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NFO : इन्वेस्को इंडिया मल्टी एसेट एलोकेशन फंड के जरिए निवेशकों को अलग अलग एसेट क्लास में एक्सपोजर मिलेगा. (Pixabay)
Invesco India Multi Asset Allocation Fund : इन्वेस्को म्यूचुअल फंड (Invesco Mutual Fund) ने अपना न्यू फंड ऑफर (New Fund Offer) इन्वेस्को इंडिया मल्टी एसेट एलोकेशन फंड (Invesco India Multi Asset Allocation Fund) लॉन्च किया है. हाब्रिड कैटेगरी में शामिल यह स्कीम एक ओपेन एंडेड इक्विटी फंड है. फंड का पोर्टफोलियो इक्विटी, डेट, गोल्ड व सिल्वर ETFs के जरिए डाइवर्सिफाइड होगा. जिसके चलते बाजार का रिस्क कम होगा और हाई रिटर्न मिलने के चांस बढ़ जाएंगे. यह फंड पब्लिक सब्सक्रिप्शन के लिए 27 नवंबर 2024 को खुल गया है, यह 11 दिसंबर 2024 को बंद होगा.
निवेश की स्ट्रैटेजी
इन्वेस्को इंडिया मल्टी एसेट एलोकेशन फंड के जरिए निवेशकों को अलग अलग एसेट क्लास में एक्सपोजर मिलेगा. इस फंड द्वारा निवेशकों का 10 से 80 फीसदी तक फंड इक्विटी विकल्पों में, 10 से 80 फीसदी तक रकम डेट विकल्पों में और 10 से 50 फीसदी तक रकम गोल्ड व सिल्वर ETFs में लगाया जाएगा. इसी डायवर्सिफिकेशन के चलते बाजार से जुड़े रिस्क कम होंगे. इस फंड में मिनिमम एप्लीकेशन अमाउंट 1000 रुपये और इसके बाद 1 रुपये के मल्टीपल में कितना भी हो सकता है.
NFO से जुड़ी खास बातें
एनएफओ ओपन डेट : 27 नवंबर, 2024
एनएफओ क्लोजिंग डेट : 11 दिसंबर, 2024
कैटेगरी : हाइब्रिड मल्टी एसेट एलोकेशन
कम से कम निवेश : 1000 रुपये
लॉक इन पीरियड : कुछ नहीं
एग्जिट लोड : 1 साल के भीतर भुनाने पर 1%
रिस्कोमीटर : वेरी हाई
बेंचमार्क : NIFTY 200 TRI (60), CRISIL 10-Year Gilt (30), Domestic Price of Gold (5), Domestic Price of Silver (5)
इन्वेस्को म्यूचुअल फंड के सीआईओ, ताहिर बादशाह का कहना है कि यह फंड एक निवेश की अनूठी रणनीति प्रदान करता है जो रिटर्न को अनुकूलित करने और रिस्क को मैनेज करने के लिए इक्विटी, फिक्स्ड इनकम और सोने/चांदी में एलोकेशन को डायनमिक रूप से एडजस्ट करता है.
इन्वेस्को म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर हेरिन शाह का कहना है कि हमारा स्ट्रक्चरल अप्रोच लगातार परिणाम देने के लिए मार्केट साइकिल, मैक्रोइकोनॉमिक ट्रेंड्स और डायनमिक एसेट एलोकेशन का लाभ उठाता है.
क्या है मल्टी एसेट अलोकेशन फंड
मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड निवेशकों को सिंगल इन्वेस्टमेंट के जरिए डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो प्रदान करते हैं. इनका निवेश इक्विटी, डेट, गोल्ड के अलावा रियल एस्टेट जैसे एसेट क्लास में होता है. इनकी यही खासियत निवेशकों को बेस्ट रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न प्रदान करने की क्षमता रखती है. इन फंडों का उद्देश्य कई एसेट क्लास में मल्टी-एसेट अलोकेशन के माध्यम से निवेश पोर्टफोलियो को बढ़ाना और डाइवर्सिफिकेशन लाना है. फंड का लक्ष्य सिर्फ एक ही एसेट क्लास में निवेश से जुड़े रिस्क को कम करना है.
किसके लिए है बेहतर विकल्प
मल्टी-एसेट एलोकेशन म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प है, जिनकी जोखिम लेने की क्षमता कम है, लेकिन वे अपने निवेश पर स्टेबल रिटर्न चाहते हैं. वहीं जो निवेशक अपने पोर्टफोलियो में अलग अलग प्रमुख एसेट क्लास में डाइवर्सिफिकेशन चाहते हैं, उनके लिए भी यह विकल्प बेहतर है. यह सिर्फ एक तरह के एसेट क्लास में निवेश के साथ आने वाले रिस्क को कम कर देता है.
(Disclaimer : हमने यहां म्यूचुअल फंड की नई स्कीम के बारे में जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. बाजार में रिस्क होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपट की सलाह लें.)