/financial-express-hindi/media/media_files/2025/04/04/Dy51WXSk0F8AvcYJOCWp.jpg)
Post Office Schemes vs Bank FD : कौन है ज्यादा कमाई वाला और सुरक्षित विकल्प? (Image : Freepik)
Bank FD vs Post Office Schemes : जब भी भारत में आम निवेशक सुरक्षित और भरोसेमंद निवेश की तलाश करते हैं, तो दो नाम सबसे पहले दिमाग में आते हैं — पोस्ट ऑफिस स्कीम और बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD). दोनों ही निवेश विकल्प काफी सुरक्षित और फिक्स्ड रिटर्न देने वाले माने जाते हैं. फिर भी इनकी ब्याज दरों, फ्लेक्सिबिलिटी और पैसे जमा करने या निकालने से जुड़ी सुविधाओं में कुछ अंतर भी होता है. आइए देखते हैं कि मौजूदा समय में इन दोनों में से कौन सा ऑप्शन निवेशकों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है.
पोस्ट ऑफिस स्कीम : सरकारी सुरक्षा के साथ फिक्स रिटर्न
पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम्स (Post Office Schemes) में जमा पैसों और रिटर्न पर सीधे तौर पर भारत सरकार की गारंटी होती है. यानी निवेश की गई रकम और ब्याज पर कोई रिस्क नहीं होता. अक्टूबर–दिसंबर 2025 तिमाही के लिए पोस्ट ऑफिस की स्कीमों पर ब्याज दरें इस प्रकार हैं :
1 साल का टाइम डिपॉजिट (TD): 6.9%
3 साल का TD: 7.1%
5 साल का TD: 7.5%
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC): 7.7%
किसान विकास पत्र (KVP): 7.5% (115 महीने में मैच्योर)
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS): 8.2%
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY): 8.2%
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): 7.1%
मंथली इनकम अकाउंट स्कीम (MIS): 7.4%
सरकार इन ब्याज दरों की समीक्षा हर तिमाही में करती है. खास बात यह है कि पिछले 6 तिमाही से इन स्कीमों की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जिससे निवेशकों को स्टेबल रिटर्न का भरोसा मिलता है. यह छोटे निवेशकों और रिटायरमेंट के लिए पैसे जुटाने वालों के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प है.
Also read : स्मॉल कैप फंड कैटेगरी ने 5 साल में करीब 28% दिया औसत रिटर्न, टॉप 7 स्कीम में 30% से ज्यादा हुई कमाई
बैंक FD : सुविधा और फ्लेक्सिबिलिटी
बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट (Bank FD) आज भी सबसे आसान और पॉपुलर इनवेस्टमेंट ऑप्शन हैं. अक्टूबर 2025 में बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंकों की FD दरें सामान्य ग्राहकों के लिए 6.7% से 7.0% और सीनियर सिटीजन्स के लिए इससे थोड़ी ज्यादा हैं. हालांकि स्मॉल फाइनेंस बैंकों की FD ब्याज दरें 8% के आसपास हैं. बैंकों के FDs पर डिपॉजट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) की गारंटी होती है, जिसके तहत हर डिपॉजिटर को 5 लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर इंश्योरेंस गारंटी मिलती है.
Also read : कम ब्याज दरों के दौर में कहां लगाएं पैसे? म्यूचुअल फंड में निवेश के क्या हैं स्मार्ट ऑप्शन
रिटर्न और सुरक्षा की तुलना
अगर रिटर्न की बात करें, तो पोस्ट ऑफिस की कुछ स्कीम जैसे NSC और SCSS कई बड़े बैंकों की FD से ज्यादा ब्याज देती हैं. हालांकि स्मॉल फाइनेंस बैंकों की FD दरें इसके बराबर ही हैं, लेकिन सेफ्टी के मामले में पोस्ट ऑफिस उनसे काफी बेहतर हैं. पोस्ट ऑफिस की योजनाएं सरकारी गारंटी के साथ आती हैं, जबकि बैंक FD में केवल 5 लाख रुपये तक की ही बीमा सुरक्षा होती है.
लिक्विडिटी (Liquidity) के मामले में बैंक FD ज्यादा सुविधाजनक है. आप चाहें तो ऑनलाइन FD खोल सकते हैं, बंद कर सकते हैं या ऑटो-रिन्यू करा सकते हैं. जबकि पोस्ट ऑफिस में यह काम आमतौर पर ऑफलाइन ही होता है.
टैक्स बेनिफिट (Tax Benefit) के लिहाज से देखें, तो बैंक के 5 साल के टैक्स सेविंग एफडी पर सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. जबकि पोस्ट ऑफिस में यह फायदा 5 साल की TD, NSC, PPF और SCSS समेत कई स्कीम्स पर मिलता है.
Also read : Investment Strategy : दिवाली के बाद नए संवत में कर रहे हैं इनवेस्टमेंट की शुरुआत? कैसे बनाएं निवेश की रणनीति
किसके लिए कौन सा विकल्प बेहतर
अगर आपकी प्राथमिकता पूरी तरह सुरक्षित निवेश है, तो पोस्ट ऑफिस स्कीम आपके लिए बेहतर रहेंगी. ये सरकारी गारंटी के साथ आती हैं और लंबी अवधि में बिना किसी रिस्क के अच्छा रिटर्न देती हैं. खासकर सीनियर सिटिजन्स या जोखिम से बचने वाले लोगों के लिए ये अच्छा ऑप्शन हैं.
दूसरी ओर, अगर आप चाहते हैं कि जरूरत पड़ने पर आप अपने पैसे जल्दी से निकाल सकें, ऑनलाइन इनवेस्टमेंट करने और पैसे निकालने की सुविधा मिले तो बैंक FD बेहतर हो सकते हैं.
बैलेंस्ड पोर्टफोलियो बनाएं
कुल मिलाकर पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स ब्याज दरों और सरकारी सुरक्षा के कारण थोड़ी बेहतर स्थिति में हैं. वहीं, बैंक FD अपनी फ्लेक्सिबिलिटी और डिजिटल सुविधा के चलते व्यावहारिक ऑप्शन बने हुए हैं. अगर आप अपने निवेश को दोनों में बांटकर रखें, यानी लंबी अवधि के लिए पोस्ट ऑफिस स्कीम में सुरक्षित बचत करें और शॉर्ट टर्म जरूरतों के लिए बैंक FD का इस्तेमाल करें, तो दोनों उद्देश्य पूरे कर सकते हैं.