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Edelweiss Consumption Fund NFO का उद्देश्य कंजम्प्शन के क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों में निवेश करना है.
Edelweiss Mutual Fund NFO : एडेलवाइज म्यूचुअल फंड ने एक नया फंड ऑफर लॉन्च किया है. एडेलवाइज कंजम्प्शन फंड (Edelweiss Consumption Fund) के नाम से पेश इस NFO में सब्सक्रिप्शन आज यानी शुक्रवार 31 जनवरी 2025 को ही खुल गया है. फंड हाउस के मुताबिक इस नए फंड ऑफर का मकसद कंजम्प्शन यानी कंज्यूमर प्रोडक्ट्स के क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों में निवेश करके लॉन्ग-टर्म कैपिटल ग्रोथ हासिल करना है. फंड हाउस का मानना है कि हाल में कंजम्प्शन सेक्टर में हुई करेक्शन ने निवेशकों को बेहतर वैल्यूएशन और एंट्री प्वाइंट दिए हैं. इस एनएफओ में सब्सक्रिप्शन 14 फरवरी 2025 तक जारी रहेगा. लेकिन सवाल ये है कि क्या यह आपको इस फंड में वाकई निवेश करना चाहिए?
कंजम्प्शन में तेज ग्रोथ की उम्मीद
भारत दुनिया के दो सबसे बड़े कंज्यूमर मार्केट्स में शामिल है और आने वाले वर्षों में इस सेक्टर की ग्रोथ जबरदस्त रहने की संभावना है. एडलवाइज़ म्यूचुअल फंड की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता के अनुसार, "भारत की कंजम्प्शन स्टोरी तेज़ी से बढ़ रही है, जिसे बढ़ती आमदनी, शहरीकरण, डिजिटलाइजेशन, आसान क्रेडिट और युवा डेमोग्राफिक डिविडेंड का सहारा मिल रहा है." विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 तक भारत का कंजम्प्शन स्पेंडिंग 4.3 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है. ऐसे में कंजम्प्शन सेक्टर निवेश के लिए एक मजबूत लॉन्ग टर्म ऑप्शन हो सकता है.
NFO की निवेश रणनीति
Edelweiss कंजम्प्शन फंड की निवेश रणनीति "स्टाइल-अग्नॉस्टिक" है, यानी यह NFO कंपनियों में क्वॉलिटी, ग्रोथ और वैल्यू आधारित अवसरों के आधार पर निवेश करेगा. स्कीम का 80 से 100 फीसदी तक कॉर्पस इक्विटी या इक्विटी जैसे एसेट्स में निवेश किया जाएगा, जिसके लिए तीन प्रमुख निवेश थीम पर फोकस रहेगा:
कोर कंजम्प्शन (Core Consumption) : FMCG, रिटेल, फूड, और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (Consumer Durables).
एमर्जिंग कंजम्प्शन (Emerging Consumption) : हेल्थकेयर, एजुकेशन, ई-कॉमर्स, डिजिटल सर्विसेज वगैरह.
साइक्लिकल कंजम्प्शन (Cyclical Consumption) : ऑटो, ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी जैसे सेक्टर.
स्कीम का बेंचमार्क और एग्जिट लोड
इस स्कीम का बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी इंडिया कंजम्प्शन टोटल रिटर्न इंडेक्स (NIFTY India Consumption TRI) है. अलॉटमेंट के 90 दिनों के भीतर रिडीम या स्विच-आउट करने पर 1% एग्जिट लोड (Exit Load) देना होगा. 90 दिनों के बाद ऐसा करने पर कोई एग्जिट लोड नहीं लगेगा.
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करेक्शन ने दिया निवेश का मौका?
राधिका गुप्ता का कहना है कि हाल में कंजम्प्शन सेक्टर में करेक्शन देखा गया है, जिससे कंपनियों के वैल्यूएशन अधिक आकर्षक हो गए हैं. उनके मुताबिक, "यह NFO सही समय पर लॉन्च हो रहा है, क्योंकि स्टॉक्स में करेक्शन के चलते लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए बेहतरीन एंट्री प्वाइंट मिल रहे हैं." माना जा रहा है कि मजबूत फंडामेंटल्स और बढ़ती उपभोक्ता मांग के चलते कंजम्प्शन सेक्टर में ग्रोथ बनी रहेगी.
किन निवेशकों के लिए है यह विकल्प?
इस NFO में ऐसे लोग पैसे लगाने पर विचार कर सकते हैं, जो :
- लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं भारत की कंजम्प्शन ग्रोथ स्टोरी का फायदा उठाना चाहते हैं.
- डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो तैयार करने में दिलचस्पी रखते हैं.
- सेक्टोरल और थीमैटिक फंड्स में निवेश के जरिये इक्विटी में एक्सपोजर लेना चाहते हैं.
इस NFO में निवेश सिर्फ 100 रुपये के मिनिमम इनवेस्टमेंट से शुरू किया जा सकता है, जिसकी वजह से यह कई निवेशकों के लिए आसान विकल्प होस सकता है.
रिस्क समझने के बाद करें फैसला
Edelweiss कंजम्प्शन फंड का NFO उन निवेशकों के लिए बेहतर साबित हो सकता है, जो लॉन्ग-टर्म ग्रोथ और डाइवर्सिफिकेशन चाहते हैं और भारत की बढ़ती कंजम्प्शन ग्रोथ को देखते हुए भारत की कंज्यूमर ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बनना चाहते हैं. ऐसे निवेशक इस NFO में निवेश पर विचार कर सकते हैं. लेकिन आमतौर पर सेक्टोरल और थीमैटिक फंड, फ्लेक्सी कैप या मल्टीकैप जैसे डायवर्सिफाइड फंड्स की तुलना में ज्यादा रिस्क माने जाते हैं. इस NFO को भी रिस्कोमीटर पर बहुत अधिक जोखिम (Very High Risk) की रेटिंग दी गई है. इसलिए निवेश का फैसला करने से पहले निवेशकों को अपने लक्ष्य और जोखिम बर्दाश्त करने की क्षमता को ध्यान में रखना चाहिए.
(डिस्क्लेमर : इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश से जुड़े फैसले करने से पहले सेबी से मान्यता प्राप्त इनवेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह लें.)