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Economic Survey on Viksit Bharat : विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए आर्थिक सर्वेक्षण में कई अहम सुझाव दिए गए हैं. (Image : Pixabay)
Economic Survey on Viksit Bharat : विकसित भारत का लक्ष्य 2047 तक हासिल करने के लिए आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं. सर्वे के अनुसार, देश को अगले दो दशकों तक लगातार 8% की सालाना आर्थिक विकास दर बनाए रखनी होगी. इसके अलावा, निवेश दर को 31% से बढ़ाकर 35% करना होगा. साथ ही लैंड और लेबर रिफॉर्म लागू करने और आर्थिक नीति में बेहतर ढंग से डी-रेगुलेशन (deregulation) करने पर भी जोर देना होगा.
सालाना 8% की दर से विकास
आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, भारत को विकसित राष्ट्र बनने के लिए अगले 20 वर्षों तक औसतन 8% की सालाना ग्रोथ रेट को बनाए रखना होगा. यह चुनौती भरा लक्ष्य है, लेकिन इसे हासिल करने के लिए नीतिगत सुधारों की जरूरत होगी. ग्लोबल लेवल पर असमंजस की स्थिति के बीच स्टेबल आर्थिक नीतियों, निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ाने तथा व्यापारिक माहौल को सुधारने की जरूरत है.
निवेश दर बढ़ाकर 35% करनी होगी
विकसित भारत का सपना तभी साकार होगा जब भारत की निवेश दर 35% तक पहुंच जाए. फिलहाल यह दर लगभग 31% है. आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि पूंजीगत व्यय (capital expenditure) को बढ़ाकर इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है. सरकार को बुनियादी ढांचे (infrastructure), नई तकनीकों और औद्योगिक विकास पर अधिक निवेश करना होगा.
लैंड और लेबर रिफॉर्म्स
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भूमि अधिग्रहण और श्रम कानूनों में सुधार भारत की विकास दर को तेज करने के लिए जरूरी हैं. लैंड और लेबर रिफॉर्म्स के बिना इंडस्ट्रियल सेक्टर में तेज ग्रोथ हासिल नहीं की जा सकती है. इसके अलावा, छोटे और मंझोले उद्योगों (MSMEs) को सहयोग देने और उन्हें अधिक प्रतिस्पर्धी (Competitive) बनाने की भी जरूरत है.
100% साक्षरता और हाई क्वॉलिटी एजुकेशन
भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए शिक्षा क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण बदलाव करने होंगे. सर्वेक्षण में कहा गया है कि देश को 100% साक्षरता दर प्राप्त करने के साथ ही हाई क्वॉलिटी वाली शिक्षा प्रदान करनी होगी. शिक्षण संस्थानों के स्तर को सुधारना, व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा देना और नई तकनीकों जैसे एआई (AI), रोबोटिक्स और बायो टेक्नोलॉजी में निवेश करना जरूरी होगा.
इंडस्ट्री और ट्रेड में सुधार
बिजनेस करने में आसानी (Ease of Doing Business) के मोर्चे पर आगे बढ़ने के लिए आर्थिक सर्वेक्षण ने राज्य सरकारों द्वारा सुधारों को अपनाने पर जोर दिया गया है. सर्वे के अनुसार अगर भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में आगे बढ़ना है तो विनिर्माण क्षेत्र (manufacturing sector) को और विकसित करना होगा. सरकार को विनिर्माण क्षेत्र में नए निवेश आकर्षित करने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक प्रयास करने होंगे.
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MSME सेक्टर को मजबूत करना जरूरी
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSMEs) भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं. लेकिन ये सेक्टर अभी भी कई नियामक बाधाओं का सामना कर रहे हैं. सर्वे में सुझाव दिया गया है कि सरकार को इन उद्योगों के लिए न्यूनतम नियम लागू करने चाहिए, ताकि वे अधिक कुशलता से काम कर सकें और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें.
बुनियादी ढांचे का विस्तार और सुधार
अर्थव्यवस्था की स्टेबिलिटी और विकास दर को बनाए रखने के लिए भारत को अपने बुनियादी ढांचे में बड़े स्तर पर निवेश करने की जरूरत है. सड़कों, रेलवे, बंदरगाहों और डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार से औद्योगिक उत्पादन और लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा.
डी-रेगुलेशन और पॉलिसी रिफॉर्म्स
आर्थिक सर्वेक्षण में इस बात पर जोर दिया गया है कि भारत को व्यापक नीतिगत सुधारों (Policy Reforms) की जरूरत है. इसमें सरकारी नीतियों का सरलीकरण, नियम-कानूनों में पारदर्शिता और व्यापार करने में आसानी बढ़ाने के लिए रेगुलेशन कम करने पर जोर दिया गया है. राज्यों को भी अपनी नीतियों में बदलाव लाने होंगे, ताकि बिजनेस को बढ़ावा मिल सके.
विकसित भारत का लक्ष्य महत्वाकांक्षी जरूर है, लेकिन यह असंभव नहीं है. इसके लिए आर्थिक विकास की लगातार ऊंची दर, इनवेस्टमेंट रेट में बढ़ोतरी, लैंड और लेबर रिफॉर्म, हाई क्वॉलिटी वाले एजुकेशन, उद्योगों के विकास और बुनियादी ढांचे में सुधार पर जोर देना होगा. अगर सरकार और प्राइवेट सेक्टर मिलकर इन बातों पर पूरा ध्यान दें तो भारत 2047 तक विकसित देश बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है.