश पर फोकस करते हैं. ये FOF उन फंड्स में निवेश करते हैं, जिनका फोकस विदेशी म्यूचुअल फंड्स और विदेशी कंपनियों की इक्विटी, डेट, ETF, में निवेश करने वाले फंड्स में पैसे लगाने पर रहता है. जाहिर है इन पर विदेशी बाजारों में होने वाले उतार-चढ़ावों ज्यादा असर पड़ता है, जो इनके निगेटिव या बेहद कम रिटर्न देने का बड़ा कारण हो सकता है. 

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अंतरराष्ट्रीय फंड्स से जुड़े जोखिम

- विदेशी राजनीति और अर्थव्यवस्था: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करते समय राजनीतिक अस्थिरता और आर्थिक नीतियों में बदलाव का जोखिम होता है. अगर इन फंड्स के निवेश से जुड़ा कोई देश अपनी नीतियों में बदलाव करता है तो उसका सीधा असर इन FoF पर पड़ सकता है. 

- फॉरेन एक्सचेंज की दरों का असर : विदेशों में निवेश पर फोकस करने के कारण इन फंड ऑफ फंड्स पर फॉरेन एक्सचेंज रेट्स में उतार-चढ़ाव का भी ज्यादा असर पड़ने की आशंका रहती है. 

कुल मिलाकर, इन 11 फंड ऑफ फंड्स के आंकड़े हमें एक बार फिर से याद दिलाते हैं कि म्यूचुअल फंड में हमेशा मुनाफा नहीं मिलता और निवेश अगर विदेशी बाजारों से जुड़ा हो, तो रिस्क ज्यादा हो सकता है. यही वजह है कि निवेशकों को अपने इनवेस्टमेंट से पहले हर तरह के रिस्क फैक्टर को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए और उसके बाद ही अपने लिए सही फंड का चुनाव करना चाहिए. 

(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी मुहैया कराना है, किसी फंड में निवेश करने या नहीं करने के बारे में सलाह देना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)

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