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New Fund Offer : यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो मुख्य रूप से डिविडेंड देने वाले शेयरों में निवेश करती है. (Pixabay)
Baroda BNP Paribas Dividend Yield Fund : अगर आप म्यूचुअल फंड की किसी नई स्कीम में निवेश की तलाश में हैं तो अच्छा मौका है. बड़ौदा बीएनपी पारिबा म्यूचुअल फंड (Baroda BNP Paribas Mutual Fund) ने बड़ौदा बीएनपी पारिबा डिविडेंड यील्ड फंड (Baroda BNP Paribas Dividend Yield Fund) लॉन्च की घोषणा की है. यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो मुख्य रूप से डिविडेंड देने वाले शेयरों में निवेश करती है. यह न्यू फंड ऑफर (NFO) 22 अगस्त को खुल गया है और 5 सितंबर 2024 तक खुला रहेगा.
निवेशकों को 2 तरह से फायदा
जैसा कि नाम से ही साफ हो रहा है, यह स्कीम रेगुलर डिविडेंड देने वाली मजबूत कंपनियों में निवेश करेगी, जिनमें लगातार ग्रोथ दिख रही हो. इस स्कीम में निवेश करने वालों के पास डिविडेंड पेमेंट करने वाली कंपनियों का एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो होगा. इस तरह के निवेश से निवेशकों की दौलत में 2 तरह से इजाफा होता है. एक तो शेयर में तेजी आने से इक्विटी रिटर्न के रूप में और दूसरा डिविडेंड से होने वाली इनकम से.
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स्कीम के बारे में
बड़ौदा बीएनपी पारिबा डिविडेंड यील्ड फंड का लक्ष्य पूर्व अनुमानित और स्टेबल कैश फ्लो वाली कंपनियों में निवेश करना है, जिसका नेतृत्व ऐसे मैनेजमेंट द्वारा किया जाता है, जो नियमित रूप से डिविडेंड के साथ शेयरधारकों को लाभ देने को प्राथमिकता देते हैं. निवेश की रणनीति उन ग्रोथ कंपनियों में निवेशकों का पैसा लगाना है, जो निवेशकों को रेगुलर डिविडेंड और बायबैक के माध्यम से उनकी दौलत में इजाफा कर रही हैं.
हर मार्केट कैप वाले स्टॉक में निवेश
यह फंड हाई फ्री कैश फ्लो और रेगुलर डिविडेंड पेमेंट की हिस्ट्री वाली कंपनियों में निवेश करेगा. यह फंड हर तरह के मार्केट कैप में आकर्षक वैल्युएशन वाली कंपनियों का पोर्टफोलियो बनाने के लिए 5 फेज की चयन प्रक्रिया का पालन करता है. जबकि उन कंपनियों से दूरी बनाता है जो शायद ही कभी डिविडेंड देती हैं.
कम से कम कितना निवेश जरूरी
इस स्कीम में लम्प सम निवेश के लिए कम से कम 1000 रुपये जरूरी है. जिसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी निवेश कर सकते हैं. वहीं SIP के लिए कम से कम 500 रुपये मंथली निवेश जरूरी है, जिसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी निवेश कर सकते हैं.
स्कीम की प्रमुख विशेषताएं और फायदे
हायर फ्री कैश फ्लो : डिविडेंड देने वाली कंपनियों में अधिक फ्री कैश फ्लो होता है, जिसके परिणामस्वरूप उनके शेयर की कीमत पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
प्रमोटर अलाइनमेंट : प्रमोटर्स द्वारा शेयरधारकों को डिविडेंड देकर लाभ पहुंचाना माइनॉरिटी शेयरहोल्डर्स के साथ उनका जुड़ाव दिखाता है.
डायवर्सिफिकेशन : अलग अलग सेक्टर और मार्केट कैपिटलाइजेशन में डाइवर्सिफिकेशन से फंड को लाभ होता है, जोखिम कम होता है और संभावित रिटर्न बढ़ जाता है.
प्रदर्शन पर नजर
वित्त वर्ष 2009 के बाद से 16 में से 10 साल में, निफ्टी डिविडेंड अपॉर्च्यूनिटी 50 टीआरआई ने निफ्टी 500 टीआरआई इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है. अगर किसी ने अक्टूबर 2007 में निफ्टी 500 टीआरआई में 1 लाख रुपये निवेश किया होता तो वह अब बढ़कर अब 6.7 लाख रुपये हो गया होता. जबकि अक्टूबर 2007 में निफ्टी डिविडेंड अपॉर्च्यूनिटी 50 टीआरआई में निवेश किया गया 1 लाख रुपये 31 जुलाई, 2024 तक बढ़कर 10.4 लाख रुपये हो गया होता.
(सोर्स : एनएसई और इंटरनल रिसर्च. पिछला प्रदर्शन भविष्य में कायम रह भी सकता है और नहीं भी)
डिविडेंड देने वाली कंपनियों में बेहतर रिटर्न
बड़ौदा बीएनपी पारिबा एएमसी के सीईओ सुरेश सोनी का कहना है कि वित्त वर्ष 2020 के बाद से निफ्टी 500 घटकों के एक अध्ययन के अनुसार, डिविडेंड देने वाली कंपनियों में एवरेज रिटर्न ऑन इक्विटी नॉन-डिविडेंड वाली कंपनियों की तुलना में अधिक मिलता है. वित्त वर्ष 2024 में, डिविडेंड देने वाली इन कंपनियों का औसत ROE 20.5% था, जबकि नॉन-डिविडेंड पेमेंट करने वाली कंपनियों का औसत ROE 13.4% था. फंड का लक्ष्य शेयरधारकों के अनुकूल मैनेजमेंट प्रैक्टिस के साथ हाई क्वालिटी वाले बिजनेस के पोर्टफोलियो में निवेश करना है.
(31 मार्च 2024 तक का डाटा. *सोर्स : एस इक्विटी और इंटरनल.)
बड़ौदा बीएनपी पारिबा डिविडेंड यील्ड फंड का मैनेजमेंट 24 साल से अधिक के अनुभव वाले विशेषज्ञ शिव चानानी द्वारा किया जाएगा, जो बड़ौदा बीएनपी पारिबा एएमसी में इक्विटी के सीनियर फंड मैनेजर हैं.