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NPS, APY Big Update: PFRDA के नए प्रस्ताव से एनपीएस और अटल पेंशन योजना में होगा बड़ा बदलाव. (Image : Pixabay)
NPS, APY Big Update : देश भर के करोड़ों निवेशक अपना भविष्य सुरक्षित करने के लिए नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System - NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) पर भरोसा करते हैं. अब पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने इन दोनों योजनाओं में बड़ा बदलाव करने की तैयारी कर रही है. इसका मकसद निवेशकों के रिटायरमेंट कॉर्पस को ज्यादा स्टेबल और पारदर्शी बनाना है. हाल ही में जारी एक कंसल्टेशन पेपर में PFRDA ने ‘डुअल वैल्यूएशन फ्रेमवर्क’ लागू करने का प्रस्ताव रखा है. यह बदलाव पेंशन फंड्स के वैल्यूएशन और रिटर्न कैलकुलेशन को लेकर है, जिससे निवेशकों की नेट एसेट वैल्यू (NAV) पर अचानक आने वाले बाजार उतार-चढ़ाव का असर कम होगा.
क्या है नया ‘डुअल वैल्यूएशन फ्रेमवर्क’?
PFRDA के प्रस्ताव के मुताबिक, अब पेंशन फंड्स में रखी गई सरकारी सिक्योरिटीज की वैल्यू दो तरीकों से की जाएगी — एक्रूअल वैल्यू और फेयर मार्केट वैल्यू. यह मॉडल खास तौर पर लंबे समय तक चलने वाले गवर्नमेंट बॉन्ड्स के लिए लागू होगा. इससे निवेशकों को यह समझने में आसानी होगी कि उनका पैसा असल में कैसे बढ़ रहा है और मार्केट के अस्थाई उतार-चढ़ाव का उस पर कितना असर पड़ रहा है.
इस कदम का मकसद यह दिखाना है कि पेंशन कॉर्पस की ग्रोथ स्टेबल है और निवेशकों को हर दिन बदलने वाले NAV को देखकर कनफ्यूज होने की जरूरत नहीं.
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क्यों जरूरी है बदलाव?
अभी NPS और APY के फंड्स की वैल्यू ‘मार्क टू मार्केट’ यानी बाजार के रोजाना के उतार-चढ़ाव के हिसाब से तय होती है. इससे हर दिन NAV बदलती रहती है और निवेशक को लगता है कि उनका कॉर्पस घट-बढ़ रहा है. जबकि रिटायरमेंट निवेश लंबी अवधि का होता है, जो 20 से 40 साल तक चलता है. ऐसे में रोजाना के बाजार बदलाव से असली परफॉर्मेंस का सही आकलन नहीं हो पाता.
PFRDA का कहना है कि नए फ्रेमवर्क से फंड का असली मूल्य निवेशकों को अधिक स्पष्ट और स्थिर रूप में दिखाई देगा.
निवेशकों को क्या होगा फायदा?
नए नियम से पेंशन निवेशकों को कई फायदे होंगे. सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि ब्याज दरों में शॉर्ट टर्म उतार-चढ़ाव से उनके रिटायरमेंट फंड की वैल्यू प्रभावित नहीं होगी. साथ ही, यह तरीका पेंशन फंड्स को लंबे समय के इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रोडक्टिव एसेट्स में निवेश के लिए प्रोत्साहित करेगा.
इससे न केवल निवेशकों को भरोसेमंद रिटर्न मिलेगा, बल्कि वेल्थ क्रिएशन की प्रॉसेस भी मजबूत होगी.
PFRDA के सामने क्या चुनौतियां हैं?
फिलहाल PFRDA की गाइडलाइन्स के तहत सभी सिक्योरिटीज — चाहे इक्विटी हों या बॉन्ड्स — का मूल्य ‘फेयर वैल्यूएशन’ यानी मार्केट वैल्यू के आधार पर तय होता है. लेकिन लंबी अवधि वाले बॉन्ड्स में यह मॉडल हमेशा सटीक नहीं बैठता क्योंकि वे कम लिक्विड होते हैं और ब्याज दरों में छोटे बदलाव से इनकी वैल्यू बहुत बदल जाती है. यही उतार-चढ़ाव निवेशकों की NAV में अस्थिरता लाता है.
PFRDA का मानना है कि ‘डुअल वैल्यूएशन’ से यह अस्थिरता काफी हद तक कम हो जाएगी.
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कब तक मांगे गए हैं सुझाव?
PFRDA ने अपने इस प्रस्ताव पर सभी हितधारकों (stakeholders) से राय मांगी है. इनमें NPS और अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) के मौजूदा व संभावित निवेशक, पेंशन फंड कंपनियां, वित्तीय विशेषज्ञ और आम जनता शामिल हैं. सुझाव 30 नवंबर 2025 तक भेजे जा सकते हैं. इसके बाद फाइनल गाइडलाइन्स जारी की जाएंगी.
अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो NPS और APY दोनों के सब्सक्राइबर्स के लिए यह एक बड़ा सुधार साबित होगा. इससे उनकी पेंशन वेल्थ का वैल्यूएशन ज्यादा स्टेबल, साफ और भरोसेमंद तरीके से होगा, जिससे रिटायरमेंट प्लानिंग और मजबूत बनेगी.