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Sectors to Watch : कंजम्पशन पर फोकस से ग्रोथ इंजन को मिलेगा बूस्‍ट, इन सेक्‍टर्स पर रखें नजर, चुनें सही इन्‍वेस्‍टमेंट स्‍ट्रैटेजी

Investors : बजट में सरकार ने टैक्स में बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक सालाना आय टैक्स फ्री कर दी, इससे लोगों की जेब में पैसा आएगा और फायदा टेलिकॉम, कंस्‍ट्रक्‍शन, बैंकिंग एंड फाइनेंशियल, इंश्‍योरेंस और कंजम्पशन सेक्टर को मिलेगा.

Investors : बजट में सरकार ने टैक्स में बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक सालाना आय टैक्स फ्री कर दी, इससे लोगों की जेब में पैसा आएगा और फायदा टेलिकॉम, कंस्‍ट्रक्‍शन, बैंकिंग एंड फाइनेंशियल, इंश्‍योरेंस और कंजम्पशन सेक्टर को मिलेगा.

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Sushil Tripathi
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Consumption Sector, Budget 2025, Tax Relief, Income tax, Equity Market, Fixed Income, Sectors to Watch, Mutual Funds, SIP

Investment Strategy : पिछले कई महीनों में एफआईआई द्वारा भारी बिकवाली के कारण हालिया करेक्शन के बाद लार्ज कैप का वैल्‍युएशन अब अधिक वाजिब हो रहा है. Photograph: (Pixabay)

Investment Strategy : बजट ऐसे समय में पेश किया गया, जब देश की कंजम्पशन स्‍टोरी कमजोर थी, खासकर कुछ मिडिल क्‍लास के बीच. जिसे देखते हुए सरकार का फोकस कंजम्पशन को बढ़ाने पर रहा है. पिछले 3 साल में, कोविड के बाद मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक माहौल के कारण, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिलेटेड सेक्‍टर्स ने अच्छा प्रदर्शन किया है. हालांकि, इस साल, अर्थव्यवस्था को कंजम्पशन-ओरिएंटेड सेक्टर पर नए सिरे से फोकस करने की आवश्यकता थी, जिसे सरकार ने हल किया है. 

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बजट में 12 लाख रुपये तक की सलाना इनकम को टैक्‍स फ्री करने का एलान किया गया, जिससे टैक्‍सपेयर्स की जेब में पैसे बचेंगे और डिमांड को बूस्‍ट मिलेगा. फिलहाल सरकार के उपायों से किस सेक्‍टर को ज्‍यादा फायदा होगा, इक्विटी व फिक्‍स्‍ड इनकम में निवेशकों को क्‍यसा करना चाहिए, इस बारे में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के ईडी एंड सीआईओ, एस नरेन ने विस्‍तार से बताया है. 

इकोनॉमिक साइकिल के मौजूदा फेज के लिए सही बजट

एस नरेन का कहना है कि जबकि कई लोग ब्याज दरों में कटौती की जरूरत  के बारे में बात कर रहे थे, इस समय असल मसला कंजम्पशन में मंदी था. सरकार ने टैक्स में कटौती के माध्यम से आय के निचले स्तर पर मौजूद लोगों के हाथों में पैसा देकर एक अच्छा निर्णय लिया है. यह समय की मांग थी और इस लिहाज से इकोनॉमिक साइकिल के इस फेज के लिए यह सही बजट था. 

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इंफ्रास्ट्रक्चर-ओरिएंटेड सेग्मेंट अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, और ओवरआल मैक्रोइकोनॉमिक माहौल पॉजिटिव बना हुआ है. सरकार द्वारा घोषित 4.4 फीसदी फिस्कल डेफिसिट के लक्ष्य से कुछ गिरावट की आशंका है. हालांकि, 2021 के बाद से हासिल महत्वपूर्ण फिस्कल कंसोलिडेशन को देखते हुए, वर्तमान परिस्थितियों में मामूली गिरावट को स्वीकार किया जा सकता है, क्योंकि यह आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करती है.

