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NFO Alert ! श्रीराम एएमसी ने लॉन्‍च किया मल्‍टी सेक्‍टर रोटेशन फंड, खास है इन्‍वेस्‍टमेंट स्‍ट्रैटेजी, LTCG बेनेफिट से सेक्टर ट्रैप सेफ्टी

New Fund Offer : इस नए फंड का लक्ष्य उन ट्रेडिंग सेक्‍टर की पहचान करना है, जो अच्‍छा प्रदर्शन कर रहे हैं. फंड की रणनीति खराब प्रदर्शन करने वाले सेक्‍टर में एक्‍सपोजर को कम करते हुए बेहतर प्रदर्शन करने वाले सेक्‍टर में अवसरों का लाभ उठाना है.

New Fund Offer : इस नए फंड का लक्ष्य उन ट्रेडिंग सेक्‍टर की पहचान करना है, जो अच्‍छा प्रदर्शन कर रहे हैं. फंड की रणनीति खराब प्रदर्शन करने वाले सेक्‍टर में एक्‍सपोजर को कम करते हुए बेहतर प्रदर्शन करने वाले सेक्‍टर में अवसरों का लाभ उठाना है.

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Sushil Tripathi
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NFO : म्‍यूचुअल फंड की नई स्‍कीम का लक्ष्य अच्‍छा प्रदर्शन करने वाले सेक्‍टर की पहचान कर और उनमें निवेश के जरिए बेहतर रिटर्न हासिल करना है. (Pixabay)

Shriram Multi Sector Rotation Fund : श्रीराम ग्रुप की एसेट मैनेजमेंट कंपनी, श्रीराम एएमसी ने अपना न्‍यू फंड ऑफर (New Fund Offer) लॉन्‍च किया है. यह एनएफओ (NFO) श्रीराम मल्टी सेक्टर रोटेशन फंड (Shriram Multi Sector Rotation Fund) के नाम से लॉन्‍च किया गया है, जो इंडस्‍ट्री में अपनी तरह का पहला फंड है. म्‍यूचुअल फंड की इस नई स्‍कीम का लक्ष्य अच्‍छा प्रदर्शन करने वाले सेक्‍टर की पहचान कर और उनमें निवेश के जरिए मिड से लॉन्‍ग टर्म में बेहतर रिटर्न हासिल करना है. यह एनएफओ 18 नवंबर से 2 दिसंबर 2024 तक खुला रहेगा. इसके लिए बेंचमार्क Nifty 500 Index है. 

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क्‍या है निवेश की स्‍ट्रैटेजी 

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इस नए फंड का लक्ष्य उन ट्रेडिंग सेक्‍टर की पहचान करना है, जो अच्‍छा प्रदर्शन कर रहे हैं. फंड की रणनीति खराब प्रदर्शन करने वाले सेक्‍टर में एक्‍सपोजर को कम करते हुए बेहतर प्रदर्शन करने वाले सेक्‍टर में अवसरों का लाभ पाने के लिए सेक्टर रोटेशन का फायदा उठाना है. फंड का फोकस सेक्टर्स के रिलेटिव मोमेंटम के आधार पर कम से कम 3 से 6 ट्रेंडिंग सेक्टर में निवेश करना और कमजोर ट्रेंड का संकेत मिलने पर उनसे बाहर निकलना होगा. सेक्‍टर का चयन श्रीराम एएमसी के मालिकाना वाले ईक्यूआई फ्रेमवर्क के आधार पर किया जाएगा. पहचाने गए सेक्टर में निवेश से पहले मैक्रो-इकोनॉमिक पैरामीटर, इन्‍वेस्‍टमेंट इंडीकेटर्स, सेंटीमेंट, प्राइस सहित फंडामेंटल के आधार पर किया जाएगा. 

निवेश की यह अप्रोच इस बात को तय करने में भी मदद करेगा कि अलग अलग सेक्टर में रोटेशन की जरूरत कब होगी. सेक्टर का चयन और रोटेशन का निर्णय फंड मैनेजर पर निर्भर करेगा.  निवेशकों की जागरूकता के लिए, श्रीराम मल्टी सेक्टर रोटेशन फंड किसी भी समय जिन सेक्‍टर पर फोकस करेगा, उन्हें मंथली फंड फैक्ट शीट में पब्लिश किया जाएगा.

