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रिटायरमेंट की उम्र में या बुढ़ापे में सबसे ज्यादा टेंशन अपनी जमा पूंजी को बेहतर तरीके से मैनेज करने की होती है, साथ ही रेगुलर इनकम की भी. (Pixabay)
Special Benefits in SCC Account : अगर आप अपने माता पिता के लिए बुढ़ापे में रेगुलर इनकम का इंतजाम करना चाहते हैं तो सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (Senior Citizens Savings Scheme) की खास सुविधा का लाभ उठा सकते हैं. सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम एक सरकारी रिटायरमेंट बेनेफिट प्रोग्राम है. इस अकाउंट में सीनियर सिटीजंस म्प निवेश कर सकते हैं. अगर आप SCSS अकाउंट में डिपॉजिट करते हैं तो आपके डिपॉजिट पर सरकार द्वारा तय ब्याज मिलता है. ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है. इस ब्याज को रेगुलर इनकम के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है. वहीं आपके द्वारा जमा की गई पूरी रकम मैच्योरिटी के बाद वापस हो जाएगी. जिसके बाद आप फिर यह अकाउंट खुलवाकर रेगुलर इनकम का लाभ ले सकते हैं. इस अकाउंट को आप 5 साल की मैच्योरिटी के बाद 3 साल के लिए और बढ़ा सकते हैं.
ब्याज और डिपॉजिट के रूल
सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम पर अभी 8.2 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिल रहा है. यह ब्याज हर 3 महीने पर आपके अकाउंट में आ जाता है. सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम में एक अकाउंट के जरिए मैक्सिमम 30 लाख रुपये और मिनिमम 1000 रुपये डिपॉजिट करने की सुविधा है. वहीं इस स्कीम के तहत आप अपने माता और पिता दोनों के नाम पर 2 अलग अलग इनडिविजुअल अकाउंट भी शुरू कर सकते हैं. दोनों अलग अलग अकाउंट में अधिकतम 30 लाख और 30 लाख जमा किया जा सकता है. यह अकाउंट देश के किसी पोस्ट ऑफिस (Post Office Savings Scheme) में या अथॉराइज्ड बैंक ब्रॉन्च में खोला जा सकता है. इस योजना की मैच्योरिटी अवधि 5 साल की है.
हाइएस्ट सेफ्टी और टैक्स सेविंग्स बेनेफिट
रिटायरमेंट की उम्र में या बुढ़ापे में सबसे ज्यादा टेंशन अपनी जमा पूंजी को बेहतर तरीके से मैनेज करने की होती है, साथ ही रेगुलर इनकम की भी. रेगुलर इनकम इसलिए जरूरी है कि नॉन वर्किंग लाइफ भी उसी बेहतर तरीके से चलती रहे, जैसे नौकरी के दिनों में चल रही थी. SCSS इन दोनों पहलुओं पर खरी उतरती है. यह एक ऐसी सरकारी स्कीम है, जिसे रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं. वहीं, यह योजना हाइएस्ट सेफ्टी और टैक्स सेविंग्स बेनेफिट (Tax Benefits) भी ऑफर करती है. इसमें इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये निवेश पर टैक्स छूट मिलती है.
SCSS : हर 3 महीने पर 1.20 लाख रुपये ब्याज
2 अलग अलग अकाउंट में अधिकतम जमा: 60 लाख रुपये
ब्याज दर: 8.2 फीसदी सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
सालाना ब्याज: 2,81,200 रुपये
तिमाही ब्याज: 1,20,300 रुपये
5 साल में कुल ब्याज: 24,06,000
कुल रिटर्न: 84,06,000 लाख रुपये
SCSS : सिंगल अकाउंट पर कितनी इनकम
एक अकाउंट में अधिकतम जमा: 30 लाख रुपये
ब्याज दर: 8.2 फीसदी सालाना
मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल
सालाना ब्याज: 2,40,600 रुपये
तिमाही ब्याज: 60,150 रुपये
5 साल में कुल ब्याज: 12,03,000
कुल रिटर्न: 42,03,000 लाख रुपये
SCSS : इस स्कीम के लिए कौन कौन है योग्य
- 60 साल से ऊपर के इनडिविजुअल अकाउंट खुलवा सकते हैं.
- 55 साल से अधिक और 60 साल से कम के रिटायर सिविलियन कर्मचारी भी अकाउंट शुरू कर सकते हैं. हालांकि, निवेश रिटायरमेंट बेनेफिट मिलने के 1 महीने के भीतर किया जाना चाहिए.
- 50 साल से अधिक और 60 साल से कम के रिटायर्ड रक्षा कर्मचारी भी योग्य हैं. हालांकि, निवेश रिटायरमेंट बेनेफिट मिलने के 1 महीने के भीतर किया जाना चाहिए.
- अकाउंट सिर्फ इनडिविजुअल कैपेसिटी में या स्पाउस के साथ कंबाइंड रूप से खोला जा सकता है. कंबाइंड अकाउंट में जमा की गई पूरी राशि केवल पहले अकाउंट होल्डर को दी जाएगी.
- अनिवासी भारतीय (एनआरआई) और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) एससीएसएस खोलने के लिए पात्र नहीं हैं.
(Source : India Post)