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बैंक एफडी पर बेहतर रिटर्न चाहने वाले निवेशकों के पास फिलहाल मौका है. Photograph: (Screengrab/PFRDA)
Highest Interest rate on 5 Year Fixed Deposits: भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी RBI MPC बैठक में रिजर्व बैंक ने ब्याज दर घटाने का एलान कर दिया है. नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती करके इसे 5.50 फीसदी कर दिया गया है. आरबीआई ने रेपो दर में कटौती का एलान इस साल में लगातार तीसरी बार किया है. इससे पहले फरवरी और अप्रैल में भी आरबीआई ने रेपो रेट को 25 बेसिस प्वॉइंट और 25 बेसिस प्वॉइंट घटाकर 6.00 फीसदी कर दिया था.
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट में भारी कटौती के बाद बैंकों की ओर से फिर एक बार डिपॉजिट पर ब्याज दरें कम की जाने वाली है. ऐसे में जमा पर हायर इंटरेस्ट रेस्ट चाहने वाले निवेशक जल्द से जल्द अपनी सेविंग बैंक एफडी में लॉक कर सकते हैं. फिलहाल कई बैंक अपनी एफडी स्कीम्स पर आकर्षक रिटर्न दे रहे हैं. निवेशक चाहें तो इन स्कीम्स में लॉक कर अगले 5 सालों तक फिक्स रेट पर बेहतर रिटर्न का लाभ उठा सकते हैं.
इन दिनों किस बैंक द्वारा 5 साल की एफडी पर कितनी ब्याज दर दी जा रही है, इसकी जानकारी नीचे लिस्ट में दी गई है, आप इसे देखकर निवेश का फैसला ले सकते हैं.
5 साल की एफडी पर सरकारी बैंक दे रहे हैं इतना रिजल्ट
सरकारी बैंकों में वर्तमान में 5 साल की एफडी पर सालाना 6 से 6.8% के बीच ब्याज दर मिल रही है. उदाहरण के लिए, यदि आप 10 लाख रुपये की एफडी 6.8% की ब्याज दर पर कराते हैं, तो 5 साल बाद आपकी मैच्योरिटी वैल्यू लगभग 14,00,938 रुपये होगी, जिसमें आपका कुल ब्याज 4,00,938 रुपये होगा. वहीं, अगर ब्याज दर 6% हो तो 5 साल बाद मैच्योरिटी वैल्यू लगभग 13,46,855 रुपये होगी और इस पर आपकी कमाई 3,46,855 रुपये होगी. इस प्रकार, ब्याज दर के अनुसार आपकी एफडी से होने वाली कुल कमाई में अंतर आता है.
सरकारी बैंक - 5 साल की एफडी पर सालाना ब्याज दर (%)
Bank of India - 6.00
Indian Bank - 6.25
Punjab National Bank - 6.25
State Bank of India - 6.30
Bank of Maharashtra - 6.50
Indian Overseas Bank - 6.50
Punjab & Sind Bank - 6.50
Union Bank of India - 6.50
Canara Bank - 6.70
Central Bank of India - 6.75
Bank of Baroda - 6.80
प्राइवेट बैंक एफड़ी पर दे रहे हैं 7.75 % तक रिटर्न
प्राइवेट बैंक - 5 साल की एफडी पर सालाना ब्याज दर (%)
Bandhan Bank - 5.85
IDFC FIRST Bank - 6.00
South Indian Bank - 6.00
Kotak Mahindra Bank - 6.20
Jammu & Kashmir Bank - 6.50
Karnataka Bank - 6.50
HDFC Bank - 6.65
Axis Bank - 6.70
ICICI Bank - 6.75
Federal Bank - 6.90
Karur Vysya Bank - 7.00
IndusInd Bank - 7.10
RBL Bank - 7.10
SBM Bank India - 7.75
यानी अगर कोई निवेशक वर्तमान में सालाना 7.75% की ब्याज दर पर 5 साल की एफडी करता है, तो 5 साल बाद उसकी कुल मैच्योरिटी वैल्यू लगभग 14,64,247 रुपये हो जाएगी, जिसमें ब्याज के रूप में कमाई 4,64,247 रुपये होगी.
SFBs में 5 साल की एफडी पर मिल रहा है 8.15% तक ब्याज
स्मॉल फाइनेंस बैंक - 5 साल की एफडी पर सालाना ब्याज दर (%)
ESAF Small Finance Bank - 6.00
Ujjivan Small Finance Bank - 7.20
AU Small Finance Bank - 7.25
Equitas Small Finance Bank - 7.25
Utkarsh Small Finance Bank - 7.75
NorthEast Small Finance Bank - 8.00
Jana Small Finance Bank - 8.20
Suryoday Small Finance Bank - 8.60
Unity Small Finance Bank - 8.15
यानी अगर कोई निवेशक Unity Small Finance Bank में 5 साल के लिए 10 लाख रुपये की एफडी करता है, तो मैच्योरिटी पर उसकी कुल वैल्यू लगभग 15,00,583 रुपये हो जाएगी, जिसमें केवल ब्याज से कमाई 5,00,583 रुपये होगी.
SFB क्यों देते हैं ज्यादा ब्याज
स्मॉल फाइनेंस बैंकों का बिजनेस मॉडल थोड़ा अलग होता है. ये बैंक उन ग्राहकों को लोन देते हैं जिन्हें बड़े बैंकों से कर्ज नहीं मिल पाता. ये कर्ज आम तौर पर ज्यादा ब्याज पर होता है, जिससे बैंक को अपने डिपॉजिटर्स को भी ज्यादा ब्याज देने की गुंजाइश मिलती है. लेकिन यहां एक जोखिम भी छिपा होता है. अगर लोन लेने वाले ग्राहक डिफॉल्ट कर दें, तो बैंक की आर्थिक स्थिति बिगड़ सकती है.
क्या आपका पैसा सुरक्षित है?
RBI से लाइसेंस लेकर काम करने वाले बैंक डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत कवर होते हैं. इसका मतलब है कि किसी भी बैंक में 5 लाख रुपये तक की डिपॉजिट पर इंश्योरेंस कवरेज मिलता है. यानी अगर कोई बैंक डिफॉल्ट करता है, तब भी आपको 5 लाख रुपये तक की रकम वापस मिल जाएगी. इस कवरेज का फायदा लेना है, तो एक बैंक में 5 लाख से ज्यादा की FD नहीं करवाने की सलाह दी जाती है.
निवेश से पहले चेक करें बैंक की रेटिंग
FD में निवेश करने से पहले बैंक की क्रेडिट रेटिंग जरूर जांचनी चाहिए. CRISIL, ICRA और CARE जैसी एजेंसियां बैंकों को रेट करती हैं. अगर किसी बैंक की रेटिंग ‘A’ या उससे ऊपर है, तो यह संकेत है कि बैंक की वित्तीय स्थिति मजबूत है और जोखिम कम है. लेकिन कम रेटिंग वाले बैंक में निवेश करने का मतलब बड़ा रिस्क लेना हो सकता है.
(Credit : Paisa Bazaar, SBI Maturity Value Calculator)