/financial-express-hindi/media/media_files/2025/07/15/nfo-alert-groww-bse-power-etf-and-fof-pixabay-2025-07-15-13-43-32.jpg)
NFO Alert : ग्रो म्यूचुअल फंड ने दो नए पैसिव फंड लॉन्च किए हैं, जो देश के पावर सेक्टर में निवेश का मौका देंगे. (Image : Pixabay)
Groww Mutual Fund NFOs : Groww BSE Power ETF and FoF : ग्रो म्यूचुअल फंड ने दो नए पैसिव फंड्स लॉन्च किए हैं, जो निवेशकों को देश के उभरते पावर सेक्टर में पैसे लगाने का मौका देंगे. ग्रो बीएसई पावर ईटीएफ (Groww BSE Power ETF) और ग्रो बीएसई पावर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (Groww BSE Power ETF FoF) के नाम से लॉन्च ये दोनों ही स्कीम्स BSE Power Index (TRI) को ट्रैक करेंगी. दोनों ही पैसिव फंड्स के NFO में सब्सक्रिप्शन इसी हफ्ते 18 जुलाई को खुलेगा और 1 अगस्त 2025 तक चलेगा. इन दोनों की फंड्स का मकसद निवेशकों को भारत की पावर ग्रोथ स्टोरी का हिस्सा बनने का लो-कॉस्ट ऑप्शन मुहैया कराना है.
ETF और FoF में क्या फर्क है
Groww BSE Power ETF एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड होगा, जो सीधे BSE Power Index में शामिल कंपनियों के स्टॉक्स में उसी रेशियो में इनवेस्ट करेगा. इसे आप शेयर बाजार में स्टॉक की तरह खरीद-बेच पाएंगे. यह स्कीम उन निवेशकों के लिए बेहतर है जो बाजार की चाल समझते हैं और लाइव प्राइसिंग का फायदा लेना चाहते हैं.
वहीं Groww BSE Power ETF FoF एक ऐसा म्यूचुअल फंड होगा, जो सीधे स्टॉक्स में नहीं, बल्कि ऊपर बताए गए ETF की यूनिट्स में निवेश करेगा. यह उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, जो SIP के जरिए पैसे लगाना पसंद करते हैं और शेयर बाजार में सीधे निवेश से दूर रहते हैं.
पावर सेक्टर में निवेश के फायदे
भारत की बिजली खपत में पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी गई है. 2000 में 317 टेरावॉट-घंटे से बढ़कर 2024 में यह 1,532 टेरावॉट-घंटे तक पहुंच गई है. लेकिन इसमें और भी तेजी आने की संभावना है क्योंकि देश में अब भी प्रति व्यक्ति खपत ग्लोबल एवरेज से काफी कम है.
2035 तक भारत में बिजली की प्रति व्यक्ति खपत दोगुनी होने का अनुमान है. EVs, डेटा सेंटर्स और स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे नए ट्रेंड्स भी बिजली की मांग को और तेज कर रहे हैं. सरकार की ओर से भी 31 लाख करोड़ रुपये की योजनाएं पावर सेक्टर में निवेश के लिए बनाई गई हैं, जिनमें सोलर, बैटरी स्टोरेज और ग्रिड मॉडर्नाइजेशन जैसे प्रोजेक्ट्स शामिल हैं.
BSE Power Index क्यों खास है?
Groww की ये दोनों स्कीम्स BSE Power Index – TRI को ट्रैक करेंगी, जिसमें पावर जेनरेशन, ट्रांसमिशन, यूटिलिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी 14 बड़ी कंपनियां शामिल हैं. कामकाज के हिसाब से इन कंपनियों का बंटवारा कुछ इस तरह है:
पावर जेनरेशन – 39%
ट्रांसमिशन – 18%
इंटीग्रेटेड यूटिलिटी – 13%
इंफ्रास्ट्रक्चर एंड इक्विपमेंट – 30%
2020 से 2024 के बीच इन कंपनियों की कमाई लगभग दोगुनी हुई है और नेट प्रॉफिट तीन गुना तक बढ़ा है, जो इस सेक्टर की मजबूती को दिखाता है. इतना ही नहीं, इस इंडेक्स ने BSE Sensex की तुलना में मीडियम और लॉन्ग टर्म में बेहतर रिटर्न दिए हैं.
NFO की बड़ी बातें
Groww BSE Power ETF और FoF के एनएफओ में मिनिमम इनवेस्टमेंट 500 रुपये है. दोनों ही फंड्स में कोई एग्जिट लोड नहीं लगेगा. इन पैसिव फंड्स के मैनेजर निकेत साटम, आकाश चौहान और शशि कुमार होंगे. स्कीम्स में बेंचमार्क इंडेक्स को ट्रैक करने के लिए SPEARTech तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे इंडेक्स में होने वाले बदलावों के हिसाब से इनवेस्टमेंट को एडजस्ट करने और ट्रैकिंग एरर को कम रखने में मदद मिलेगी.
किन्हें करना चाहिए निवेश?
अगर आप शेयर बाजार से परिचित हैं और लाइव ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं तो Groww BSE Power ETF के न्यू फंड ऑफर पर विचार कर सकते हैं. लेकिन अगर आप SIP जैसे ऑप्शन के जरिये पैसे लगाना पसंद करते हैं और स्टॉक मार्केट में सीधे निवेश नहीं करना चाहते, तो Groww BSE Power ETF FoF के जरिये इनवेस्टमेंट पर विचार कर सकते हैं.
Groww म्यूचुअल फंड के दोनों न्यू फंड ऑफर उन निवेशकों के लिए निवेश का मौका हो सकते हैं, जो भारत में हो रहे एनर्जी रिवोल्यूशन में भागीदार बनना चाहते हैं. बिजली की बढ़ती मांग, पॉलिसी सपोर्ट और सेक्टर के मजबूत फंडामेंटल्स इसे एक आकर्षक इनवेस्टमेंट ऑप्शन बनाते हैं. लेकिन सेक्टोरल इक्विटी फंड होने की वजह से इनमें मार्केट और सेक्टोरल उतार-चढ़ावों का रिस्क बना रहेगा. इसलिए निवेश के बारे में फैसला करने से पहले स्कीम से जुड़े सभी दस्तावेजों को जरूर पढ़ें और अपनी रिस्क लेने की क्षमता को ध्यान में रखें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश से जुड़े फैसले करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय जरूर लें.)