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आपकी सहूलियत के लिए यहां पोस्ट ऑफिस के टॉप 5 स्मॉल सेविंग स्कीम की विभिन्न खासियतो, मैच्योरिटी पीरियड और ब्याज के रूप में दी मिलने वाली रिटर्न जैसे तमाम के बारे में डिटेल दी गई है.
Post Office Savings Schemes: सरकार हर तीन महीने में स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों में बदलाव करती है. जिसमें पोस्ट ऑफिस की योजनाएं भी शामिल हैं. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के लिए इन स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इन निवेश विकल्प की दरों में वृद्धि न होने के बावजूद पोस्ट ऑफिस की ये योजनाएं अभी भी ज्यादातर बैंक एफडी की तुलना में, खासकर सरकारी बैंकों द्वारा दी जाने वाली एफडी की तुलना में बेहतर रिटर्न दे रही हैं.
पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स निवेशकों को 8.2% तक की ब्याज दरों के साथ कई विकल्प देती हैं. इनमें से ज्यादातर योजनाएं इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स बेनिफिट भी देती हैं. ऐसे में निवेशकों को नसीहत है कि निवेश का फैसला लेने से पहले इन स्मॉल सेविंग स्कीम के टैक्स बेनिफिट का सावधानीपूर्वक आकलन कर लेना चाहिए. आपकी सहूलियत के लिए यहां पोस्ट ऑफिस के टॉप 5 स्मॉल सेविंग स्कीम की विभिन्न खासियतो, मैच्योरिटी पीरियड और ब्याज के रूप में दी मिलने वाली रिटर्न जैसे तमाम के बारे में डिटेल दी गई है.
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम अकाउंट (MIS)
पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (Post Office Monthly Income Scheme) रिटायरमेंट के बाद निवेश के लिए एक बेहतर विकल्प है. इसमें सिंगल अकाउंट के साथ ही स्पाउस के साथ मिलकर ज्वॉइंट अकाउंट खोलने की भी सुविधा है.
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम निवेशकों को नियमित कमाई करने का अवसर देती है. पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (POMIS) में सिंगल अकाउंट के जरिए मैक्सिमम 9 लाख रुपये और ज्वॉइंट अकाउंट के जरिए मैक्सिमम 15 लाख रुपये जमा किया जा सकता है. अकाउंट खोलने के लिए कम से कम 1000 रुपये निवेश जरूरी है, जिसके बाद 1000 रुपये के मल्टीपल में जमा हो सकता है. ब्याज के रूप में हुई कमाई पर टैक्स लागू है और इस स्कीम पर भी इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स में छूट का लाभ नहीं मिलता है.
ब्याज दर: इस स्कीम (Small Savings Schemes) पर 7.4 फीसदी सालाना ब्याज दर है. इसमें जमा पैसों पर जो भी सालाना ब्याज होता है, उसे 12 हिस्से में बांट दिया जाता है, और वह हर महीने आपके अकाउंट में आएगा. अगर आप मंथली पैसा न निकालें तो वह आपके पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में रहेगी और मूलधन के साथ इस धन को भी जोड़कर आपको आगे ब्याज मिलेगा. इस स्कीम की मैच्योरिटी 5 साल है, लेकिन 5 साल बाद नए ब्याज दर के हिसाब से इसे आगे बढ़ा सकते हैं.
अन्य जरूरी बातें
जमा की तारीख से 1 साल खत्म होने से पहले कोई जमा राशि नहीं निकाला जा सकता है.
अगर खाता खोलने की तारीख से 1 साल के बाद और 3 साल से पहले स्कीम बंद करते हैं, तो मूलधन से 2 फीसदी के बराबर कटौती की जाएगी और शेष राशि का भुगतान कर दिया जाएगा.
अगर खाता खोलने की तारीख से 3 साल के बाद और 5 साल से पहले स्कीम बंद करते हैं तो मूलधन से 1 फीसदी के बराबर कटौती की जाएगी और शेष राशि का भुगतान किया जाएगा.
संबंधित डाकघर में पासबुक के साथ निर्धारित आवेदन पत्र जमा करके खाता समय से पहले बंद किया जा सकता है.
किसान विकास पत्र
किसान विकास पत्र भारतीय सरकार द्वारा जारी एक बचत प्रमाणपत्र है. यह योजना तय ब्याज दर और गारंटीड रिटर्न देती है. इसमें कोई टैक्स डिडक्शन का लाभ उपलब्ध नहीं है.
ब्याज दर: सालाना 7.5 प्रतिशत की दर से इस योजना में रिटर्न मिलता है. इस लिहाज से यहां आपको निवेश 9 साल 7 महीनों यानी 115 महीनों में डबल हो जाएगा. पिछले साल अप्रैल 2023 में इसकी ब्याज दरों को 7.2 फीसदी से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत किया गया था.
इस स्कीम में कम से कम निवेश 1000 रुपये से किया जा सकता है. KVP में 1000 रुपये, 5000 रुपये, 10,000 रुपये और 50,000 रुपये तक के सर्टिफिकेट हैं, जो पोस्ट ऑफिस से खरीदे जा सकते हैं. वहीं, अधिकतम निवेश की कोई लिमिट नहीं है. खासतौर से ये स्कीम किसानों के लिए है, हालांकि इसमें कोई भी निवेश कर सकता है. लेकिन इस स्कीम पर टैक्स में छूट का लाभ नहीं मिलता है.