बजट का अन्य मुख्य आकर्षण इंश्योरेंस सेक्टर में 100% एफडीआई को औपचारिक बनाना है, जो विदेशी पूंजी को आकर्षित करने के लिए सरकार के कमिटमेंट का संकेत है. साल 2025 तक केवाईसी मानदंडों को सरल बनाने की वित्त मंत्री की घोषणा से कंम्‍लाएंस बर्डेन कम होने और कारोबारी माहौल और मजबूत होने की उम्मीद है. कुल मिलाकर यह बजट एक पॉजिटिव कदम है.

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इक्विटी मार्केट : क्‍या हैं निवेश के विकल्‍प 

जहां तक इक्विटी बाजारों का सवाल है, चुनौतियां बनी हुई हैं, वैल्‍युएशन लगातार ऊंचा बना हुआ है, खासकर मिड और स्मॉल कैप सेगमेंट में. लेकिन, पिछले कई महीनों में एफआईआई द्वारा भारी बिकवाली के कारण हालिया करेक्शन के बाद लार्ज कैप का वैल्‍युएशन अब अधिक वाजिब हो रहा है. इस प्‍वॉइंट पर, हम लंबी अवधि के निवेशकों के लिए लार्ज-कैप ओरिएंटेड या डायनमिक रूप से मैनेज्‍ड  / एसेट एलोकेशन  / मल्टी एसेट फंड में सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान  (एसआईपी) या सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (एसटीपी) के माध्यम से निवेश करने की सलाह है.

मल्टी-एसेट फंड की बात करें तो ये डेट, कमोडिटी और आरईआईटी (REITs - रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) और इनविट (InvITs - इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) जैसे कम सराहना वाले एरिया में निवेश आकर्षित करने में विशेष रूप से सफल रहे हैं. ऐसी स्‍ट्रैटजी इकोनॉमिक साइकिल में अवसरों का लाभ उठाते हुए जोखिम को कम करने में मदद करती हैं.

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फिक्‍स्‍ड इनकम : क्‍या हैं निवेश के विकल्‍प 

फिक्‍स्‍ड इनकम के मोर्चे पर, उम्मीद यह है कि आरबीआई ब्याज दरों में कटौती करेगा और संभावित रूप से एक और सीआरआर कटौती के माध्यम से लिक्विडिटी बढ़ाएगा. यह देखते हुए कि अधिकांश फिस्कल संबंधी चिंताओं को अब हल कर दिया गया है और बॉरोइंग प्रोग्राम अपेक्षा से अधिक बड़ा है, हमारा मानना है कि यील्ड कर्व का शॉर्ट एंड विशेष रूप से आकर्षक है.

एसेट एलोकेशन और फ्लेक्सीबल इन्‍वेस्‍टमेंट स्‍ट्रैटेजी

भारत के स्‍ट्रक्‍चरल रिफॉर्म अगले कई दशकों के लिए एक बेहतर इकोनॉमिक ग्रोथ का रास्ता पेश करते हैं. बजट पिछले कई सालों में सरकार द्वारा किए गए रिफॉर्म की प्रगति पर आधारित है. भारत के इकोनॉमिक फंडामेंटल मजबूत बने हुए हैं और स्‍ट्रक्‍चरल ग्रोथ की कहानी आत्मविश्वास को बढ़ा रही है. हालांकि, आगे बढ़ने के लिए धैर्य, लॉन्‍ग टर्म का नजरिया और वैल्‍युएशन के सिद्धांतों का पालन करना जरूरी है, जिसमें एसेट एलोकेशन और फ्लेक्सीबल इन्‍वेस्‍टमेंट स्‍ट्रैटेजी निवेश रणनीतियों में निवेश शामिल है.

निवेश के लिए टॉप सेक्टर

बजट में केंद्र सरकार ने टैक्‍स पेयर्स को इनकम टैक्स में बड़ी राहत देते हुए 12 लाख रुपये तक सालाना आय टैक्स फ्री कर दी है, इससे लोगें की जेब में पैसा आएगा और इसका सीधा फायदा टेलिकॉम, कंस्‍ट्रक्‍शन सेक्टर, बैंकिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज, इंश्‍योरेंस और कंजम्पशन सेक्टर को मिलेगा.

(Disclaimer : यहां पर जानकारी एक्सपर्ट के द्वारा दी गई है और यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने लेवल पर एक्सपर्ट या एडवाइजर से सलाह लें.)

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