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SBI Gold ETF ने 1 साल में लंपसम पर 33% और 5 साल की SIP पर दिया 16% रिटर्न, 'सेफ हेवन' निवेश पर इक्विटी जैसा मुनाफा

High Return on Gold ETF : SBI Gold ETF में 5000 की मंथली SIP से 5 साल में जमा हुए करीब 4.5 लाख रुपये, 3 साल से लेकर 15 साल तक, हर अवधि में मिला आकर्षक रिटर्न.

High Return on Gold ETF : SBI Gold ETF में 5000 की मंथली SIP से 5 साल में जमा हुए करीब 4.5 लाख रुपये, 3 साल से लेकर 15 साल तक, हर अवधि में मिला आकर्षक रिटर्न.

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Viplav Rahi
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SBI Gold ETF ने एकमुश्त निवेश और SIP दोनों पर आकर्षक रिटर्न दिए हैं. (Image : PIxabay)

High Return on SBI Gold ETF : सोने में तेजी का सिलसिला लगातार जारी है. जाहिर है इस इस तेजी का फायदा सोने में पैसे लगाने वालों को मिल रहा है, फिर चाहे वो फिजिकल गोल्ड हो या गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से किया गया निवेश. दरअसल, अपनी कई खूबियों की वजह से गोल्ड ईटीएफ को रिटेल इनवेस्टर्स के लिए सोने में निवेश के सबसे बेहतरीन तरीकों में शामिल किया जा सकता है.

Gold ETF ने पिछले 1 साल में ही नहीं, बल्कि 3 साल, 5 साल और उससे ज्यादा अवधि के दौरान भी लंप सम और SIP के जरिये किए गए निवेश पर महंगाई को मात देने वाले डबल डिजिट रिटर्न दिए हैं. यानी सेफ हेवन इनवेस्टमेंट समझे जाने वाले गोल्ड का लॉन्ग टर्म रिटर्न इक्विटी को टक्कर देने वाला रहा है. देश के सबसे बड़े म्यूचुअल फंड हाउस में शामिल एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) के गोल्ड ईटीएफ (SBI Gold ETF) का पिछला प्रदर्शन इसका सबूत है. 

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SBI गोल्ड ईटीएफ का पिछला प्रदर्शन 

SBI Gold ETF ने पिछले एक साल के दौरान लंपसम (Lump Sum) यानी एकमुश्त निवेश करने वालों को 33.60% रिटर्न दिया है. इतना ही नहीं, इस फंड का 3 साल, 5 साल, 10 साल और लॉन्च से अब तक का रिटर्न भी डबल डिजिट में ही रहा है. 

SBI Gold ETF का लंप सम रिटर्न

1 साल का रिटर्न  : 33.60 %
3 साल का रिटर्न :  19.36 % 
5 साल का रिटर्न :  14.78 % 
10 साल का रिटर्न :  10.62 % 
लॉन्च से अब तक का रिटर्न : 10.64 %  (लॉन्च की तारीख 18 मई 2009)
(सोर्स : AMFI)

SBI Gold ETF में एकमुश्त निवेश के पिछले रिटर्न का अनुमान आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि 1 लाख रुपये एकमुश्त निवेश की वैल्यू 3 साल में 1.66 लाख रुपये और 3 साल में 1.92 लाख रुपये हो चुकी है, जबकि लॉन्च के समय किए गए 1 लाख रुपये की करेंट वैल्यू 4.84 लाख रुपये के आसपास है.

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SBI Gold ETF ने SIP पर भी दिया अच्छा मुनाफा

SBI गोल्ड ईटीएफ ने सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये निवेश करने वालों को भी लगातार बेहतरीन रिटर्न दिए हैं. दरअसल एसबीआई गोल्ड ईटीएफ के लॉन्ग टर्म SIP रिटर्न इतने बढ़िया हैं कि इनकी की तुलना इक्विटी फंड्स के रिटर्न से भी कर सकते हैं.

SBI गोल्ड ईटीएफ का SIP रिटर्न 

1 साल का SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 33.44% 
मंथली SIP : 5000 रुपये
1 साल में SIP के जरिये कुल निवेश : 60,000 रुपये 
1 साल बाद फंड वैल्यू : 70,409 रुपये  

3 साल का SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 22.3% 
मंथली SIP : 5000 रुपये
3 साल में SIP के जरिये कुल निवेश : 1.80 लाख रुपये
3 साल बाद फंड वैल्यू : 2,49,353 रुपये (2.49 लाख रुपये)

5 साल का SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 16.58%
मंथली SIP : 5000 रुपये
5 साल में SIP के जरिये कुल निवेश: 3 लाख रुपये
5 साल बाद फंड वैल्यू : 4,54,135 रुपये (4.54 लाख रुपये)

