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NPS Vatsalya: क्या आपको अपने बच्चों के लिए एनपीएस वात्सल्य योजना में निवेश करना चाहिए? (Image : Pixabay)
Should you invest in NPS Vatsalya for children: एनपीएस वात्सल्य (NPS Vatsalya) एक नई पेंशन स्कीम है, जिसे बच्चों के लिए लॉन्च किया गया है. इस योजना के तहत माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के लिए निवेश कर सकते हैं, जो बच्चों के 18 साल की उम्र तक पहुँचने पर एक नियमित NPS खाते में बदल दी जाएगी. लेकिन सवाल यह है कि क्या आपको अपने बच्चों के लिए एनपीएस वात्सल्य (NPS Vatsalya) में निवेश करना चाहिए? इस बारे में कोई भी फैसला करने से पहले इस नई योजना के नफा-नुकसान की जानकारी हासिल करना जरूरी है.
NPS वात्सल्य क्या है?
NPS वात्सल्य एक पेंशन स्कीम है, जिसे बच्चों के भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है. इस स्कीम के तहत, माता-पिता या अभिभावक अपने बच्चे के नाम पर NPS खाता खोल सकते हैं. यह योजना बच्चों के लंबे समय के निवेश की आदत डालने और भविष्य में उनकी पेंशन योजनाओं को सुरक्षित करने का एक तरीका है.
NPS वात्सल्य की प्रमुख विशेषताएं
- कम से कम सालाना योगदान: 1,000 रुपये
- खाता खोलने की पात्रता: 18 साल से कम उम्र के सभी बच्चे
- फंड निकासी के नियम: 18 साल की उम्र के बाद अगर कॉर्पस 2.5 लाख रुपये से कम है तो पूरी राशि निकाली जा सकती है. अगर कॉर्पस 2.5 लाख रुपये से अधिक है तो 20% रकम निकालने के बाद बाकी 80% राशि को एन्युटी के लिए निवेश करना जरूरी है.
NPS वात्सल्य के फायदे
1. लंबी अवधि का निवेश : NPS वात्सल्य एक लंबी अवधि की निवेश योजना है, जो माता-पिता को अपने बच्चों के लिए एक स्थिर भविष्य बनाने का मौका देती है. इससे बच्चे को रिटायरमेंट के समय एक बड़ा कॉर्पस मिल सकता है.
2. कंपाउंडिंग का फायदा : NPS वात्सल्य स्कीम में जितनी जल्दी निवेश किया जाएगा, उतना ही ज्यादा कंपाउंडिंग का फायदा मिलेगा. लंबी अवधि में छोटे निवेश भी बड़े रिटर्न में बदल सकते हैं.
3. कम जोखिम : NPS वात्सल्य एक सरकार द्वारा रेगुलेटेड स्कीम है, जो तुलनात्मक रूप से सुरक्षित मानी जाती है. इसके जरिये अनुशासित तरीके से निवेश करने पर मार्केट के उतार-चढ़ाव से निपटने में मदद मिलती है.
4. ऑटो मोड का ऑप्शन : NPS वात्सल्य योजना में ऑटो मोड की सुविधा दी गई है, जो निवेशकों के उम्र के अनुसार एसेट मिक्स को तय करता है. इस प्रकार, यह उन निवेशकों के लिए भी सही है जो मार्केट के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखते हैं.
NPS वात्सल्य की कमियां
1. लिक्विडिटी की कमी : इस स्कीम में 18 साल तक कोई बड़ी निकासी नहीं की जा सकती, जो इसे अन्य योजनाओं की तुलना में कम लचीला बनाती है. अगर आपको बच्चों की शिक्षा या शादी के लिए पैसे चाहिए, तो NPS वात्सल्य में निवेश मददगार नहीं हो सकता.
2. फिक्स्ड निकासी नियम : 18 साल की उम्र के बाद भी, अगर कॉर्पस 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो केवल 20% रकम ही निकाली जा सकती है और बाकी 80% फंड को एन्युटी में डालना जरूरी है. यह शर्त इसे कम लचीला बनाता है, खासकर ऐसी हालत में जब बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी-ब्याह या अन्य जरूरी कामों पर खर्च करना हो.
क्या हैं दूसरे बेहतर विकल्प
अगर आप अपने बच्चों की शिक्षा, शादी या अन्य छोटे-बड़े खर्चों के लिए बचत करना चाहते हैं, तो NPS वात्सल्य स्कीम सबसे बेहतर विकल्प नहीं हो सकती. इसकी जगह आप सुकन्या समृद्धि योजना या PPF जैसे विकल्प चुन सकते हैं, जो ज्यादा लचीले और उद्देश्य आधारित हैं.
SSY, PPF और म्यूचुअल फंड से तुलना
1. सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) : अगर आपकी बेटी है, तो सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) एक बेहतरीन विकल्प है, जो ऊंचीब्याज दर के साथ आता है और पूरी तरह सुरक्षित है.
2. पब्लिक प्रॉविडेट फंड (PPF) : पब्लिक प्रॉविडेट फंड (PPF) एक सुरक्षित और फ्लेक्सिबल ऑप्शन है, जहां आप अपने बच्चे के भविष्य के लिए आसानी से निवेश कर सकते हैं. इसमें भी लंबी अवधि के लिए अच्छा रिटर्न मिलता है, और जरूरत पड़ने पर आंशिक निकासी की सुविधा होती है.
3. म्यूचुअल फंड्स : अगर आप ज्यादा रिटर्न की तलाश में हैं और थोड़ा जोखिम उठाना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड्स में भी निवेश कर सकते हैं. ये योजनाएं NPS वात्सल्य की तुलना में ज्यादा लचीलापन प्रदान करती हैं.
आपको क्या करना चाहिए?
अगर आपका लक्ष्य बच्चों को निवेश की आदत डालने और लंबे समय तक उनका पैसा सुरक्षित रखने का है, तो एनपीएस वात्सल्य (NPS Vatsalya) एक अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन अगर आप बच्चों की शिक्षा, शादी या उनकी जिंदगी के दूसरे अहम पड़ावों के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो दूसरी योजनाओं पर विचार करना चाहिए, जो इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए ज्यादा सही हैं.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)