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NFO Alert : बजाज फिनसर्व म्यूचुअल फंड ने मल्टी कैप इक्विटी फंड लॉन्च किया है, जो लार्ज, मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेश करेगा. (Image : Pixabay)
Bajaj Bajaj Finserv Multi Cap Fund NFO : बजाज फिनसर्व म्यूचुअल फंड ने मल्टी कैप इक्विटी फंड लॉन्च किया है, जो लार्ज, मिड और स्मॉल कैप स्टॉक्स में निवेश करेगा. यह NFO 6 फरवरी से 20 फरवरी 2025 तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा. मल्टी कैप फंड होने की वजह से बजाज फिनसर्व म्यूचुअल फंड की इस स्कीम में निवेश करने वालों को डायवर्सिफिकेशन का फायदा मिलेगा. लेकिन इसके अलावा इस NFO की खास बात है, कॉन्ट्रैरियन इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी पर फोकस, जो इसे दूसरे मल्टी कैप फंड्स से अलग करता है. यानी यह फंड डायवर्सिफिकेशन के साथ-साथ ही कॉन्ट्रैरियन इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी को भी फॉलो करेगा. आइए जानते हैं कि यह रणनीति क्या है और निवेशकों के लिए इसका क्या महत्व हो सकता है.
क्या है मल्टी कैप फंड का मतलब?
मल्टी कैप फंड ऐसे म्यूचुअल फंड होते हैं जो लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियों में निवेश करते हैं. सेबी के नियमों के तहत मल्टी कैप फंड के पोर्टफोलियो में किसी भी समय लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप स्टॉक्स की हिस्सेदारी कम से कम 25-25% जरूर रहनी चाहिए. इस हिसाब से किसी भी वक्त इस फंड का कम से कम 75% निवेश इक्विटी में भी रहेगा. निवेश की इस रणनीति की वजह से मल्टी कैप फंड में हमेशा इक्विटी एक्सपोजर अधिक रहता है और साथ ही अलग-अलग सेगमेंट के स्टॉक्स में डायवर्सिफिकेशन भी कायम रखना होता है. ऐसे फंड्स में पैसे लगाने से निवेशकों को पोर्टफोलियो की विविधता का पूरा फायदा मिलता है. लार्ज कैप स्टॉक्स में बड़ी और मजबूत कंपनियों के शेयर होते हैं, जिनमें जोखिम कम होता है. वहीं, मिड कैप स्टॉक्स में शामिल तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों के शेयर्स में संभावित रिटर्न अधिक मिलता है. जबकि स्मॉल कैप स्टॉक्स में रिस्क ज्यादा रहता है, लेकिन लंबी अवधि में हाई रिटर्न की संभावना भी मानी जाती है.
क्या है निवेश की कॉन्ट्रैरियन स्ट्रैटजी?
बजाज फिनसर्व मल्टी कैप फंड का उद्देश्य लंबी अवधि में कैपिटल ग्रोथ हासिल करना है. इसके लिए यह फंड कॉन्ट्रैरियन इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी (Contrarian Investment Strategy) को फॉलो करेगा. निवेश की इस रणनीति में शेयर बाजार की आम धारणा से उलटा नजरिया रखकर निवेश किया जाता है. यानी उन स्टॉक में निवेश पर फोकस किया जाता है, जो फिलहाल किसी अस्थायी वजह से कम कीमत पर बिक रहे हैं, लेकिन फंडामेटल्स के हिसाब से मजबूत हैं. इसके तहत ऐसे ओवरसोल्ड स्टॉक्स में निवेश किया जा सकता है, जो बाजार के ओवररिएक्शन के कारण गिर गए हैं लेकिन उनके फंडामेटल्स अच्छे है. कई बार ऐसे सेक्टर में भी निवेश की संभावना बनती है, जो फिलहाल निवेशकों की नजर में नहीं हैं लेकिन जिनमें लॉन्ग टर्म पोटेंशियल है. यह रणनीति अच्छे स्टॉक्स को कम कीमत में खरीदने का मौका देती है, जिससे लंबी अवधि में ज्यादा लाभ होने की गुंजाइश रहती है. यह रणनीति काफी हद तक वैल्यू इनवेस्टिंग से मिलती-जुलती है. बजाज फिनसर्व मल्टी कैप फंड इसी रणनीति पर चलकर बाजार में गिरावट का सामना कर रहे मजबूत शेयरों में निवेश करके लॉन्ग टर्म में मुनाफा कमाने की कोशिश करेगा.
बजाज फिनसर्व मल्टी कैप फंड की खास बातें
सब्सक्रिप्शन की अवधि : 6 फरवरी से 20 फरवरी 2025 तक
फंड मैनेजर: निश्चय चंदन, सौरभ गुप्ता और सिद्धार्थ चौधरी
मिनिमम इनवेस्टमेंट : 500 रुपये
मंथली SIP : मिनिमम 500 रुपये, (एक साथ कम से कम 6 किस्त)
बेंचमार्क इंडेक्स : Nifty 500 Multicap 50:25:25 TRI है.
एक्जिट लोड: 6 महीने के भीतर 10% तक रिडेम्पशन पर कोई चार्ज नहीं, 6 महीने से पहले 10% से अधिक यूनिट्स के रिडेम्प्शन पर 1% चार्ज, 6 महीने बाद कोई एक्जिट लोड नहीं
किनके लिए सही है यह NFO?
ऐसे निवेशक बजाज फिनसर्व मल्टी कैप फंड में निवेश पर विचार कर सकते हैं, जो:
लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं.
डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाना चाहते हैं.
बाजार में गिरावट के दौरान भी मुनाफा कमाने के मौकों की तलाश में रहते हैं.
कॉन्ट्रैरियन इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटजी पर भरोसा करके हाई रिटर्न हासिल करना चाहते हैं और इसके लिए हाई रिस्क लेने को तैयार रहते हैं.
NFO में निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान
इन्वेस्टमेंट की कॉन्ट्रैरियन स्ट्रैटजी पहली नजर में आकर्षक लग सकती है, लेकिन इसमें रिस्क भी अधिक रहता है. लिहाजा, इस तरह की रणनीति पर आधारित स्कीम में पैसे लगाने से पहले निवेशकों को कुछ खास बातों को ध्यान में रखना चाहिए. मिसाल के तौर पर कॉन्ट्रैरियन स्ट्रैटजी के तहत निवेश किए गए स्टॉक्स को बढ़ने में समय लग सकता है, इसलिए आपका इनवेस्टमेंट होराइजन काफी लंबा यानी कम से कम 5 साल का होना चाहिए. इसके अलावा निवेशकों के पास बाजार की स्थितियों को समझ होनी चाहिए और अपनी रणनीति पर भरोसा बनाए रखना भी जरूरी होता है. साथ ही इक्विटी में ज्यादा एक्सपोजर की वजह से इस फंड का रिस्क लेवल भी बहुत अधिक (Very High) है, लिहाजा इसमें निवेश से पहले अपने रिस्क टॉलरेंस लेवल को भी अच्छी तरह समझ लें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं है.निवेश का कोई भी फैसला स्कीम के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने और अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)