7 साल का SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 16.09% 
मंथली SIP : 5000 रुपये
7 साल में SIP के जरिये कुल निवेश : 4.20 लाख रुपये
7 साल बाद फंड वैल्यू : 7,45,561 रुपये (7.46 लाख रुपये)

10 साल का SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 13.85%
मंथली SIP : 5000 रुपये
10 साल में SIP के जरिये कुल निवेश : 6 लाख रुपये
10 साल बाद फंड वैल्यू : 12,36,692 रुपये (12.37 लाख रुपये)

15 साल का SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 10.73% 
मंथली SIP : 5000 रुपये
15 साल में SIP के जरिये कुल निवेश : 9 लाख रुपये 
15 साल बाद फंड वैल्यू :  21,35,613 रुपये (21.36 लाख रुपये)

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SBI गोल्ड ETF क्या है?

SBI गोल्ड ईटीएफ एक ओपन-एंडेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Fund) है, जो सोने और उससे जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है. इस फंड की यूनिट्स का भाव, फिजिकल गोल्ड की कीमतों के आधार पर बढ़ता-घटता है. यही वजह है कि इस फंड में किए गए निवेश पर भी फिजिकल गोल्ड के लगभग बराबर ही रिटर्न मिलता है. गोल्ड ETF भी दूसरे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स की तरह स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड होते हैं, जिन्हें निवेशक अपने ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए खरीद-बेच सकते हैं. SBI गोल्ड ईटीएफ का लेटेस्ट एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 6,855 करोड़ रुपये है. रिस्कोमीटर पर एसबीआई गोल्ड ईटीएफ को हाई रिस्क (High Risk) की रेटिंग दी गई है, क्योंकि इसके रिटर्न पर सोने की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है. 

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गोल्ड ETF में निवेश के फायदे

आपके मन में यह सवाल आ सकता है कि अगर गोल्ड ईटीएफ के रिटर्न भी फिजिकल गोल्ड के लगभग बराबर ही होते हैं, तो इनमें निवेश करने का लाभ क्या है? दरअसल गोल्ड ईटीएफ में निवेश करना कई वजहों से फिजिकल गोल्ड में निवेश से बेहतर माना जाता है. मिसाल के तौर पर : 

  • फिजिकल गोल्ड खरीदते समय सोने की प्योरिटी, स्टोरेज, सेफ्टी जैसी बातों की फिक्र करनी पड़ती है.
  • गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने वालों को इन चीजों की चिंता नहीं करनी पड़ती. गोल्ड ETF में निवेश करने पर आपको हाई प्योरिटी वाले 24 कैरेट गोल्ड में निवेश का फायदा मिलता है, जिसमें मिलावट का कोई डर नहीं होता.
  • फिजिकल गोल्ड को सुरक्षित रखने की फिक्र करनी पड़ती है, जबकि Gold ETF की यूनिट्स आपके डी-मैट अकाउंट में पूरी सुरक्षित रहती हैं. 
  • फिजिकल गोल्ड के मुकाबले गोल्ड ईटीएफ की लिक्विडिटी भी बेहतर होती है, यानी इन्हें खरीदना-बेचना भी ज्यादा आसान है.
  • फिजिकल गोल्ड को बेचते समय कई बार सोने की पूरी वैल्यू नहीं मिलती, उसमें ट्रांजैक्शन चार्ज और अशुद्धता के नाम पर पैसे कट जाते हैं. लेकिन गोल्ड ईटीएफ में ऐसा नहीं होता.
  • गोल्ड ETF को 3 साल से ज्यादा होल्ड करने के बाद बेचने पर होने वाले मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है, जो ऊंचे टैक्स स्लैब में आने वाले निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है. 

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गोल्ड ETF में किन्हें करना चाहिए निवेश?

बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर में आम तौर पर गोल्ड में किए गए निवेश बेहतर रिटर्न और स्टेबिलिटी देते हैं. यही वजह है कि सोने को सेफ हेवन इनवेस्टमेंट कहा जाता है. लिहाजा SBI Gold ETF हो या किसी और अच्छे म्यूचुअल फंड हाउस का गोल्ड ईटीएफ, इसमें निवेशक करना पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने का अच्छा तरीका हो सकता है. यह खास तौर पर उन निवेशकों के लिए अच्छा ऑप्शन है, जो अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करने के लिए सोने में पैसे लगाना चाहते हैं, लेकिन फिजिकल गोल्ड खरीदने-बेचने से जुड़ी दिक्कतों और झमेलों से बचना चाहते हैं. 

(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं है. गोल्ड ईटीएफ के रिटर्न पर सोने की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर पड़ता है, लिहाजा, इनके पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश का कोई भी फैसला पूरी जानकारी हासिल करने और अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)

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