scorecardresearch

ब्याज दरों में और कटौती की बनी हुई है गुंजाइश, RBI गवर्नर ने MPC की पिछली मीटिंग में कही ये बात, कार्यवाही में और क्या हैं संकेत

RBI MPC Minutes : आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा का मानना है कि ब्याज दरों में अभी और कटौती की गुंजाइश मौजूद है. उन्होंने यह बात मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की पिछली बैठक में कही थी, जिसकी जानकारी बुधवार को जारी कार्यवाही से मिली है.

RBI MPC Minutes : आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा का मानना है कि ब्याज दरों में अभी और कटौती की गुंजाइश मौजूद है. उन्होंने यह बात मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की पिछली बैठक में कही थी, जिसकी जानकारी बुधवार को जारी कार्यवाही से मिली है.

author-image
Viplav Rahi
New Update
RBI MPC minutes, RBI rate cut possibility, RBI Governor Sanjay Malhotra statement, monetary policy meeting, repo rate unchanged, RBI news, ब्याज दरों में कटौती, आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा, एमपीसी मीटिंग, आरबीआई रेपो रेट, मौद्रिक नीति बैठक

RBI MPC Minutes : आरबीआई गवर्नर के मुताबिक ब्याज दरों में और कटौती की गुंजाइश बनी हुई है. (File Photo : PTI)

RBI Governor Sanjay Malhotra on Rate Cut Possibility : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर संजय मल्होत्रा का मानना है कि ब्याज दरों में अभी और कटौती की गुंजाइश मौजूद है. उन्होंने यह राय RBI की पिछली मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक के दौरान जाहिर की थी, जिसकी जानकारी बुधवार को जारी बैठक की कार्यवाही से मिली है. हालांकि आरबीआई गवर्नर ने बैठक में ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बताने के साथ ही साथ यह भी साफ किया था कि फिलहाल ऐसा करने का सही समय नहीं आया है. उनका मानना था कि अभी और ब्याज कटौती करने पर उसका वो असर नहीं दिखेगा, जो दिखना चाहिए.  एमपीसी की पिछली बैठक 1 अक्टूबर 2025 को खत्म हुई थी, जिसमें नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट को 5.50% पर बनाए रखने का फैसला किया गया था.

सही समय पर हो सकती है कटौती : RBI गवर्नर

 बुधवार को जारी मिनट्स के मुताबिक मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (RBI MPC) की बैठक में गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा, “नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश बनी हुई है, लेकिन यह सही समय नहीं है. अभी अगर कटौती की जाए तो इसका वह असर नहीं दिखेगा, जिसकी हमें अपेक्षा है.”
उन्होंने आगे कहा कि महंगाई दर में नरमी और ग्रोथ के बेहतर संकेतों ने पॉलिसी मेकर्स को कुछ अतिरिक्त स्पेस दिया है ताकि अर्थव्यवस्था को आगे और सपोर्ट किया जा सके.
मल्होत्रा ने यह भी कहा, “मैं फिलहाल रेपो रेट को 5.50% पर बनाए रखने के पक्ष में हूं, लेकिन पॉलिसी का मकसद विकास को समर्थन देने वाली स्थिति बनाए रखना है.”

Advertisment

Also read : Mutual Fund Data: म्यूचुअल फंड्स ने सितंबर में फार्मा, ई-कॉमर्स और प्राइवेट बैंकों में बढ़ाई हिस्सेदारी, इन सेक्टर्स से निकाले पैसे

महंगाई में राहत, ग्रोथ बनी मजबूत 

आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर जुलाई 2025 में आठ साल के निचले स्तर 1.6% पर आ गई थी, जो अगस्त में बढ़कर 2.1% हुई. खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट और ईंधन समूह में सीमित वृद्धि ने समग्र महंगाई पर नियंत्रण रखने में मदद की. वहीं, कोर इन्फ्लेशन (खाद्य और ईंधन को छोड़कर) भी अगस्त में 4.2% पर सीमित रहा.

