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Safe investment : कोई भी भारतीय नागरिक देश के किसी भी पोस्ट ऑफिस में मिनिमम 1,000 रुपये से NSC खाता खोल और सर्टिफिकेट हासिल कर सकता है. Photograph: (File FE)
NSC, National Savings Certificate : नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) एक पॉपुलर फिक्स्ड इनकम रिटर्न का विकल्प है, जहां गारंटीड रिटर्न मिलता है. इस सरकारी स्कीम में 7.7 फीसदी सालाना ब्याज (Interest Rate in NSC) मिल रहा है. कोई भी भारतीय नागरिक देश के किसी भी पोस्ट ऑफिस में मिनिमम 1,000 रुपये से NSC खाता खोल और सर्टिफिकेट हासिल कर सकता है. स्कीम में 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है. इसमें ब्याज सालाना कंपाउंडेड होता है, लेकिन इसका भुगतान मैच्योरिटी पर किया जाता है.
यह खाता सिंगल या ज्वॉइंट अधिकतम 3 लोग या नाबालिग के लिए अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है. नाबालिग खाता धारक को 18 साल की आयु पूरी होने पर नया खाता फॉर्म और फ्रेश KYC जमा करना होगा. समय से पहले निकासी केवल विशेष परिस्थितियों में संभव है, जैसे खाता धारक की मृत्यु, कोर्ट का आदेश या नियमों के अनुसार जमानत फॉरफिट होना. खाते को ट्रांसफर करने की सुविधा भी उपलब्ध है.
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पोस्ट ऑफिस में कैसे खुलेगा खाता
पोस्ट ऑफिस में NSC खाता खोलना काफी आसान है. आप इसे सीधे अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस में जाकर या नेट बैंकिंग के जरिए खोल सकते हैं. अगर आप ऑनलाइन माध्यम से नेट बैंकिंग के जरिए खाता खोलना चाहते हैं, तो इसके लिए पहले आपका पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट होना जरूरी है.
NSC के लिए मिनिमम पैसे
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट खाता खोलने के लिए मिनिमम 1,000 रुपये और इसमें 100 रुपये के मल्टीपल जैसे 100, 500, 1000, 5000 और 10,000 रुपये के वैल्यू में यह सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं. इस सर्टिफिकेट को हासिल करने के लिए अधिकतम राशि की कोई लिमिट नहीं है यानी आप जितनी चाहे उतनी राशि रख सकते हैं. कोई भी भारतीय नागरिक अपने अकाउंट से या नाबालिग के नाम पर NSC खरीद सकता है. इसे पासबुक के रूप में जारी किया जाता है.
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कौन नहीं खरीद सकता है NSC?
नियम के अनुसार, NSC को अनिवासी भारतीय (NRI), हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (HUFs), पब्लिक या प्राइवेट कंपनियों, ट्रस्ट, सोसायटी या अन्य संस्थानों द्वारा नहीं खरीदा जा सकता है. अगर कोई व्यक्ति सर्टिफिकेट खरीदने के बाद NRI बन जाता है, तो वह इसे गैर-प्रत्यावर्तन आधार पर मैच्योरिटी तक होल्ड कर सकता है.
NSC Calculator : 15 लाख निवेश पर
वन टाइम डिपॉजिट : 25 लाख रुपये
ब्याज दर: 7.7% सालाना कंपाउंडेड
टेन्योर: 5 साल
मैच्योरिटी पर अमाउंट : 21,73,551 रुपये
ब्याज का फायदा : 6,73,551 रुपये
समय से पहले निकासी की शर्तें
सिर्फ इन मामलों में खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है:
सिंगल अकाउंट होल्डर की डेथ या ज्वॉइंट अकाउंट के सभी या किसी भी होल्डर की डेथ.
अगर खाता किसी गजेटेड ऑफिसर को जमानत में दिया गया हो और नियम के अनुसार फॉरफिट हो.
अगर किसी कोर्ट का आदेश हो.
अगर खाता जमा होने के एक साल से पहले बंद किया जाए, तो केवल मूलधन ही मिलेगा.
अगर खाता एक साल के बाद लेकिन तीन साल से पहले बंद किया जाए, तो मूलधन पर पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट की दर के अनुसार ब्याज मिलेगा.
अगर खाता तीन साल के बाद बंद किया जाए, तो ब्याज सहित राशि पर एक खास नियम (Para 7-4) लागू होता हैं.
NSC के 5 बड़े फायदे
इस सर्टिफिकेट को कोलैटरल के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. यानी इस पर बैंक या किसी वित्तीय संस्था से लोन ले सकते हैं.
NSC में निवेश पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है.
सरकारी स्कीम होने से इस पर रिटर्न की गारंटी है.
तय और एफडी से बेहतर ब्याज मिल रहा है.
यह रिस्क फ्री इन्वेस्टमेंट विकल्प है.
Tax Rules in NSC : इनकम टैक्स के नियम
NSC में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. हालांकि यह छूट 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है. हालांकि एनएससी के 5 साल पूरे होने पर उसे फिर से निवेश नहीं कर सकते, इसलिए ब्याज से हुई कमाई पर टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगता है. इंटरेस्ट अमाउंट पर TDS नहीं लगता (TDS Rule in NSC) है.
ITR में दिखाएं कमाई
एनएससी में जो निवेश किया जाता है, मूलधन 5 साल बाद ब्याज के साथ जोड़ कर मिलता है. टैक्स रिटर्न भरते समय इस बात का ध्यान रखना होता है कि आईटीआर में हर साल एक्रूड इंटरेस्ट इनकम के तौर पर दिखाना होता है.