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'सेक्टर ट्रैप' में फंसने से सेफ्टी

श्रीराम एसेट मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड के एमडी और सीईओ कार्तिक एल जैन का कहना है कि एडवाइजर्स के फीडबैक से संकेत मिलता है कि निवेशक जब अपकमिंग सेक्‍टर में निवेश करते हैं जो कि मैक्रो-इकोनॉमिक साइकिल या पॉलिसी शिफ्ट के कारण ट्रेंड में होते हैं, तो वे अक्सर 'सेक्टर ट्रैप' में फंस जाते हैं. जबकि उनके पोर्टफोलियो को अपट्रेंड से लाभ होता है, वे आम तौर पर तब भी निवेश बनाए रखते हैं, जब ट्रेंड उलट जाता है. इसके चलते उन्‍हें बहुत कम या निगेटिव रिटर्न भी मिल सकता है. 

श्रीराम मल्टी सेक्टर रोटेशन फंड का लक्ष्य निवेशकों की इस परेशानी को दूर करना है, ताकि उन्हें सेक्टर ट्रैप से बचने में मदद मिल सके. हमारी कैच लाइन 'जैसा सेक्टर ट्रेंड, वैसा आपका पोर्टफोलियो' इसी के अनुसार है. यह निवेशक के लिए टैक्‍स एफिशिएंट भी है, क्योंकि जब फंड मैनेजर स्‍कीम के भीतर सभी सेक्‍टर में रीबैलेंस करता है तो कैपिटल गेंस टैक्‍स का कोई असर नहीं पड़ता है. 

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लंबी अवधि में हाई रिटर्न

श्रीराम एएमसी के सीनियर फंड मैनेजर, दीपक रामाराजू का कहना है कि हमारा टू-टियर अप्रोच, पहले रिलेटिव ट्रेंड के आधार पर सेक्टर का चयन करना और फिर स्टॉक का चयन करना, यह सुनिश्चित करता है कि फंड लेबल के अनुरूप बना रहे. हमारे मालिकाना ईक्यूआई फ्रेमवर्क के आधार पर सेक्टर रोटेशन और स्टॉक चयन का उद्देश्य हमारे निवेशकों को समय के साथ हाई रिटर्न प्रदान करना है.

निवेश के क्‍या हैं विकल्‍प 

निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्यों को पूरा करने के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP), टॉप-अप या सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STP) के माध्यम से नियमित रूप से इस फंड में निवेश कर सकते हैं. एकमुश्त या एसआईपी के लिए न्यूनतम निवेश राशि 500 रुपये है. इसमें कोई लॉक-इन अवधि शामिल नहीं है. एसआईपी की फ्रीक्‍वेंसी वीकली, 15 दिन, मंथली या तिमाही हो सकती है. एक बार एक फंड बन जाने के बाद, निवेशक रेगुलर इनकम ने के लिए समान फ्रीक्‍वेंसी पर SWP भी प्‍लान कर सकते हैं.  निवेशक https://shrifunds.shriramamc.in पर श्रीफंड्स पोर्टल के माध्यम से सभी श्रीराम म्यूचुअल फंड में अपने निवेश को सुरक्षित तरीके से ऑनलाइन खरीद और मैनेज कर सकते हैं.

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LTCG का बेनेफिट

अगर निवेशक एक वित्त वर्ष में 1.25 लाख रुपये का कैपिटल गेंस पार कर जाते हैं तो फंड निवेशक को 12.5% ​​की दर (प्‍लस सरचार्ज और सेस) से लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्‍स (LTCG)  का लाभ प्रदान करता है. अगर कोई निवेशक अपने सेक्टर एलोकेशन को रीबैलेंस करने के लिए किसी सेक्टर फंड में अपना निवेश भुनाता है, तो उसे प्रत्येक लेनदेन पर कैपिटल गेंस टैक्‍स का सामना करना पड़ सकता है. जब फंड मैनेजर स्कीम के भीतर लेनदेन करता है, तो स्कीम पर कोई कैपिटल गेंस टैक्‍स नहीं लगता है. ये दो पहलू इस फंड को उन निवेशकों के लिए एक टैक्‍स एफिशिएंट निवेश विकल्प बनाते हैं जो ट्रेंडिंग सेक्‍टर में निवेश करना चाहते हैं.

(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश से जुड़े फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)

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