/financial-express-hindi/media/media_files/2025/10/14/silver-etf-fof-new-investment-halted-ai-2025-10-14-18-39-18.jpg)
Tata, SBI और Kotak समेत कई फंड हाउस ने सिल्वर ETF FoF में नए निवेश पर क्यों लगाई रोक? (AI Generated Image)
Silver ETF Investment Suspension : सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड (Silver ETF FoF) में नया निवेश अस्थायी रूप से रोकने का एलान करने वाले फंड हाउस की लिस्ट में मंगलवार को टाटा म्यूचुअल फंड भी शामिल हो गया. एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund), UTI म्यूचुअल फंड, कोटक म्यूचुअल फंड और एक्सिस म्यूचुअल फंड समेत देश के कई प्रमुख फंड हाउस पिछले कुछ दिनों के दौरान ऐसा ही कर चुके हैं.
इस फैसले ने निवेशकों के बीच कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि आखिर अचानक ऐसा क्यों हुआ और इसका उनके निवेश पर क्या असर पड़ेगा. वहीं, फंड हाउस की तरफ से आए बयानों में कहा गया है कि घरेलू बाजार में सिल्वर की भारी कमी और अंतरराष्ट्रीय दामों के मुकाबले बढ़े हुए प्रीमियम के चलते यह कदम उठाना जरूरी था.
नये निवेश पर अस्थायी रोक
टाटा म्यूचुअल फंड ने अपने सिल्वर ETF फंड ऑफ फंड में नए निवेश को 14 अक्टूबर 2025 से रोकने का ऐलान किया है. कंपनी ने कहा कि फिलहाल घरेलू बाजार में फिजिकल सिल्वर की कमी और दामों में तेज उछाल देखा जा रहा है. भारतीय बाजार में सिल्वर इस समय अंतरराष्ट्रीय बाजार की तुलना में 5 से 12 प्रतिशत प्रीमियम पर ट्रेड कर रही है. यानी यहां कीमतें ग्लोबल रेट से कहीं ज्यादा हैं.
त्योहारी मांग, चांदी के सिक्कों और आभूषणों की खरीद, साथ ही सोलर और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे इंडस्ट्री सेक्टरों से बढ़ती औद्योगिक मांग ने सप्लाई पर भारी दबाव बना दिया है. वहीं, सीमित इंपोर्ट और घटती उपलब्धता ने स्थिति को और मुश्किल बना दिया है.
क्यों रोका गया नया निवेश
टाटा म्यूचुअल फंड (Tata Mutual Fund) ने अपने बयान में कहा, “बाजार की मौजूदा परिस्थितियों और घरेलू बाजार में फिजिकल सिल्वर की कमी के चलते सिल्वर अंतरराष्ट्रीय कीमतों की तुलना में प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है. यह प्रीमियम स्कीम की वैल्यूएशन को सीधे प्रभावित करता है.”
फंड हाउसों का कहना है कि सिल्वर ETF की वैल्यूएशन सीधे तौर पर फिजिकल सिल्वर की कीमतों से जुड़ी होती है. जब घरेलू कीमतें ग्लोबल दामों से बहुत ऊपर चली जाती हैं, तो नए निवेशकों के लिए फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) का सही आकलन करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में नए निवेशक ऊंची वैल्यूएशन पर निवेश कर बैठते हैं और बाद में मार्केट नॉर्मल होने पर उन्हें नुकसान हो सकता है.
Also read : बरसों से बंद बैंक खाते में पड़े हैं पैसे? UDGAM पोर्टल से करें चेक, ये है स्टेप-बाय-स्टेप तरीका
रोक सिर्फ नए निवेश पर लागू
यह अस्थायी रोक केवल नए निवेशों पर लागू होगी. मौजूदा निवेशक प्रभावित नहीं होंगे. उनके पहले से चल रहे SIP और STP चलते रहेंगे. रिडेम्प्शन, स्विच-आउट और सिस्टमैटिक विदड्रॉल प्लान (SWP) भी सामान्य रूप से प्रोसेस किए जाएंगे. जिन निवेशकों ने 13 अक्टूबर 2025 को दोपहर 3 बजे तक अपने ट्रांजेक्शन सबमिट कर दिए थे, उन्हें पुरानी शर्तों के तहत प्रोसेस किया जाएगा.
इंडस्ट्री में बढ़ता रुझान
सिर्फ टाटा ही नहीं, SBI म्यूचुअल फंड, UTI म्यूचुअल फंड, कोटक म्यूचुअल फंड और Axis म्यूचुअल फंड ने भी हाल ही में इसी तरह अपने सिल्वर ETF फंड ऑफ फंड में नया निवेश अस्थायी रूप से रोक दिया है. ये कदम म्यूचुअल फंड हाउस के सावधानी भरे रुख को दर्शाता है. फिजिकल सिल्वर की कमी और बढ़ती मांग के कारण फंड्स के लिए NAV और अंडरलाइंग मेटल की वास्तविक कीमत के बीच संतुलन बनाए रखना कठिन हो गया है.
अधिकांश सिल्वर ETF फिलहाल अपनी इंडिकेटिव नेट एसेट वैल्यू (iNAV) से 5-10 प्रतिशत प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं. इसका मतलब है कि निवेशक अभी फिजिकल सिल्वर की वास्तविक कीमत से ज्यादा भुगतान कर रहे हैं. फंड हाउस चाहते हैं कि यह असंतुलन खत्म हो जाए, तभी वे नए निवेश के लिए स्कीम को दोबारा खोलेंगे.
Also read : Adani-Google Partnership: गूगल और अडानी मिलकर खोलेंगे देश का सबसे बड़ा AI डेटा सेंटर, पीएम मोदी ने जताई खुशी
निवेशकों पर क्या होगा असर
अगर आप पहले से किसी सिल्वर ETF FoF में निवेश कर चुके हैं, तो घबराने की जरूरत नहीं है. आपकी मौजूदा SIP या STP सामान्य रूप से चलती रहेगी. रिडेम्प्शन या स्विच आउट पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा. हालांकि जो नए निवेशक सिल्वर में एक्सपोजर लेना चाहते हैं, उन्हें फिलहाल इंतजार करना होगा.
कब तक हटेगी रोक
फंड हाउसों का कहना है कि यह रोक अस्थायी है और बाजार की स्थिति सामान्य होने पर हटाई जा सकती है. उम्मीद यही है कि जब घरेलू और ग्लोबल दामों के बीच का अंतर कम हो जाएगा, फिजिकल सिल्वर की सप्लाई सामान्य होगी और मार्केट में स्थिरता लौटेगी, तब फंड्स दोबारा निवेश के लिए खोले जाएंगे. तब तक यह कदम निवेशकों को गलत वैल्यूएशन पर निवेश करने से बचाने का काम करेगा.