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महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र
महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट भारतीय महिलाओं में बचत की आदत को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है. इस स्कीम में कोई भी महिला निवेश कर सकती है यानी कोई भी महिला महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम के अंतर्गत अकाउंट ओपन करवा सकती है. अगर लड़की की उम्र 18 साल से कम है तो वह अपने माता-पिता या अभिभावक की देख रेख में अकाउंट ओपन करवा सकती है. यह स्कीम कोई टैक्स में छूट का लाभ नहीं देती है. ब्याज के रूप में हुई कमाई पर टैक्स नियम लागू है यानी इस पर मिले ब्याज के लिए टैक्स देना होगा.
ब्याज दर: महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम में जमा राशि पर 7.50 फीसदी का ब्याज दर तिमाही कंपाउंडिंग के आधार पर मिलता है. MSSC खाते में जमा किया जाएगा और खाता बंद करते समय भुगतान किया जाएगा. नियमों के उल्लंघन में खोला गया खाता या जमा राशि डाकघर बचत खाता ब्याज दर पर ब्याज अर्जित करने के लिए पात्र होगा. इसमें महिलाएं 2 लाख रुपये तक निवेश कर सकती हैं. इस स्कीम
योजना का मैच्योरिटी पीरियड 2 साल का है. इस योजना में समय से पहले निकासी की सुविधा भी दी जाती है. एक साल की अवधि के बाद खाता धारक अपने अकाउंट से कुल जमा का 40 प्रतिशत पैसा निकाल सकता है. यदि खाता धारक की मृत्यु हो जाए तो ऐसे मामले में नॉमिनी को पूरी जमा पूंजी निकालने का अधिकार होगा.
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राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC)
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) गारंटीड रिटर्न वाली सरकारी स्कीम है. यह फिक्स्ड इनकम निवेश का विकल्प है, जो ऐसे निवेशकों को आकर्षित करती है जो बाजार का बिल्कुल भी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.
ब्याज दर: पोस्ट ऑफिस के मुताबिक 5 साल की नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम पर 7.7 फीसदी का सालाना कंपाउंडिंग ब्याज मिल रहा है. इस स्कीम में ब्याज सालाना कंपाउंडेड होता है और मैच्योरिटी पर पेयबल होता है. 5 साल बाद मैच्योरिटी पर आप इस स्कीम को रिन्यू नहीं कर सकते हैं.
मुख्य विशेषताएं
कोई भी शख्स सिंगल अकाउंट खोल सकता है जबकि ज्वाइंट अकाउंट के मामले में तीन लोगों द्वारा इस अकाउंट को खोला जा सकता है. नाबालिग की ओर से अभिभावक या अस्वस्थ व्यक्ति की ओर से कोई व्यक्ति भी एनएससी खाता चला सकता है. 5 साल की यह सरकारी स्कीम देशभर में पोस्ट ऑफिस में शुरू की जा सकती है, जिसमें न्यूनतम 1000 रुपये से अकाउंट खोला जा सकता है. NSC में 100, 500, 1000, 5000, 10,000 या इससे ज्यादा के सर्टिफिकेट मिलते हैं. इसमें निवेश करने की कोई सीमा नहीं है. यानी आप कितने भी सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं.
NSC की खरीद पर कोई लिमिट नहीं है, एक व्यक्ति कितनी भी NSC खरीद सकता है और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. हालांकि यह छूट 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है. पहले 4 साल तक एनएससी से मिले ब्याज को फिर से निवेश कर दिया जाता है, इसलिए टैक्स में छूट दी जाती है.
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SCSS)
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम केंद्र सरकार द्वारा समर्थित है. भारत में रहने वाले 60 साल की उम्र पार कर चुके नागरिक यानी सीनियर सिटिजन इस योजना में अकाउंट खोल सकते हैं और एकमुश्त राशि का निवेश कर सकते हैं. 55-60 साल के उम्र वर्ग के ऐसे रिटायर्ड कर्मचारी, जिन्होंने वॉलंटियरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) को चुना हो वह भी इसमें निवेश कर सकते हैं. सीनियर सिटिजन सिंगल अकाउंट या वाइफ के साथ एक ज्वॉइंट अकाउंट खोल सकते हैं. व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त रूप से खाता खोल सकते हैं और टैक्स में डिडक्शन क्लेम जैसे बेनिफिट के साथ नियमित इनकम हासिल कर सकते हैं.
ब्याज दर: सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में निवेश रकम पर फिलहाल सालाना आधार पर 8.2 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. यह दर 1 जनवरी 2024 से लागू है. इसमें ब्याज की रकम का भुगतान तिमाही बेसिस पर किया जाता है
पोस्ट ऑफिस की वेबसाइट के मुताबिक SCSS अकाउंट में कम से कम 1,000 रुपये और अधिकतम 30 लाख रुपये रख सकते हैं. सिंगल अकाउंट या वाइफ के साथ मिलकर ज्वॉइंट अकाउंट में अधिकतम 30 लाख और 2 अलग-अलग अकाउंट में अधिकतम 60 लाख रुपये जमा हो सकते हैं. इस अकाउंट को आप 5 साल की मैच्योरिटी के बाद 3 साल के लिए और बढ़ा सकते हैं.