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NFO Alert : DSP Mutual Fund ने देश का पहला Nifty Top 10 Equal Weight Index Fund लॉन्च किया है. (Image : Pixabay)
NFO Alert : DSP Nifty Top 10 Equal Weight Index Fund review : डीएसपी म्यूचुअल फंड (DSP Mutual Fund) ने भारत का पहला निफ्टी टॉप 10 इक्वल वेट इंडेक्स फंड और ईटीएफ न्यू फंड ऑफर (NFO) लॉन्च किया है. यह देश की पहली ऐसी म्यचुअल फंड स्कीम होगी, जो निफ्टी 50 (Nifty 50) की सिर्फ टॉप 10 कंपनियों में बराबरी से पैसा लगाएगी. मार्केट कैप से हिसाब से देश की टॉप 10 कंपनियों में ही निवेश करने की यह रणनीति पहली नजर में ही काफी दिलचस्प नजर आती है. लेकिन क्या इसमें निवेश करना वाकई फायदेमंद हो सकता है और आम निवेशकों के लिए रिटर्न और कैपिटल की सुरक्षा के लिहाज से इस स्कीम में निवेश करना कितना सही होगा? इन सवालों के जवाब की चर्चा हम आगे करेंगे, लेकिन पहले इस NFO से जुड़ी खास बातों को जान लेते हैं.
निफ्टी टॉप 10 इक्वल वेट इंडेक्स का मतलब
निफ्टी टॉप 10 इक्वल वेट इंडेक्स (Nifty Top 10 Equal Weight) निफ्टी 50 से छह महीने के औसत फ्री-फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन के आधार पर चुने गए टॉप 10 स्टॉक्स के परफॉर्मेंस को ट्रैक करता है. इस इंडेक्स में हर स्टॉक का वेटेज एक बराबर होता है. इंडेक्स को छमाही आधार पर री-कांस्टीट्यूट और 3 महीने में एक बार री-बैलेंस किया जाता है. इंडेक्स में अभी शामिल टॉप 10 स्टॉक्स हैं - एक्सिस बैंक (Axis Bank), एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), हिंदुस्तान यूनीलिवर (Hindustan Unilever), आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank), इंफोसिस (Infosys), आईटीसी (ITC), कोटक महिंद्रा बैंक (Kotak Mahindra Bank), लार्सन एंड टूब्रो (Larsen & Toubro), रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) और टीसीएस (TCS). इन कंपनियों का कुल मार्केट कैप 87.76 लाख करोड़ रुपये है, जो देश की टॉप 50 कंपनियों के मार्केट कैप के 40 फीसदी के बराबर है. इंडेक्स में शामिल पांच सेक्टर और उनके वेटेट इस प्रकार हैं : फाइनेंशियल सर्विसेज : 36.61%, आईटी : 22.16%, FMCG : 21.48%, कंस्ट्रक्शन : 10.01% और ऑयल एंड गैस : 9.74%.
NFO की खास बातें
यह फंड (DSP Nifty Top 10 Equal Weight Fund) निफ्टी 50 की सबसे बड़ी 10 कंपनियों में बराबरी से पैसा लगाने के लिए लॉन्च किया गया है.
इन टॉप 10 कंपनियों के शेयर्स वैल्यूएशन के लिहाज से फिलहाल सस्ते माने जा रहे हैं.
स्कीम लॉन्च करने वाले फंड हाउस का मानना है कि भविष्य में इन शेयरों का वैल्युएशन बढ़ सकता है, जिससे लाभ होने की संभावना है.
NFO की पॉजिटिव बातें
यह फंड (DSP Nifty Top 10 Equal Weight Fund) सिर्फ बड़ी और स्थापित कंपनियों में पैसा लगाता है, जिनमें ज्यादा स्थिरता रहने की उम्मीद की जाती है.
फंड का पैसा सभी 10 कंपनियों में बराबरी से लगाया जाएगा, जिससे जोखिम कम हो सकता है.
