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Mutual Fund Market : म्यूचुअल फंड स्टॉक मार्केट की तुलना में सुरक्षित है और रिटर्न देने के मामले में भी पीछे नहीं है. (Pixabay)
Top Performing Mutual Funds in 1 Year : क्या आपको किसी स्कीम या विकल्प में पैसा लगाकर सिर्फ एक साल में 60 फीसदी या 70 फीसदी रिटर्न मिला है. जब इतने हाई रिटर्न की बात होती है मन में अक्सर स्टॉक मार्केट (Stock Market Return) का ध्यान सबसे पहले आता है. लेकिन बहुत से निवेशक स्टॉक मार्केट में शामिल रिस्क को देखकर डर जाते हैं या उन्हें स्टॉक मार्केट की बहुत अच्छी जानकारी नहीं होती है. ऐसे में वे निवेश का फैसला नहीं ले पाते हैं. लेकिन एक और विकल्प है, जो स्टॉक मार्केट की तुलना में काफी हद तक सुरक्षित माना जाता है और रिटर्न देने के मामले में भी कहीं से पीछे नहीं है. हम बात कर रहे हैं म्यूचुअल फंड बाजार (Mutual Funds Market) की, जहां कई ऐसी स्कीम हैं, जिनका एक साल का रिटर्न 65 फीसदी से 77 फीसदी (Mutual Funds Return) रहा है.
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1 साल में रिटर्न देने में टॉप स्कीम
क्वांट मिडकैप फंड : 76.53%
बंधन स्मॉलकैप फंड : 71.95%
ITI मिडकैप फंड : 71.80%
ABSL निफ्टी स्मॉलकैप 50 इंडेक्स : 71.09%
क्वांट लार्ज एंड मिडकैप फंड : 69.62%
ITI स्मॉलकैप फंड : 67.98%
ICICI प्रू भारत 22 एफओएफ : 67.32%
क्वांट स्मॉलकैप फंड : 66.18%
बैंक ऑफ इंडिया फ्लेक्सी कैप फंड : 65.54%
जेएम फ्लेक्सी कैप फंड : 65.34%
(Source : Value Research)
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सीधे स्टॉक में पैसा लगाने से सुरक्षित म्यूचुअल फंड
म्यूचुअल फंड में निवेश, सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश की तुलना में एक सुरक्षित विकल्प माना जाता है. इक्विटी म्यूचुअल फंड में भी स्टॉक मार्केट की तरह ही अलग-अलग कैटेगरी हैं. मसलन लार्जकैप, मिडकैप या स्मॉलकैप फंड. जो निवेशक सीधे स्टॉक मार्केट में निवेश का रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, लेकिन ज्यादा रिटर्न की इच्छा रखते हैं, उनके लिए म्यूचुअल फंड बेहतर है. असल में किसी म्यूचुअल फंड स्कीम में अलग अलग कंपनियों के स्टॉक शामिल होते हैं. वहीं कुछ स्कीम में अलग अलग सेक्टर से अलग अलग स्टॉक निवेश के लिए चुने जाते हैं. इससे पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड हो जाता है.
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फंड मैनेजर की देखरेख में होता है निवेश
म्यूचुअल फंड की एक और खासियत है कि इसमें कुशल फंड मैनेजर की देखरेख में निवेश किया जाता है. फंड मैनेजर अपनी स्टडी या रिसर्च के आधार पर किसी म्यूचुअल फंड के पोर्टफोलियो में शेयरों को शामिल करता है. उनका ध्यान मजबूत ग्रोथ वाली और मुनाफा कमाने वाली कंपनियों पर होता है, ताकि इसका फायदा स्टॉक में ग्रोथ के रूप में मिले. किसी एक स्टॉक में पैसा लगाने की बजाए फंड मैनेजर अलग अलग सेक्टर के मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों का चयन करता है. इसमें एक और सुविधा है कि अगर एकमुश्त पैसा नहीं लगाना चाहते तो सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिए मंथली बेसिस पर निवेश कर सकते हैं.
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दिनों दिन बढ़ रही है पॉपुलैरिटी
म्यूचुअल फंड्स की लोकप्रियता निवेशकों में बढ़ रही है. AMFI के आंकड़ों के मुताबिक मई 2024 में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में निवेश 84 फीसदी उछलकर रिकॉर्ड 34,670.9 करोड़ रुपये (Mutual Fund Investment) हो गया. जबकि अप्रैल में 18,888 करोड़ रुपये रहा. सेक्टोरल फंड्स में मंथली बेसिस पर 272 फीसदी इनफ्लो बढ़ा है. डेट म्यूचुअल फंड्स में 42,295 करोड़ का निवेश आया. म्यूचुअल फंड में न्यू फंड ऑफर (NFO) के जरिए 10,140 करोड़ का निवेश आया. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM मंथली बेसिस पर 2.9 फीसदी बढ़कर 58.91 लाख करोड़ हो गया.
मई 2024 में इक्विटी कैटेगरी में फ्लेक्सी फंड्स में 3,155.07 करोड़ का इनफ्लो रहा. स्मालकैप फंड्स में 2,724.67 करोड़, मल्टीकैप फंड्स में 2,644.88 करोड़, मिडकैप फंड्स में 2,605.70 करोड़, लार्च एंड मिड कैप में 2,396.91 करोड़, वैल्यू/कॉन्ट्रा फंड में 1,404.34 करोड़, लार्ज कैप में 663 और डिविडेंड यील्ड फंड में 445.2 करोड़ का इनफ्लो हुआ.