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Edelweiss BSE Capital Markets & Insurance ETF: एडलवाइज़ म्यूचुअल फंड के NFO में सब्सक्रिप्शन 10 दिसंबर से खुल गया है. (Image : Pixabay)
Edelweiss BSE Capital Markets & Insurance ETF: एडलवाइज़ म्यूचुअल फंड (Edelweiss Mutual Fund) ने भारतीय निवेशकों के लिए एक नया फंड ऑफर (NFO) लॉन्च किया है. एडलवाइज़ BSE कैपिटल मार्केट्स एंड इंश्योरेंस एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के नाम से पेश यह एनएफओ खास तौर पर भारत के फाइनेंशियल मार्केट और इंश्योरेंस सेक्टर में उभर रहे नए मौकों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. इस न्यू फंड ऑफर में सब्सक्रिप्शन आज यानी 10 दिसंबर 2024 को खुला है और 24 दिसंबर 2024 तक खुला रहेगा. इस ETF का मकसद फाइनेंशियलाइजेशन के बढ़ते ट्रेंड को अपनाते हुए निवेशकों को लंबी अवधि के लिए कैपिटल ग्रोथ के मौके उपलब्ध कराना है.
कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस सेक्टर पर फोकस
भारत के फाइनेंशियल मार्केट्स और इंश्योरेंस सेक्टर में हाल के वर्षों में तेजी से ग्रोथ हुई है. यह NFO इसी ग्रोथ से फायदा उठाने के लिए तैयार किया गया है. कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस सेक्टर में नई कंपनियों की लिस्टिंग और बाजार में उनकी हिस्सेदारी ने इस ETF की थीम को और आकर्षक बनाने का काम किया है. बीएसई कैपिटल मार्केट्स एंड इंश्योरेंस टोटल रिटर्न इंडेक्स (BSE Capital Markets & Insurance TRI) को ट्रैक करने वाले इस ETF का पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड होगा, जिसका 47.21% एलोकेशन कैपिटल मार्केट कंपनियों के शेयर्स में और 52.79% एलोकेशन इंश्योरेंस कंपनियों में किया जाएगा. इन दोनों क्षेत्रों की प्रमुख कंपनियां, मसलन- एचडीएफसी एएमसी (HDFC AMC), एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस (SBI Life Insurance), आईसीआईसीआई लोम्बार्ड (ICICI Lombard) और एंजेल वन (Angel One) इस ETF के पोर्टफोलियो में शामिल होंगी.
उभरते ट्रेंड्स को निवेश के अवसरों में बदलने पर जोर
एडलवाइज़ म्यूचुअल फंड की एमडी और सीईओ, राधिका गुप्ता ने इस लॉन्च के मौके पर कहा कि "एडलवाइज़ का उद्देश्य उभरते हुए ट्रेंड्स की पहचान करना और उन्हें निवेशकों के लिए इनवेस्टमेंट के मौकों में बदलना है. यह ETF भारत के फाइनेंशियल सेक्टर में हो रहे व्यापक बदलावों को कैप्चर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है." उन्होंने यह भी कहा कि यह ETF केवल एक शुरुआत है और भविष्य में एडलवाइज़ की योजना कई और थीमैटिक ETF लॉन्च करने की है.
कैसे काम करेगा यह ETF?
BSE कैपिटल मार्केट्स एंड इंश्योरेंस टोटल रिटर्न इंडेक्स को ट्रैक करने की वजह से एडलवाइज़ BSE कैपिटल मार्केट्स एंड इंश्योरेंस ETF का प्रदर्शन देश के कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस इंडस्ट्री के प्रदर्शन से प्रभावित रहेगा. इस फंड के बेंचमार्क इंडेक्स (BSE Capital Markets & Insurance TRI) पर नजर डालें, तो उसने पिछले 1 साल में 52.49%, 3 साल में 13.00% और 5 साल में 14.05% सालाना रिटर्न दिया है. इसकी तुलना में BSE 500 TRI का औसत सालाना रिटर्न 1 साल में 35.70%, 3 साल में 15.64% और 5 साल में 16.33% रहा है. यानी लंबी अवधि में इसके बेंचमार्क इंडेक्स का रिटर्न बीएसई के ब्रॉड मार्केट इंडेक्स के मुकाबले बेहतर नहीं रहा है. इस ETF के पोर्टफोलियो में अधिकतम 30 कंपनियां शामिल होंगी. सभी कंपनियों का सेलेक्शन उनके मार्केट कैप और औसत ट्रेडिंग वॉल्यूम के आधार पर किया जाएगा और एक शेयर में निवेश 10% से ज्यादा नहीं होगा. इस ETF को हर 6 महीने में री-स्ट्रक्चर और हर 3 महीने में री-बैलेंस किया जाएगा, ताकि निवेशकों को हाईएस्ट क्वॉलिटी वाले स्टॉक्स में निवेश का लाभ मिल सके.
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NFO की जरूरी बातें
NFO की अवधि: 10 दिसंबर 2024 से 24 दिसंबर 2024 तक.
ETF का उद्देश्य: BSE Capital Markets & Insurance Total Return Index को ट्रैक करना.
पोर्टफोलियो एलोकेशन : 47.21% कैपिटल मार्केट में, 52.79% इंश्योरेंस सेक्टर में.
फंड मैनेजर: भावेश जैन.
NFO में कम से कम निवेश: 5,000 रुपये, उसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में.
रिस्क लेवल: बहुत अधिक (Very High).
री-स्ट्रक्चरिंग / री-बैलेंसिंग: हर 6 महीने में री-स्ट्रक्चरिंग, हर 3 महीने में री-बैलेंसिंग.
किन निवेशकों के लिए सही है ये NFO?
ऐसे निवेशक एडलवाइज़ BSE कैपिटल मार्केट्स एंड इंश्योरेंस ETF के NFO में निवेश पर विचार कर सकते हैं, जो देश के फाइनेंशियल और इंश्योरेंस सेक्टर की ग्रोथ में शामिल होना चाहते हैं. हालांकि सेक्टोरल फंड होने की वजह से इसमें मार्केट रिस्क बहुत अधिक रहेगा, लिहाजा निवेश का फैसला करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता को जरूर परख लें. जो निवेशक डायवर्सिफिकेशन के जरिये लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन करना चाहते हैं, वे इसमें निवेश के बारे में सोच-समझकर फैसला कर सकते हैं. लेकिन पोर्टफोलियो में इस ETF की हिस्सेदारी ज्यादा नहीं होनी चाहिए.
(डिस्क्लेमर: इस लेख का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश से जुड़े फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेकर ही करें.)
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