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NFO Review : UTI म्यूचुअल फंड ने एक साथ दो नए इंडेक्स फंड लॉन्च किए हैं . (Image : Pixabay)
NFO Review : UTI Mutual Fund launches two index funds : यूटीआई म्यूचुअल फंड ने दो नए इंडेक्स फंड लॉन्च किए हैं - यूटीआई निफ्टी अल्फा लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स फंड (UTI Nifty Alpha Low-Volatility 30 Index Fund) और यूटीआई निफ्टी मिडैकप 150 इंडेक्स फंड (UTI Nifty Midcap 150 Index Fund). इन दोनों फंडों के न्यू फंड ऑफर (NFO) में सब्सक्रिप्शन सोमवार 11 नवंबर से खुल गया है और 25 नवंबर तक खुला रहेगा. इंडेक्स फंड होने की वजह से ये दोनों एनएफओ निवेशकों को कम खर्च में डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो में निवेश का मौका देते हैं. साथ ही पैसिव स्कीम होने के कारण इनमें निवेश को ट्रैक करना आसान होता है और स्टॉक्स का सेलेक्शन काफी ट्रांसपैरेंट रहता है. लेकिन इन खूबियों के बावजूद क्या ये दोनों इंडेक्स फंड NFO आम निवेशकों के लिए निवेश का सही विकल्प हैं? इस सवाल का जवाब जानने के लिए इन दोनों NFO के बारे में जरूरी जानकारी लेनी होगी.
UTI Nifty अल्फा लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स फंड
UTI Nifty अल्फा लो वोलैटिलिटी 30 इंडेक्स फंड एक मल्टीफैक्टर इंडेक्स फंड होगा. यानी यह फंड एक ऐसे इंडेक्स को ट्रैक करेगा, जिसमें स्टॉक्स का सेलेक्शन दो पैरामीटर्स के आधार पर होगा - अल्फा यानी बेहतर मुनाफा देने की क्षमता और लो-वोलैटिलिटी यानी कम अस्थिरता. यह फंड जिस Nifty Alpha Low-Volatility 30 Index को ट्रैक करेगा, उसमें Nifty 100 और Nifty Midcap 50 में से 30 कंपनियों को शामिल किया जाता है. इन कंपनियों का चयन 50% अल्फा स्कोर और 50% लो वोलैटिलिटी स्कोर के आधार पर किया जाता है, जिससे निवेशकों को बेहतर रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न मिलने की संभावना होती है.
NFO की खास बातें
- बेंचमार्क इंडेक्स : Nifty Alpha Low-Volatility 30 TRI
- लॉन्ग टर्म रिटर्न: 2005 से इस इंडेक्स ने 18.6% CAGR की दर से प्राइस रिटर्न और 20.2% की दर से कुल रिटर्न दिया है. कुल रिटर्न में शेयर प्राइस के अलावा डिविडेंड और अन्य इनकम को भी शामिल किया जाता है.
- सेक्टर एक्सपोजर: हेल्थकेयर, ऑटो, FMCG, फाइनेंस, कंस्ट्रक्शन, कैपिटल गुड्स, और ऑयल एंड गैस
- संभावित पोर्टफोलियो एलोकेशन: 95-100% इक्विटी और 0-5% डेट मार्केट
निवेश करें या दूर रहें?
यह फंड उन निवेशकों के लिए है सही विकल्प हो सकता है, जिनकी जोखिम बर्दाश्त करने की क्षमता बहुत अधिक है और जो लंबी अवधि, यानी 6-7 साल तक निवेश करने की तैयारी रखते हैं. हालांकि Nifty Alpha Low-Volatility 30 टोटल रिटर्न इंडेक्स के पिछले रिटर्न काफी आकर्षक दिख रहे हैं, लेकिन फिलहाल इस इंडेक्स का ट्रेलिंग PE 27x पर चल रहा है, जो हाई माना जा सकता है. निवेशकों को ध्यान रखना चाहिए कि मार्केट में उतार-चढ़ाव और अंतरराष्ट्रीय इकनॉमिक फैक्टर्स के चलते इस फंड में अस्थिरता रह सकती है.
UTI Nifty मिडकैप 150 इंडेक्स फंड
UTI Nifty मिडकैप 150 इंडेक्स फंड, Nifty Midcap 150 टोटल रिटर्न इंडेक्स को ट्रैक करेगा, जो पूरे मिडकैप यूनिवर्स को कवर करता है. यह फंड मिडकैप शेयरों में अनुशासित ढंग से निवेश का मौका देता है.
क्या हैं इस इंडेक्स फंड की खास बातें
- बेंचमार्क इंडेक्स : Nifty Midcap 150 TRI
- लॉन्ग टर्म रिटर्न: 2005 से इस इंडेक्स ने 16.8% CAGR के हिसाब से प्राइस रिटर्न और 18.2% के हिसाब से कुल रिटर्न दिया है.
- कोविड-19 के दौरान बाजार में आई गिरावट के स्तर से देखें, तो इस इंडेक्स ने निवेशकों के एसेट्स को चार गुना तक बढ़ा दिया है.
- संभावित पोर्टफोलियो एलोकेशन: 95-100% इक्विटी और 0-5% डेट मार्केट
क्या इसमें करना चाहिए निवेश?
मिडकैप फंड्स में निवेश का रिस्क अधिक होता है. लिहाजा यह फंड उन्हीं निवेशकों के लिए सही हो सकता है, जिनकी रिस्क लेने की क्षमता बहुत अधिक है और जो 7-8 साल की लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं. हालांकि इस NFO के बेंचमार्क Nifty मिडकैप 150 इंडेक्स के पिछले रिटर्न आकर्षक दिखते हैं, लेकिन फिलहाल इस इंडेक्स का ट्रेलिंग PE लगभग 43x पर है, जो काफी ऊंचा है. इस फंड में निवेश का फैसला करने से पहले निवेशकों को समझ लेना चाहिए कि भारत में आमतौर पर मिडकैप शेयरों के वैल्यूएशन ऊंचे स्तर पर हैं और इसमें शॉर्ट टर्म में उतार-चढ़ाव की संभावना भी बनी रहती है.
कैसे करें निवेश का फैसला?
UTI म्यूचुअल फंड के ये दोनों नए फंड ऑफर (NFO) इंडेक्स आधारित डायवर्सिफाइड निवेश का मौका दे रहे हैं. अगर आप हाई रिस्क ले सकते हैं और लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो इन पर विचार कर सकते हैं. लेकिन दोनों फंडों में निवेश के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले इन बातों पर अच्छी तरह सोच-विचार कर लें:
- रिस्क लेवल : दोनों ही NFO में फंड्स का रिस्क लेवल बहुत अधिक (Very High) है, लिहाजा इनमें निवेश पर तभी विचार करें, जब आप काफी अधिक रिस्क लेने की क्षमता रखते हों.
- निवेश की अवधि: दोनों ही NFO में निवेश करने के लिए लिए काफी लंबी अवधि यानी 6 से 8 साल तक के लिए निवेश की तैयारी होना जरूरी है, ताकि इंडेक्स में शॉर्म टर्म में होने वाले उतार-चढ़ाव से बचाव हो सके और लॉन्ग टर्म में मिलने वाले रिटर्न का फायदा उठाया जा सके.
- वैल्यूएशन : मिडकैप और मल्टी-फैक्टर इंडेक्स में वैल्यूएशन फिलहाल ऊंचे स्तर पर हैं. इसलिए निवेशकों को फैसला लेते समय काफी सावधानी से काम लेना चाहिए.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश से जुड़े फैसले अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)