पिछले आंकड़ों से पता चलता है कि निफ्टी के टॉप 10 शेयर, कुछ साल कमजोर रहने के बाद अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं.
निफ्टी टॉप 10 इक्वल वेट इंडेक्स का ऐतिहासिक प्रदर्शन बेहतर संकेत देता है. पिछले 16 साल में से 9 सालों के दौरान इस इंडेक्स ने ब्रॉडर मार्केट के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है. इसके अलावा इस इंडेक्स का इक्विटी पर रिटर्न (RoE) निफ्टी 500 इंडेक्स की तुलना में 1.5 गुना अधिक है. यह भी उल्लेखनीय है कि निफ्टी 50 के कुल मुनाफे का लगभग 49% इन्हीं टॉप 10 स्टॉक्स से आता है, जो उनके बाजार में महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है.
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चुनौतियां और रिस्क
पूरा निवेश सिर्फ 10 कंपनियों में केंद्रित होने की वजह से ब्रॉडर मार्केट में मौजूद दूसरे मौकों का फायदा उठाना मुश्किल हो सकता है.
इस फंड की कंसेप्ट ही ऐसी है कि इसमें बैंकिंग और आईटी सेक्टर पर निर्भरता ज्यादा रहने की संभावना है.
खास सेक्टर्स पर ज्यादा निर्भरता से पोर्टफोलियो का डायवर्सिफिकेशन कम होता है और रिस्क बढ़ जाता है.
पिछले 4 सालों के दौरान निफ्टी 50 के टॉप 10 शेयरों का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है.
आम निवेशकों को लगाने चाहिए पैसे?
अगर आप बड़ी और स्थिर कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं, तो यह फंड (DSP Nifty Top 10 Equal Weight Fund) आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है.
अगर आप ब्रॉडर मार्केट में निवेश करना चाहते हैं, तो निफ्टी 50 या निफ्टी 500 जैसे इंडेक्स को ट्रैक करने वाले फंड आपके लिए बेहतर हो सकते हैं.
इस NFO को आप निवेश के एक अतिरिक्त विकल्प की तरह अपने मौजूदा पोर्टफोलियो के साथ जोड़ सकते हैं.
अगर आपको लगता है कि निफ्टी 50 के टॉप 10 शेयर अभी अंडरवैल्यूड हैं और भविष्य में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, तो आप इस NFO में निवेश पर विचार कर सकते हैं.
जोखिम वाली दिलचस्प थीम
यह फंड एक दिलचस्प थीम पर आधारित इनवेस्टमेंट ऑप्शन है, लेकिन इसमें जोखिम भी हैं. ज्यादातर आम निवेशकों के लिए, खासकर जो नए निवेशक हैं, ब्रॉड बेस्ड इंडेक्स पर आधारित ऐसे म्यूचुअल फंड ज्यादा सुरक्षित हो सकते हैं, जिनके पिछले लंबी अवधि के ट्रैक रिकॉर्ड मौजूद हैं. हालांकि अगर आप अपने पोर्टफोलियो में बड़ी कंपनियों की हिस्सेदारी बढ़ाना चाहते हैं और आपको इन टॉप 10 शेयरों पर भरोसा है, तो आप इसमें निवेश पर विचार कर सकते हैं. निवेश से जुड़े किसी भी फैसले से पहले यह बात जरूर याद रखें कि इक्विटी म्यूचुअल फंड में किए गए किसी भी इनवेस्टमेंट के साथ मार्केट रिस्क जुड़ा रहता है. इसलिए आपको अपने रिस्क प्रोफाइल को समझकर ही पैसे लगाने चाहिए.
(डिस्क्लेमर : इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी उपलब्ध कराना है, निवेश की सलाह देना नहीं. म्यूचुअल फंड्स के रिटर्न पर बाजार के उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. निवेश का कोई भी फैसला स्कीम को अच्छी तरह समझने और अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)