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Nippon India Active Momentum Fund का NFO सोमवार 10 फरवरी से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. (Image : Pixabay)
Nippon India Active Momentum Fund NFO : निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड का नया फंड ऑफर (NFO) सोमवार 10 फरवरी से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. यह एक ओपन एंडेड इक्विटी स्कीम होगी, जिसका नाम निप्पॉन इंडिया एक्टिव मोमेंटम फंड है. जैसा कि इसके नाम से भी पता चलता है, यह फंड मोमेंटम इन्वेस्टिंग थीम को फॉलो करेगा. फंड हाउस का कहना है कि इस नई स्कीम की इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी में स्टॉक्स के प्राइस मोमेंटम और फंडामेंटल फैक्टर्स के बीच संतुलन बनाकर निवेश करने पर जोर दिया जाएगा. इस NFO में सब्सक्रिप्शन 24 फरवरी 2025 तक खुला रहेगा. इस NFO में निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला करने से पहले नए फंड की विशेषताओं को जानना और मोमेंटम इन्वेस्टिंग की थीम को अच्छी तरह समझना जरूरी है. तभी यह फैसला किया जा सकता है कि यह NFO किन निवेशकों के लिए सही विकल्प हो सकता है.
मोमेंटम इन्वेस्टिंग क्या है?
मोमेंटम इन्वेस्टिंग दरअसल फैक्टर इनवेस्टिंग स्ट्रैटजी का ही एक हिस्सा है. फैक्टर इनवेस्टिंग के तहत बेहतर रिटर्न जेनरेट करने या रिस्क को कम रखने के लिए कई अलग-अलग ड्राइवर्स पर फोकस किया जाता है, जिनमें मोमेंटम के अलावा क्वॉलिटी, ग्रोथ, साइज़, वैल्यू और लो वोलैटिलिटी जैसे कई फैक्टर शामिल हो सकते हैं. इनमें से मोमेंटम इनवेस्टिंग के तहत निवेश करते समय उन स्टॉक्स को सेलेक्ट किया जाता है, जो लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे होते हैं. यह कंसेप्ट इस सिद्धांत पर आधारित है कि जिन स्टॉक्स ने हाल में अच्छा प्रदर्शन किया है, उनके आगे भी बेहतर परफॉर्म करने की संभावना रहती है. वहीं, जो स्टॉक्स फिलहाल खराब प्रदर्शन कर रहे हैं, वे आगे भी कमजोर बने रह सकते हैं.
निप्पॉन इंडिया एक्टिव मोमेंटम फंड की इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी
निप्पॉन इंडिया एक्टिव मोमेंटम फंड की इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी की खास बात ये होगी कि इस फंड में निवेश का फैसला करते समय टेक्निकल प्राइस मोमेंटम (Technical Price Momentum) के साथ ही साथ अर्निंग्स रिवीजन (Earnings Revision) जैसे फंडामेंटल फैक्टर्स पर भी गौर किया जाएगा. इसे मार्केट विजडम और एक्सपर्ट्स के कन्सेंसस व्यू (Consensus View) का सही तालमेल भी कह सकते हैं. इस रणनीति पर चलते हुए NFO के फंड मैनेजर 6 महीने और 12 महीने के प्राइस चेंज को ध्यान में रखते हुए बेहतर रिस्क एडजस्टेड रिटर्न हासिल करने पर फोकस करेंगे. साथ ही अर्निंग्स मोमेंटम के रुझान को देखते हुए उन कंपनियों में निवेश किया जाएगा जिनकी अर्निंग्स अपग्रेड्स मजबूत हैं. इसके साथ ही यह फंड डायनैमिक रूप से बदलते हुए बाजार का माहौल के हिसाब से अपने पोर्टफोलियो को एडजस्ट भी करता रहेगा.
इस NFO से जुड़े रिस्क फैक्टर
मोमेंटम इन्वेस्टिंग की थीम पर आधारित होने के कारण इस NFO के साथ कुछ रिस्क फैक्टर भी जुड़े हुए हैं. मोमेंटम इनवेस्टिंग थीम से जुड़े फंड्स पर बाजार के उतार-चढ़ाव का ज्यादा असर पड़ने की आशंका रहती है. इसके अलावा मार्केट में ट्रेंड रिवर्सल के समय यानी तेजी या मंदी के टर्निंग प्वाइंट पर ऐसे फंड्स के प्रदर्शन पर निगेटिव असर पड़ सकता है. इसके अलावा ऐसे फंड्स में पोर्टफोलियो टर्नओवर काफी ऊंचा रह सकता है, जिससे फंड की ट्रांजैक्शन कॉस्ट बढ़ सकती है.
NFO से जुड़ी अहम जानकारी
NFO में सब्सक्रिप्शन खुलने की तारीख : 10 फरवरी 2025
NFO में सब्सक्रिप्शन बंद होने की तारीख : 24 फरवरी 2025
स्कीम रीओपनिंग : 6 मार्च 2025
बेंचमार्क इंडेक्स : NIFTY 500 TRI
एक्जिट लोड : 1 साल के भीतर रिडेम्पशन पर 1%, उसके बाद कुछ नहीं
मिनिमम इनवेस्टमेंट : 500 रुपये
फंड मैनेजर : अशुतोष भार्गव और किंजल देसाई
रिस्क लेवल : बहुत अधिक (Very High)
किन निवेशकों के लिए सही है यह NFO?
ऐसे निवेश इस NFO पर विचार कर सकते हैं, जो लॉन्ग टर्म कैपिटल एप्रिसिएशन चाहते और इसके लिए एक्टिवली मैनेज्ड थीमैटिक इक्विटी स्कीम में पैसे लगाने में दिलचस्पी रखते हैं. साथ ही उन्हें मोमेंटम इन्वेस्टिंग की रणनीति के साथ जुड़े हाई रिस्क को बर्दाश्त करने के लिए भी तैयार रहना होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि आम तौर पर ब्रॉड बेस्ड डायवर्सिफाइड फंड्स के मुकाबले थीमैटिक और सेक्टोरल फंड्स में रिस्क ज्यादा रहता है.
कुल मिलाकर निप्पॉन इंडिया एक्टिव मोमेंटम फंड NFO उन निवेशकों के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है, जो मोमेंटम इन्वेस्टिंग की स्ट्रैटजी को अपना कर लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन करना चाहते हैं. हालांकि निवेश के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले रिस्क फैक्टर्स को ध्यान में रखना और अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेना जरूरी है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं है. निवेश का कोई भी फैसला स्कीम के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने और अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)