आरबीआईने मौजूदा वित्त वर्ष (2025-26) के लिए औसत महंगाई के अनुमान को घटाकर 2.6% कर दिया है, जो पहले 3.1% था. इस गिरावट के साथ आरबीआई के पास ब्याज दरों में कटौती का ‘पॉलिसी स्पेस’ बना है. यानी, अगर जरूरत पड़ी तो ब्याज दरों को घटाकर ग्रोथ को और बढ़ावा दिया जा सकता है.

Also read : HDFC म्यूचुअल फंड की टॉप 5 स्कीम ने 5 साल में 35% तक दिया सालाना रिटर्न, 1 लाख लंपसम से बना 4.5 लाख का फंड

फिलहाल ‘पॉज’ फैसला सही

एमपीसी की बैठक में सभी छह सदस्यों ने रेपो रेट को ‘पॉज’ करने यानी जस का तस रखने के पक्ष में वोट किया. हालांकि कुछ सदस्यों का मानना था कि अब नीति रुख (stance) को न्यूट्रल (neutral) से बदलकर एकोमोडेटिव (accommodative) किया जा सकता है ताकि भविष्य में रेट कटौती के लिए रास्ता खुला रहे.

मीटिंग में आरबीआई की डिप्टी गवर्नर डॉ. पूनम गुप्ता ने भी कहा, “महंगाई और ग्रोथ के मौजूदा संतुलन ने ब्याज दरों में और कमी की संभावनाएं पैदा की हैं.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि मौजूदा परिस्थितियां दरों को घटाने के लिए अवसर प्रदान कर सकती हैं, लेकिन इसे सोच-समझकर लागू करना चाहिए.

प्रोफेसर राम सिंह ने भी अपने बयान में कहा, “महंगाई दर बहुत नीचे है… इसलिए ब्याज दरों में थोड़ी और कटौती से ग्रोथ को अतिरिक्त सपोर्ट मिल सकता है.” हालांकि उन्होंने भी फिलहाल ‘रुकने’ के फैसले को सही ठहराया.

Also read : SBI, Tata, UTI समेत कई फंड हाउस ने सिल्वर ETF FoF में बंद किया नया निवेश, क्या है वजह, किन पर होगा असर

भारत में ग्रोथ की मजबूत रफ्तार

एमपीसी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ दर (GDP Growth Rate) 2025-26 की पहली तिमाही में 7.8% रही, जो उम्मीद से बेहतर है. मजबूत पर्सनल कंजम्प्शन और निवेश ने ग्रोथ को सहारा दिया.
आरबीआई ने पूरे वित्त वर्ष 2025-26 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6.8% रखा है. ग्रामीण मांग, अच्छी मानसून स्थिति और सेवाओं के क्षेत्र में मजबूती से आने वाले महीनों में अर्थव्यवस्था को सहारा मिलने की उम्मीद है.

Also read : Gold Rate Today : सोना 1000 रुपये बढ़कर 1.31 लाख पर पहुंचा, ग्लोबल मार्केट में 4,200 डॉलर हुआ भाव, क्या है आगे का रुझान

एमपीसी की अगली बैठक दिसंबर में

आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की अगली बैठक 3 से 5 दिसंबर 2025 के बीच होगी. उस बैठक में अगर महंगाई नियंत्रण में बनी रहती है और अंतरराष्ट्रीय हालात स्टेबल रहते हैं, तो दरों में कटौती की संभावना और मजबूत हो सकती है.

बनी हुई है राहत की उम्मीद

कुल मिलाकर आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी ने इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव भले ही न किया हो, लेकिन मीटिंग की कार्यवाही का संकेत यही है कि भविष्य में और कटौती की संभावना बनी हुई है.  

Repo Rate Cut Interest Rate RBI MPC Rbi Monetary Policy Rbi RBI Governor